राजस्थानः देश भर में आज गुरुनानक जयंती का पर्व मनाया जा रहा है. गुरु नानक जयंती सिख समुदाय के लोगों का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह पर्व गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस के अवसर पर मनाया जाता है. कहा जाता है कि कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष कि पूर्णिमा तिथि पर गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था. इस साल कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को है. इस वर्ष नानक देव जी की 554वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी.
पावन पर्व के इस उत्सव में लोग उस्ताह के साथ गुरुद्वारों में जा कर मत्था टेक रहे है. और अपने लंबी उम्र, सुख समृध्दि व खुशहाल जीवन की कामना कर रहे है. गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन लोग गुरुद्वारे जाकर मत्था टेकते हैं और गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं. साथ ही इस खास दिन पर गुरुद्वारे में भजन और कीर्तन का विशेष आयोजन भी किया जाता है. स्वयंसेवकों द्वारा भक्तों को लंगर भी परोसा जाता है.
सूर्यनगरी में श्रद्धालुओं की लगी भीड़ः
ऐसे में इस अवसर पर आज जोधपुर में भी आयोजन किया जा रहा है. सूर्यनगरी जोधपुर में विभिन्न प्रकार के आयोजन हो रहे है. जिसमें आनंद सिनेमा के पास गुरूद्वारे में श्रद्धालुओं की जमकर भीड़ लगी हुई है. और भजन कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है. श्रद्धा से गुरु नानक देव को याद किया जा रहा है. गुरु नानक देव के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प ले रहे है.
कोटा में हो रहा आयोजनः
इसी अवसर पर आज कोटा में भी जबरदस्त आयोजन किया जा रहा है. इसी कड़ी में स्टेशन स्थित गुरुद्वारे में शबद कीर्तन चल रहा है. रागी जत्था संगत को निहाल कर रहे है. साथ ही गुरुद्वारे में आये श्रद्धालु मत्था टेक कर संकल्प ले रहे है.
बता दें नानक जी का जन्म 1469 को पंजाब के तलवंडी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था. यह स्थान अब पाकिस्तान में है. इस जगह को ननकाना साहिब भी कहा जाता है. इनके पिता का नाम कल्याण चंद और माता का नाम तृप्ता था. 16 साल की नानक जी ने दौलत खान लोदी के अधीन काम करना शुरू किया. इसके बाद 24 सितंबर 1487 को इनका विवाह माता सुलक्कनी के साथ हुआ. नानक सिख धर्म के संस्थापक थे. गुरु नानक जी द्वारा 974 भजनों का योगदान दिया गया है. सिख धर्म के लोग अपने गुरु की जयंती कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाते हैं.