भारतीय चित्र साधना के पांचवें फिल्म फेस्टिवल की डेट हुई अनाउंस, प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई जानकारी

मुंबई : डॉक्यूमेंट्री और फिल्म मेकर्स की प्रतीक्षा को समाप्त करते हुए भारतीय चित्र साधना ने चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल (CBFF) के 5वें संस्करण की तिथियों की घोषणा कर दी है. भारतीय चित्र साधना की ओर से गुरुवार को दिल्ली के कान्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी गई
पत्रकार वार्ता में सिने जगत के जाने माने निर्देशक व अभिनेता सतीश कौशिक, भोजपुरी सिनेमा के प्रसिद्ध गायक, अभिनेता व सांसद मनोज तिवारी उपस्थित थे. मंच पर भारतीय चित्र साधना के अध्यक्ष बी के कुठियाला और सचिव अतुल गंगवार भी उपस्थित रहे.

प्रेस वार्ता में 5वें चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल के पोस्टर का लोकार्पण किया गया. साथ ही 2024 में होने वाले चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल की तिथियों व स्थान की घोषणा भी की गई.

प्रेस वार्ता में भारतीय सिनेमा के बदलते स्वरूप और न्यू कमर्स की चुनौतियों पर सतीश कौशिक ने कहा कि मैंने देश से लेकर विदेशों तक में बहुत फ़िल्म फेस्टिवल अटेंड किये हैं लेकिन भारतीय चित्र साधना एकदम अलग है, ये सिर्फ़ फेस्टिवल का मंच नहीं बल्कि चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल एक मक़सद के साथ चल रहा है. ये एक साधना  के  साथ फ़िल्म जगत के नव निर्माण के लिए निरंतर आगे बढ़ रहा है सतीश कौशिक के अनुसार सिनेमा का  पटल सिर्फ़ पैसा कमाने का औज़ार नहीं बल्कि चलचित्र के माध्यम से अपनी सभ्यता और संस्कृति को दिखाने व देश की परम्पराओं, इतिहास , और मूल्यों को बताने का अवसर है. आज पश्चिम के प्रभाव को स्क्रीन पर देख कर दर्शक थक चुके है. सिनेमा जगत में भारतीय मूल्यों के साथ बदलाव की जरूरत है लेकिन रीजनल सिनेमा की  पावर आज भी बहुत मजबूत है.

रिजनल सिनेमा जगत चाहे वो भोजपुरी, पंजाबी या दक्षिण भारत का सिने जगत हो, यहां फिल्में भले कम बजट की बनती हैं मगर उद्योग करोड़ों का है. कौशिक ने कहा कि रीजनल सिनेमा में आज भी भारतीयता देखने को मिलती है. उन्हें इस बात की खुशी है कि भारतीय चित्र साधना का पांचवा संस्करण उनके गृह राज्य हरियाणा में हो रहा है. अभिनेता, निर्देशक सतीश कौशिक ने भारतीय चित्र साधना को धन्यवाद देते कहा कि चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल फिल्म मेकर्स और इंडस्ट्री के हर क्षेत्र के न्यू कमर्स के लिए आने वाले समय में एंट्री गेट है जो छिपी प्रतिभाओं को पहचान दिलाने के साथ ही उन्हें उपयुक्त मंच भी प्रदान करता है. उन्होंने आश्वासन दिया कि भारतीय चित्र साधना के इस प्रयास में जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, वो उसे पूर्णतः निभाएंगे. 

पोस्टर लॉन्च के मौके पर अभिनेता, सांसद व गायक मनोज तिवारी ने चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल को प्रतिभाओं को सृजन करने वाला मंच बताया और कहा चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल बिलकुल हट कर है. वर्ष 2024 में  23, 24 व 25 फरवरी को हरियाणा  के पंचकुला में चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल में भारतीय मूल्यों का मेला लगेगा जो सिनेमा के माध्यम से भारतीयता का संदेश देगा. पंचकुला में चित्र भारती के पटल पर  फिल्म जगत की जागरूक हस्तियों को जमावड़ा होगा.

 सिनेमा के नए ट्रेंड की तरफ ध्यान खींचते हुए उन्होंने कहा कि सिनेमा को बनाने वाले और देखने वाले सिनेमा में क्या चाहते हैं इसके लिए भी एक सिस्टम होना चाहिए लेकिन इसको लेकर कोई मापदंड नहीं है. तिवारी ने कहा कि सिनेमा में काम करने वाला हर व्यक्ति आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होता, कई लोग 10 -10 हजार पर काम करते हैं और उनके काम का नाम कोई और ले जाता है मगर वो बेचारा कुछ नहीं बोलता क्योंकि इसी फिल्म इंडस्ट्री में उसे आगे भी काम करना है. यहीं पर चित्र भारती फिल्मोत्सव औरों से अलग हो जाता है जो नई प्रतिभाओं को मौका देता है, साथ ही कुल 10 लाख तक का इनाम भी देता है जो नई  प्रतिभाओं के लिए महत्वपूर्ण है.

बीते कुछ समय में रणनीति के तहत भारतीय मूल्यों को कमतर दिखा कर पश्चिमी सभ्यता के दबदबे के साथ सिनेमा की परिभाषा बदली गई. इस बात का अंदाजा तो  सिनेमा में काम करने वाले लोगों को भी बाद में समझ आया. गायक, अभिनेता और सांसद मनोज तिवारी ने फिल्म मकर्स से अपील करते हुए कहा कि भारतीय चित्र साधना में जो भाग लेना चाहते है उनके लिए बड़ा अवसर है और आने वाले समय में भारतीय चित्र साधना बड़े निर्माताओं का मंच होगा. चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल दर्शकों और निर्माताओं में विश्वास जगाएगा कि भारतीय मूल्यों का सिनेमा भी खूब ट्रेंड में चलता है और पसंद किया जाता है.

इस बार फिल्म फेस्टिवल में बाल फिल्म श्रेणी को भी जोड़ा गया है. जिसके साथ कुल चार श्रेणियां में फिल्में आमंत्रित की जा रही हैं डॉक्युमेंट्री, शॉर्ट फिल्म, बाल फिल्म और कैम्पस. फिल्म फेस्टिवल का 5वां संस्करण हरियाणा के पंचकूला में 23 से 25 फरवरी 2024 को होगा. तीन दिन तक चलने वाले फिल्म फेस्टिवल में भारत के सिनेमा जगत के कई दिग्गज शामिल होंगे.

फिल्म फेस्टिवल के 5वें संस्करण के विषय हैं महिला सशक्तिकरण, रोजगार सृजन, समरसता, पर्यावरण, भविष्य का भारत, जनजातीय समाज, ग्राम विकास, वसुधैव कुटुंबकम. बाल फिल्म के विषय हैं पराक्रमी बच्चे, बाल शिक्षा में नवाचार और नैतिक शिक्षा. फिल्मोत्सव में कुल 10 लाख तक के पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे.

5वें फिल्म फेस्टिवल के लिए प्रतिभागी 1 सितंबर से 30 नवंबर, 2023 तक अपनी प्रविष्टियां भेज सकते हैं. अधिक जानकारी चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल (CBFF) की वेबसाइट www.chitrabharati.org पर उपलब्ध है.

प्रेस वार्ता के दौरान भारतीय चित्र साधना के अध्यक्ष बी. के. कुठियाला ने कहा कि भारत विश्व में सबसे ज़्यादा फ़िल्में बनाने, देखने और चर्चा करने वाला देश है. शुरुआती दौर में भारतीय फ़िल्मों में भारत और भारत के लोग दिखते थे. लेकिन धीरे धीरे फिल्मों से भारतीयता ख़त्म होती गई और एक विमर्श खड़ा किया. इसी चिंतन और मंथन के साथ भारतीय सिनेमा में भारत को वापस लाने के उदेश्य से भारतीय चित्र साधना का उदय 2014  में हुआ. इंदौर, दिल्ली, अहमदाबाद, भोपाल और अब चित्र भारतीय फ़िल्म फेस्टिवल का पांचवां संस्करण है जो 2024  में पंचकुला में होगा. आज इस मंच से चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल की विस्तृत घोषणा के साथ पांचवें संस्करण का आग़ाज़ हुआ है. पिछले कुछ साल में हमने 15  वर्क शॉप करवाए. 30 लोगों को सेलेक्ट किया और भारतीय चित्र साधना की तरफ से 27 लोगों को फ़िल्म मेकिंग का पूर्ण प्रशिक्षण दिया गया. जो आने वाले समय में भारत की फ़िल्मों में भारत की मिट्टी की महक के साथ एक नई और दमदार शुरुआत करने वाले हैं.

भारतीय चित्र साधना के सचिव अतुल गंगवार ने कहा कि ये मंच नई प्रतिभाओं का मंच है. मंच को वे अपना घर मानें, जहां उनकी प्रतिभा को खुल कर दिखाने का अवसर मिलता है.

चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल के चतुर्थ संस्करण (2022) का आयोजन झीलों के शहर कहे जाने वाले भोपाल में हुआ था. जिसमें विवेक अग्निहोत्री, अक्षय कुमार, अभिनव कश्यप, योगेश सोमन जैसे जाने माने चेहरे मंच पर नजर आए थे. फिल्म फेस्टिवल (2022) में 21 राज्यों से 15 अलग-अलग भाषाओं की कुल 712 फिल्में प्राप्त हुई थीं. चार अलग अलग श्रेणियों में 24 फिल्मों को पुरस्कृत किया गया था और 120 फिल्मों की स्क्रीनिंग हुई थी.

बॉक्स चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल परिचय
चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल ने सिनेमा के क्षेत्र में एक नया आंदोलन शुरू किया है. नई प्रतिभा की खोज और क्रिएटीविटी के साथ-साथ भारतीय मूल्यों के समावेश के उद्देश्य से भारतीय चित्र साधना ने फिल्म सोसायटीज़ के माध्यम से सिनेमा पर चर्चा, फिल्म निर्माण कार्यशाला और फिल्म फेस्टिवल की शुरूआत की है. पिछले सात वर्षों में चार फिल्मोत्सव के माध्यम से सिनेमा जगत में चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल ने अपनी एक नई पहचान बनाई है. आज इस मंच से सिनेमा जगत की सभी जानी मानी हस्तियाँ जुड़ी हैं. जिसमें सुभाष घई, विवेक अग्निहोत्री, प्रसून जोशी, मनोज मुंतशिर, मधुर भंडारकर, आदि शामिल हैं. आज समस्त फिल्म प्रेमियों, निर्माता-निर्देशकों, लेखकों, कलाकारों ही नहीं सिनेमा के छात्रों को भी हर दो साल के अंतराल में होने वाले चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल की प्रतीक्षा रहती है. अगले वर्ष पांचवा संस्करण आयोजित होने वाला है.

फिल्म फेस्टिवल का आकर्षण मास्‍टर क्‍लास, ओपन फोरम और फिल्‍म स्‍क्रीनिंग होता है. मास्‍टर क्‍लास में सिनेमा के वरिष्‍ठ कलाकार युवाओं से संवाद करते हैं और अपनी फिल्मी यात्रा के अनुभव को साझा करते हुए उन्हें फिल्म निर्माण बारीकियाँ बताते हैं. ओपन फोरम में प्रतिभागी एवं सहभागी आपस में विमर्श करते हैं तो वहीं फिल्‍म स्‍क्रीनिंग में अलग-अलग वर्गों में आमंत्रित फिल्‍मों का प्रदर्शन और पुरस्‍कारों के लिए चयन किया जाता है. भारतीय चित्र साधना फिल्म फेस्टिवल के माध्‍यम से फिल्मों में भारतीयता के विचार को केंद्र में रखकर युवाओं को प्रेरित एवं प्रोत्‍साहित करती है.

चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल की शुरूआत 2016 में इंदौर से ही हुई थी. जिसमें राजपाल यादव, मधुर भंडारकर, विवेक अग्निहोत्री, मुकेश तिवारी जैसी हस्तियाँ शामिल हुई थीं. दूसरा चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल 2018 में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित हुआ था. इसमें 700 से अधिक प्रविष्टियां आयीं थीं. यहां युवा प्रतिभागियों को सुभाष घई, हेमा मालिनी, केवी विजयेंद्र प्रसाद, मनोज तिवारी, प्रियदर्शन व अन्य का स्नेह मिला था. तीसरे चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल का आयोजन फरवरी 2020 में गुजरात के कर्णावती स्थित गुजरात विश्‍वविद्यालय में हुआ था जिसमें सुभाष घई, दिलीप शुक्ला, मिहिर भुत्ता, मनोज जोशी और अब्बास-मस्तान जैसे प्रख्यात फिल्म निर्देशकों, लेखकों ने मास्टर क्लास में फिल्म मेकिंग के गुर सिखाए थे.

चौथा चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित हुआ था. जिसमें भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष, स्वाधीन भारत के 75 वर्ष, अनलॉकडाउन, वोकल फॉर लोकल, गांव खुशहाल-देश खुशहाल, भारतीय संस्कृति और मूल्य, इनोवेशन-रचनात्मक कार्य, परिवार, पर्यावरण एवं ऊर्जा, शिक्षा एवं कौशल विकास जैसे विषय थे.