नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर बृहस्पतिवार को कहा कि वह 'भारत जोड़ो' में विश्वास करते थे, जो भारत के आंतरिक मूल्यों में रचा-बसा है. उन्होंने राष्ट्रीय युवा दिवस पर एक संदेश में कहा, "कांग्रेस की ओर से, मैं आपको 'राष्ट्रीय युवा दिवस' की हार्दिक बधाई देता हूं. यह दिन भारत के महानतम दार्शनिकों में से एक, स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है. '
खरगे ने कहा कि विवेकानंद जी भारतीय मूल्यों के प्रतीक और हमारे युवाओं के लिए एक प्रेरणापुंज थे. स्वामी जी के विचारों और आदर्शों को श्रद्धांजलि के रूप में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इस दिन को "राष्ट्रीय युवा दिवस" के रूप में घोषित किया. उन्होंने यह भी कहा, 'स्वामी जी 'भारत जोड़ो' में विश्वास करते थे, जो कि भारत के आंतरिक मूल्यों में रचा-बसा है. कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक, स्वामी विवेकानंद ने 1893 में शिकागो में 'विश्व धर्म संसद' में कहा था, "सांप्रदायिकता, कट्टरता और इसके भयानक वंशजों के धार्मिक हठ ने लंबे समय से इस खूबसूरत धरती को जकड़ रखा है. उन्होंने इस धरती को हिंसा से भर दिया है और कितनी ही बार यह धरती खून से लाल हो चुकी है. न जाने कितनी सभ्यताएं तबाह हुईं और कितने देश मिटा दिए गए. खरगे ने कहा कि आज हमारे करोड़ों लोग भारत को एक करने की आकांक्षा लिए इसके सपने देखने और समाज में फ़ैली नफ़रत को मिटाने के लिए आतुर हैं. स्वामी जी का संदेश हम सभी के लिए, विशेष रूप से हमारे युवाओं के लिए मार्गदर्शक प्रकाश बना हुआ है.'
उनका कहना है कि भारत दुनिया की युवा आबादी का पांचवां हिस्सा है. भारत का युवा बदलाव के लिए बेक़रार हैं. वे बेहतर और सुरक्षित जीवन का सपना देख रहे हैं और चाहते हैं कि भारत वैश्विक प्रगति के शिखर पर विराजमान हो. हम जानते हैं कि यह तभी संभव हो सकता है जब हम धर्म, जाति, भाषा, जातीयता, रंग, पंथ या लिंग की बाधाओं को खत्म कर दें. खरगे ने कहा कि सद्भाव के साथ रहने वाला समाज ही इसे प्राप्त कर सकता है. तो आइए, हम इस बदलाव की शुरुआत करने के लिए साथ आएं. जैसे स्वामी विवेकानंद जी ने कहा "उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये ! कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक लक्ष्य न प्राप्त हो जाए.... महान आध्यात्मिक गुरु और विचारक, युवाओं के प्रेरणास्रोत, स्वामी विवेकानंद जी को उनकी जयंती पर सादर नमन. सोर्स- भाषा