Jyoti Mirdha Joins BJP: दिग्गज जाट नेता ज्योति मिर्धा भाजपा में शामिल, बोली- कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की अनदेखी और उपेक्षा से मैं काफी आहत हुई

नई दिल्ली: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले आज पश्चिमी राजस्थान में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे नाथूराम मिर्धा की पोती एवं जाट नेता ज्योति मिर्धा बीजेपी का दामन थाम लिया है. दिल्ली स्थित केंद्रीय भाजपा कार्यालय में ज्योति मिर्धा ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. इसके साथ ही रिटायर्ड IPS सवाई सिंह चौधरी ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है. इन दोनों नेताओं को प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह व प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने सदस्यता दिलाई. 

भाजपा में ज्योति मिर्धा ने कहा कि मैंने कांग्रेस पार्टी के साथ मेरा राजनीतिक सफर शुरू किया है. कांग्रेस से सांसद रहते मैंने बहुत अच्छा काम करने की कोशिश की. आज राजस्थान में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति अच्छी नहीं है. कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की अनदेखी और उपेक्षा से मैं काफी आहत हुई. मेरे अलावा भी कई दूसरे नेताओं ने घुटने के चलते कांग्रेस का दामन छोड़ा. मैं बीजेपी में शामिल होकर पार्टी के सच्चे सिपाही की तरह काम करूंगी. मैंने राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य करने के लिए भाजपा ज्वॉइन की है. राष्ट्र निर्माण में मुझसे जो भी सहयोग हो सकेगा मैं करूंगी. पीएम मोदी, अमित शाह और नड्डा जी का मुझ पर विश्वास जताने के लिए धन्यवाद. 

ज्योति मिर्धा के दादा नाथूराम मिर्धा का जबर्दस्त दबदबा रहा:
ज्योति मिर्धा मारवाड़ के ताकतवर सियासी परिवार से संबंध रखती हैं.  ज्योति प्रदेश में जाट राजनीति के सबसे अहम केन्द्र रहे नागौर से ज्योति मिर्धा कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे नाथूराम मिर्धा की पौत्री हैं. पंचायतीराज की स्थापना के लिए देशभर में पहचान रखने वाला नागौर प्रदेश में जाट राजनीति की धुरी रहा है. यहां ज्योति मिर्धा के दादा नाथूराम मिर्धा का जबर्दस्त दबदबा रहा है. नाथूराम नागौर से छह बार सांसद रह चुके हैं. ज्योति ने प्रत्यक्ष तौर पर वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. पहली बार में नागौर की जनता ने ज्योति को चुनकर लोकसभा में भेजा.

    

कांग्रेस के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा:
ज्योति के बीजेपी में शामिल होने से बीजेपी को नागौर सीट पर मजबूत उम्मीदवार मिल गया है. वहीं इसे कांग्रेस के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि जाट समुदाय में इनका दबदबा माना जाता है और चुनाव में इस समुदाय की अहम भूमिका होती है. साल 2019 में कांग्रेस ने नागौर लोकसभा सीट से ज्योति मिर्धा को चुनावी मैदान में उतारा था. वहीं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया हनुमान बेनीवाल से उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. वहीं इससे पहले भी ज्योति वर्ष 2014 में मोदी लहर में बीजेपी के सीआर चौधरी से लोकसभा चुनाव हार गईं थी.