श्रीकरणपुर में भाजपा की हार पर बोले केंद्रीय मंत्री शेखावत, कहा- सहानुभूति से गई है सीट, प्रदेश में जनता ने भाजपा पर भरोसा जताया है

श्रीकरणपुर में भाजपा की हार पर बोले केंद्रीय मंत्री शेखावत, कहा- सहानुभूति से गई है सीट, प्रदेश में जनता ने भाजपा पर भरोसा जताया है

जैसलमेर: श्रीकरणपुर में भाजपा की हार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सहानुभूति की लहर से कांग्रेस की जीत बताई है. मंत्री शेखावत ने कहा कि किसी जगह अगर किसी व्यक्ति का देहावसान हो जाता है और उसके बाद अगर वहां चुनाव होते हैं तो निश्चित तौर पर उसके प्रति सहानुभूति होती है. इसलिए श्रीकरणपुर में कांग्रेस को सीट सहानुभूति की वजह से मिली है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रदेश में हमारी डबल इंजिन की सरकार है और पूर्ण बहुमत कि सरकार है जिसको जनता ने पूर्ण बहुमत दिया है. साथ ही निर्दलीय भी हमारे साथ आए हैं. इसलिए अब हम 5 सालों में प्रदेश में सुशासन स्थापित करेंगे.

दरअसल, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री अपने जैसलमेर दौरे पर आए तब उन्होंने ये बात कही. मंत्री ने जैसलमेर में दिशा की बैठक में हिस्सा लिया और सभी अधिकारियों को जिले में बेहतरीन काम करने के निर्देश दिए. इस दौरान जब उनसे श्रीकरणपुर में भाजपा की हार की वजह पूछी गई तब उन्होंने उसे सहानुभूति की लहर बताते हुए कांग्रेस का जीतना बताया. गौरतलब है कि श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने उपचुनाव में जीत दर्ज करवाई. यहां कांग्रेस प्रत्याशी रूपेन्द्र सिंह कुन्नर ने बीजेपी प्रत्याशी सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को 11 हजार से अधिक मतों से चुनाव हराया. बीजेपी ने इस सीट को जीतने के लिए चुनाव से पहले ही अपने प्रत्याशी सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को मंत्री पद से नवाज दिया था. दरअसल, राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उनके पिता गुरमीत सिंह कुन्नर को प्रत्याशी बनाया था.

लेकिन मतदान से पहले ही बीमारी के चलते उनका निधन हो गया. इसके चलते वहां चुनाव टाल दिए गए थे. इससे पहले यह सीट कांग्रेस के ही कब्जे में थी और गुरमीत सिंह यहां से विधायक थे. उसके बाद कांग्रेस ने सहानुभूति का कार्ड खेलते हुए गुरमीत सिंह कुन्नर के बेटे रूपेन्द्र सिंह को वहां अपना प्रत्याशी बनाया था. इस सीट के लिए 5 जनवरी को मतदान हुआ था. कांग्रेस का सहानुभूति का कार्ड का सफल हो गया और वह अपनी सीट को कायम रखने में कामयाब हो गई.