VIDEO: विश्वविद्यालयों की 'चालबाजी'! छात्रसंघ चुनाव के नाम पर मोटी कमाई, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: गत वर्ष कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में होने वाले छात्रसंघ चुनावों पर रोक लगा दी थी लेकिन उसके बावजूद प्रदेश की सबसे बड़ी राजस्थान  यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव के नाम पर छात्र छात्राओं से फीस वसूली कर अपना खजाना भरने का काम कर रही है. अब जब ये मामला छात्र नेताओं के संज्ञान में आया तो छात्र नेता इसका विरोध कर रहे है छात्र नेताओं ने आरोप लगाया की जब छात्रसंघ चुनाव हो ही नही रहे तो यूनिवर्सिटी किस बात की राशि ले रही है.

छात्रसंघ चुनाव के नाम पर ली जा रही 255 रुपए की राशि 
राजस्थान विवि की फीस में छात्रसंघ शुल्क की रूप में ली जा रही फीस 
इस सत्र में छात्र संघ चुनाव के नाम पर लगभग 65 लाख रुपए आए 
वही गत वर्ष भी चुनाव नही होने के बाद भी ली गई छात्रसंघ चुनाव के नाम पर फीस 
पिछले सत्र में भी छात्रसंघ चुनाव के नाम पर लगभग 70 लाख रुपए की कमाई
राजस्थान विवि की बेवसाइट में भी फीस स्ट्रेकचर का उल्लेख 
लोकल फंड और यूनिवर्सिटी फंड में ली जा रही ये राशि 

प्रदेश में ऐसा पहली बार नही हुआ है जब छात्रसंघ चुनाव पर पिछली साल रोक लगा दी गई इससे पहले भी साल 2004 के  चुनावी के बाद छात्रसंघ चुनावों पर लगाई गई थी जो साल 2010 में हटाई गई लेकिन प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी और महाविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के नाम पर छात्र छात्राओं से राशि वसूलते रहे और अपना खजाना भरते रहे अगर बात की जाए राजस्थान यूनिवर्सिटी की तो गत वर्ष छात्रसंघ चुनाव के नाम यूनिवर्सिटी ने लगभग 65 लाख रुपए की बचत की वही इस वर्ष भी यूनिवर्सिटी ने छात्र संघ चुनाव के नाम पर करीब 60 लाख रुपए इनकम कर ली जबकि ना तो पिछले साल चुनाव हुए और ना ही अभी तक चुनावी को लेकर कोई स्तिथि सप्स्थ की है अब सवाल ये की जब चुनाव ही नही तो छात्र छात्राओं से छात्रसंघ चुनाव के नाम पर वसूली क्यों.

ये हालात ना केवल राजस्थान विश्वविद्यालय की है वल्कि प्रदेश की सभी प्राइवेट और सरकारी यूनिवर्सिटी की है छात्र नेता अब इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठा रहे है वही दूसरी ओर छात्रसघ चुनाव कराने की मांग को लेकर छात्र नेता अब आए दिन प्रदर्शन कर रहे है वही दूसरी ओर विधानसभा में छात्र संघ चुनाव का मुद्दा भी उठाया जा चुका है 

जिन छात्रसंघ चुनावों के नाम पर यूनिवर्सिटी अपनी तिजोरी भर रहे है वो होंगे या नहीं इस पर अभी संशय बरकरार है लेकिन सवाल बड़ा है जब छात्र संघ चुनाव नही तो फिर किस बात की फीस.