Madhya Pradesh: पेंच बाघ अभयारण्य में बाघिन टी-4 ने दिया चार शावकों को जन्म

सिवनी: मध्य प्रदेश के सिवनी जिले स्थित पेंच बाघ अभयारण्य में बाघिन टी-4 ने चार शावकों को जन्म दिया है. बाघिन अब तक कुल पांच बार में 20 शावकों को जन्म दे चुकी है. पाटदेव नाम से मशहूर इस बाघिन टी-4 का जन्म साल 2010 में ‘सुपरमॉम कॉलरवाली बाघिन’ से जन्मे पांच शावकों के साथ हुआ था, जिसके नाम पर 29 शावकों को जन्म देने का विश्व कीर्तिमान दर्ज है.

पेंच बाघ अभयारण्य के उप क्षेत्र संचालक रजनीश सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को कहा कि पाटदेव बाघिन (टी-4) के चार नन्हे शावकों को सोमवार, नौ जनवरी को सफारी के दौरान पर्यटकों ने भी देखे हैं. उन्होंने कहा कि इस बाघिन ने पेंच के जंगल में पांचवी बार शावकों को जन्म दिया है. इससे पहले इस बाघिन ने 2014 से 2020 के बीच अलग-अलग साल में कुल चार बार में 16 शावकों को जन्म दिया था. साल 2014 में बाघिन ने पहली बार चार शावकों को जन्म दिया था जिसमें दो नर शावकों की मौत हो गई थी. शेष सभी वयस्क होने तक बाघिन के साथ रहे. सिंह ने बताया कि पांचवी बार में बाघिन ने चार शावकों को जन्म दिया है. बाघिन अब तक पांच बार में 20 शावकों को जन्म दे चुकी है. उन्होंने कहा कि टी-4 बाघिन की उम्र वर्तमान में 12 साल है, जो पूरी तरह स्वस्थ है.

उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह सफारी कर रहे पर्यटकों के सामने से जैसे ही जंगल की कच्ची सड़क पार करती पाटदेव बाघिन निकली, उसके पीछे-पीछे करीब दो माह उम्र के नन्हे चार शावक चहलकदमी करते सड़क पर आ गए. बाघिन के साथ चार नन्हे शावकों को देखकर पर्यटक रोमांचित हो गए. पर्यटकों ने मोबाइल व कैमरे पर बाघिन और नन्हे शावकों के वीडियो, फोटो रिकॉर्ड कर लिए. इंटरनेट पर बाघिन और उसके नन्हे शावकों के वीडियो खूब प्रसारित हो रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक कॉलरवाली बाघिन की विरासत को पाटदेव बाघिन आगे बढ़ा रही है. सोर्स- भाषा