तीज के रंग.. राजस्थान के संग थीम पर आयोजित हुआ तीज महोत्सव, श्रद्धा और भक्ति सैलाब के साथ निकली बूढ़ी तीज माता की सवारी

तीज के रंग.. राजस्थान के संग थीम पर आयोजित हुआ तीज महोत्सव,  श्रद्धा और भक्ति सैलाब के साथ निकली बूढ़ी तीज माता की सवारी

जयपुर : शहर में परम्परा और रीति-रिवाजों के साथ बूढ़ी तीज माता की सवारी निकाली गई. इस सवारी के देखने के लिए बुधवार की तरह ही शहर उमड़ा. जयपुरवासियों सहित विदेशी सैलानियों ने बूढ़ी तीज माता की सवारी देखी. विदेशी सैलानी बूढ़ी तीज माता की सवारी के साथ चल रहे शाही लवाजमे को देख अभिभूत नजर आए. आस्था और उमंग के सैलाब के बीच जैसे ही त्रिपोलिया गेट से  तीज माता की सवारी नगर भ्रमण के लिए निकली तो लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए प्रवासी भी तीज माता की सवारी से जुड़े. 

पर्यटन विभाग के उप निदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया की लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए प्रवासियों को भी तीज महोत्सव से जोड़ने के लिए यह लाइव स्ट्रीमिंग राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा की गई. उपनिदेशक  शेखावत के अनुसार तीज की सवारी देखने जिस तरह से शहर उमड़ा यह सुखद संकेत हैं जो बरसों के बाद देखने को मिला. उन्होंने की विभाग की ओर से तीज-त्यौहार और मेलों का आयोजन परम्पराओं और रीति-रिवाजों को अक्षुण्ण बनाए रखने में सहायक होते हैं. इससे  पूर्व जयपुर के पूर्व राजघराने की महिलाओं ने जनानी ड्योढ़ी में तीज माता की पूजा-अर्चना करते हुए, लोकगीत के बीच माता की पालकी को रवाना किया और पूर्वराजघराने के सदस्य पद्मनाभ सिंह ने  त्रिपोलिया गेट पर तीज माता को विधिवत भोग अर्पित किया और फिर तीज माता की सवारी त्रिपोलिया गेट से होकर छोटी चौपड़, चौगान स्टेडियम होते हुए तालकटोरा पहुंचकर विसर्जित हुई. 

त्रिपोलिया गेट से जैसे ही तीज माता की सवारी नगर भ्रमण के लिए निकली तो सवारी पर ड्रोन द्वारा पुष्प वर्षा की गई. सवारी के पीछे -पीछे मंगल कलश लिए महिलाएं अखंड सुहाग की कमाना करते हुए साथ चली. सबसे पहले निशान का हाथी आगे चला. उसके पीछे-पीछे जयपुर शहर के एक से बढ़कर एक ख्यातनाम बैंड वादकों की टोली द्वारा बैंड वादन किया गया. उनके द्वारा बजाई गई राजस्थानी लोक गीतों की धुनों पर शहरवासी व लाइव स्ट्रीमिंग देख रहे दर्शक थिरकते रहे. लोक कलाकारों द्वारा दी जाने वाली प्रस्तुतियों के लिए भी जनानी ड्योढ़ी, छोटी चौपड़ व ताल कटोरा पर मंच बनाए गए. जिसके जरिए पूरे शहर ने तीज की सवारी का अधिक से अधिक आनंद लिया. लोक कलाकारों की प्रस्तुति के साथ मनोहारी आतिशबाजी का भी आयोजन किया गया, जिसने माहौल को आतिशी बना दिया. 

शोभा यात्रा के दौरान  आरएसी व जेल बैंड द्वारा भी प्रस्तुतियां दी गई. विदेशी सैलानियों का तीज के अवसर पर बनने वाली विशेष व्यंजन घेवर खिलाकर उनका मुंह मीठा करवाया गया. उन्होंने बताया की तीज के अवसर पर प्रदेश भर के करीब 150 से अधिक लोक कलाकारों व  80 बैंड कलाकारों ने प्रस्तुतियां दी. तालकटोरा पर बनाए गए मंच पर ख्यातनाम गायक गौरव जैन की प्रस्तुतियों ने सैलानियों में श्रद्धा और उत्साह का संचार किया. पर्यटन विभाग की ओर से सैलानियों के हाथों पर मेहंदी मांडणे की व्यस्था की गई. सैलानियों ने उत्साह और उमंग के साथ मेहंदी लगवाई. मेहंदी कलाकारों द्वारा आधुनिक और परम्परागत डिजाइन हाथों में बनाकर सैलानियों की वाह-वाही लूटी. जयपुर, बस्सी, किशनगढ़, बालोतरा, अलवर, चूरू, बीकानेर, बांदीकुई से आए लोक कलाकारों के दलों ने कच्ची घोड़ी नृत्य, घूमर नृत्य, गैर नृत्य( लाल), गैर नृत्य(सफेद), कालबेलिया नृत्य, पद दंगल, भपंग वादन, चंग ढाप नृत्य, मश्क वादन, ढोल झांझ नृत्य, कठपुतली नृत्य, रावण हत्था वादन, शहनाई वादन आदि की प्रस्तुतियां दी. 

तीज महोत्सव अंग्रेजी की उद्घोषणा मेल्विन कैस्टलीनो द्वारा व प्रीती सक्सेना द्वारा हिन्दी में उद्घोषणा की गई. तीज महोत्सव की थीम तीज के रंग... राजस्थान के संग रखी गई थी. जिसके तहत विभाग द्वारा फोटो कॉन्टेसट का आयोजन किया गया था. 11 अगस्त तक विभाग के सोशल मीडिया अकाउन्ट्स पर प्रतिभागी तीज महोत्सव से जुड़ी पांच-पांच फोटो भेज सकेंगे. चुनिंदा फोटोग्राफ्स को विभाग द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा. वहीं तीज महोत्सव को राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करने के लिए विभाग तीज महोत्सव के दौरान इंफ्लेजुएर्स को भी बुलाया गया. इंफ्लेंजुअर शिवादित्य बड़जात्या और चंचल राठौड़ ने तीज महोत्सव के दौरान तीज के रंग राजस्थान के संग थीम के साथ-साथ तीज के रंग.. घेवर के संग, तीज के रंग...लहरिया के संग. व तीज के रंग आभूषणों के संग आदि थीम को इस महोत्सव में शामिल किया.