Sawan 2023: इस महीने का नाम श्रावण ही क्यों है? जानिए इसके पीछे की पूरी कहानी

नई दिल्ली: हिंदू कैलेंडर के अनुसार (श्रावण मास) सावन के महीने को वर्ष के सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है. यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार वर्ष का पांचवां महीना होता है. यह महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए बेहद खास माना जाता है. क्योंकि पूरे भारतवर्ष में सावन बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. सावन का महीना इस बार जुलाई से शुरू होगा और इस माह का समापन अगस्त में होगा.

आपको बता दें कि इस बार सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू होगा और इसका समापन 31 अगस्त को होगा. यानी कि इस बार सावन 59 दिनों का रहेंगा. जिसमें सावन के 8 सोमवार पड़ेंगे. लेकिन क्या आपको पता है की इस इस महीने को श्रावण क्यों कहा जाता है? अगर नहीं तो चलिए जानते है की आखिर इस महिने को श्रावण क्यों कहा जाता है.

ऐसा माना जाता है कि इस महीने में पूर्णिमा के दिन या इस महीने के दौरान किसी भी समय, श्रवण नक्षत्र यानी की एक श्रवण नाम का तारा पूरे आकाश पर शासन करता है. अगर हिन्दू धर्मिक ग्रंथों की माने तो पूरी आकाश गंगा पर श्रावण नक्षत्र का ही शासन रहता है. जिसके शासक देवता भगवान शिव होते हैं. इसलिए, इस महीने को श्रावण नाम से जाना जाता है. 

श्रावण मास साल का सबसे पवित्र माह होता है इस माह में श्रद्धालु महादेव पर पत्रम-पुष्प और फल-तोयम चढ़ाते है हिन्दू धर्म में श्रावण मास त्योहारों की तरह मनाया जाता है इस माह में सभी महत्वपूर्ण धार्मिक समारोहों को आयोजित करना सबसे अच्छा और शुभ माना जाता है. क्योंकि इस महीने में लगभग सभी दिन शुभ होते हैं, यानी की अगर आप किसी भी अच्छे काम की शुरुआत करना चाहते हैं तो यह आपके लिए बहुत शुभ होते हैं. .