पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती आज, पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने अर्पित की श्रद्धांजलि

नई दिल्लीः आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मनाई जा रही है. उनके जन्मदिन को देशभर में सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस मौके पर पीएम मोदी, राष्ट्रपति मुर्मू, उप राष्ट्रपति जगदीप धनकड़ समेत तमाम नेताओं ने समाधि स्थल पर पहुंच कर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस बार 99वीं जयंती पर भाजपा इसे यादगार बनाने के लिए देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है. 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अटल जी को नमन किया. भजनलाल ने ट्विटर पर लिखा कि अजर...अमर...अटल! आदर्श,नीति और व्यवहार के शिखर पर रहते हुए. वैश्विक पटल पर मां भारती का मस्तक गर्व से ऊंचा करने वाले देश के पूर्व व अभूतपूर्व प्रधानमंत्री हम सब के पथ प्रदर्शक श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन. मां भारती की निरंतर सेवा के लिए समर्पित उनके जीवन से प्रेरणा लेकर. उनकी जयंती को 'सुशासन दिवस' के रूप में मनाते हुए हमारी डबल इंजन की सरकार वीर भूमि राजस्थान के जन-जन के उत्थान व कल्याण हेतु पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हैं. मूल्यों, सिद्धांतों, कर्तव्यों और जनसेवा के प्रति उनकी निःस्वार्थ निष्ठा सदैव हमारा पथ प्रदर्शित करती रहेगी. 

पीएम मोदी ने ट्वीट कर वाजपेयी को श्रद्धाजंलि दी. राष्ट्र निर्माण को गति देने में जुटे रहे अटल. अटलजी का समर्पण, सेवाभाव अमृतकाल में भी प्रेरणास्त्रोत. मां भारती के लिए उनका समर्पण भी प्रेरणास्त्रोत बना रहा. बीजेपी की स्थापना से राष्ट्रवादी राजनीति को नई दिशा दी. सभी परिवारजनों की ओर से मेरा कोटि कोटि नमन. 

गृह मंत्री अमित शाह ने अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी. अमित शाह ने कहा कि अटल जी ने निस्वार्थ भाव से देश की, समाज की सेवा की है. BJP की स्थापना से राष्ट्रवादी राजनीति को नई दिशा दी.  अटल जी ने उभरते भारत की शक्ति का अहसास करवाया है. 

वहीं बात करें उनके राजनीतिक जीवन की तो संसदीय लोकतंत्र की सफलता में अटल जी का बड़ा योगदान रहा है. अटल बिहारी वाजपेयी लोकतंत्र के चमकते सितारे थे. 1957 में 33 वर्ष की उम्र में सांसद बने थे. 6 वर्ष 23 पार्टियों के गठबंधन के प्रधानमंत्री अटल जी रहे. तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे हैं. सबसे पहले 1996 में 13 दिनों के लिए वह प्रधानमंत्री बने थे. बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. दूसरी बार वे 1998 में प्रधानमंत्री बने. सहयोगी पार्टियों के समर्थन वापस लेने की वजह से 13 महीने बाद 1999 में फिर आम चुनाव हुए. 13 अक्टूबर 1999 को वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बने. प्रधानमंत्री बनने के बाद 1998 में परमाणु परीक्षण किया था.