सूरत की हाईटेक स्वीट वॉटर टेक्नोलॉजी कंपनी अब यूरोपीय बाजार में कर रही है प्रवेश

सूरत: देश के हर कोने में लोगों को साफ पानी मुहैया कराने के मकसद से 1999 में सूरत में छोटे पैमाने पर शुरू हुई हाई टेक स्वीट वॉटर टेक्नोलॉजी कंपनी आज बड़ी कंपनी बन गई है. कंपनी ने अब यूरोप की ओर कदम बढ़ा दिए हैं. हाई- टेक कंपनी ने हाल ही में यूरोप में आयोजित एक्वाटेक  प्रदर्शनी में भी भाग लिया.

हाईटेक स्वीट वॉटर टेक्नोलॉजी कंपनी के संचालक विजय शाह ने कहा कि हाईटेक कंपनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत, स्वच्छ जल और मेक इन इंडिया अभियान को सफल बनाने में जुटी हुई है. वर्ष 1999 में एक छोटी पैमाने पर  कंपनी शुरू की गई थी. आज  कंपनी में 2000  कर्मचारी काम कर रहे हैं.  यानी 2000 परिवार कंपनी से जुड़े हुए हैं. कंपनी अब यूरोपीय बाजार में प्रवेश करने जा रही है. इसके तहत  हाल ही में एम्स्टर्डम में आयोजित एक्वाटेक प्रदर्शनी में भी कंपनी ने भाग लिया था. यहां हाईटेक कंपनी को कई इंकवारिया प्राप्त हुई है.  

पूछताछ प्राप्त हुई. ये एक ऐसी प्रदर्शनी श्रृंखला है स्वच्छ पानी के लिए जरूरी उपकरणों का व्यापार करने वाले दुनिया भर पेशेवर और नए लोग शामिल होते हैं और इनोवेशन व टेक्नोलॉजी को पेश करते हैं. हाईटेक कंपनी का शुरू से ही एक ही लक्ष्य है, सभी को साफ पानी मिले और मेक इन इंडिया अभियान के सपने को साकार करने में कंपनी का योगदान देश में अहम योगदान होने के और रोजगार के अवसर पैदा करे. आज हाईटेक कंपनी इसी लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है और 2000 परिवार कंपनी के साथ हैं. इस परिवार को और भी बड़ा बनाने के लिए कंपनी लगातार प्रयास कर रही है. 

विजय शाह ने आगे कहा गया कि हाल ही में कंपनी को बदनाम करने की साजिश की जा रही है.  मीडिया में यह अप्रमाणित खबर छपी कि एक हाई- टेक कंपनी के  शाह दंपत्ति कर्ज चुकाए बिना अमेरिका भाग गए हैं. आज हम आप सबके सामने हैं तो ये कैसे कहा जा सकता है कि हम भाग गए.  बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से खुद यह घोषणा की गई है कि हाईटेक कंपनी बैंक के अच्छे ग्राहकों में से एक है. कंपनी आज भी मजबूत है और यह स्पष्ट है कि कंपनी अब यूरोप में विस्तार कर रही है.

आगे कहा गया है कि इस तरह के निराधार आरोप कश्यप इंफ्राप्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के हिरेन भावसार द्वारा लगाए गए थे, जो हाई- टेक स्वीट वॉटर टेक्नोलॉजीज के साथ व्यापारिक विवादों का इतिहास रखने वाला व्यक्ति है. इसके अलावा पूर्व में कैलाश लोहिया ने कंपनी की बिहार जल परियोजना में भी धोखाधड़ी की थी. परियोजना के लिए घटिया सौर पैनल/ पंप की आपूर्ति हिरेन भावसार द्वारा की गई थी. कैलाश लोहिया ने अवैध रूप से हाई- टेक स्वीट वाटर टेक्नोलॉजीज ग्रुप कंपनी के शेयरों को अपने नाम पर स्थानांतरित कर लिया और अपनी पत्नी दिशा लोहिया के नाम पर पर्याप्त धनराशि का दुरुपयोग किया. 

इस संबंध में कंपनी द्वारा कैलाश लोहिया के खिलाफ एक आपराधिक मामला भी दायर किया गया था और उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और जेल की सजा काट चुके थे और वर्तमान में इस मामले में जमानत पर बाहर हैं. हाई टेक स्वीट वॉटर कंपनी द्वारा हिरेन भावसार, कैलाश लोहिया और कश्यप इंफा टेक के खिलाफ सूरत कोर्ट में कंपनी को गलत तरीके से बदनाम करने के लिए 500 करोड़ रुपये का मानहानि का दावा भी दायर किया गया है.