जयपुर: बिजली दफ्तरों में काम के बोझ तले दबे सहायक अभियंताओं को जल्द ही कुछ राहत मिल सकती है. ऊर्जा विभाग ने नए जिलों के गठन व आईटी नवाचार के बाद बिजली दफ्तरों के स्टाफिंग पैटर्न में बदलाव की दिशा में काम शुरू कर दिया है. इस कवायद में फोकस ये रहेगा कि किन-किन अभियंताओं की सीट्स पर काम ज्यादा है और कहां-कहां काम कम है. इसी आधार पर जिम्मेदारियों को बदला जाएगा, ताकि उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं मिल सके.
बिजली दफ्तरों में कामकाज की तस्वीर किसी से छिपी नहीं है. फिर चाहे राजस्व वसूली, बिजली आपूर्ति व्यवस्था की बात हो या मेंटीनेंस समेत अन्य कामकाज, बिजली दफ्तरों में सहायक अभियंताओं पर ही सम्पूर्ण जिम्मेदारी है. कुछ ऐसा ही हाल सर्किल ऑफिस में लगे अधीक्षक अभियंताओं के है. इस तरह की कार्यप्रणाली का सीधा असर उपभोक्ताओं की सेवाओं पर पड़ता है. बिजली आपूर्ति की शिकायतें हो या बिल की गलती में सुधार, काम के बोझ के चलते उपभोक्ताओं को दफ्तरों में लम्बा इंतजार करना पड़ता है. आश्चर्य ये है कि पिछले पांच सालों में दफ्तरों में आईटी नवाचारों के चलते काफी कामकाज ऑनलाइन हो गया है. फिर भी चुनिन्दा अभियंताओं पर काम के बोझ के चलते कामकाज में सुधार नजर नहीं आ रहा है. खुद राजस्थान डिस्कॉम चेयरमैन भास्कर ए सावंत ने इस बात को स्वीकार और कहा कि दफ़्तरों के कामकाज के पैटर्न का रिविजन किया जा रहा है. जल्द ही इसमें बदलाव किया जाएगा ताकि हर फील्ड अभियंता की जिम्मेदारी तय हो सके.
हाईलेवल कमेटी करेगी बिजली दफ़्तरों के काम का रिव्यू !
जयपुर डिस्कॉम के तकनीकी निदेशक केपी वर्मा की अध्यक्षता में कमेटी
कमेटी में तीनों डिस्कॉम के आलाधिकारियों को किया गया है शामिल
ये कमेटी आईटी नवाचार, ईआरपी, स्मार्ट मीटरिंग प्रोजेक्टस समेत
दफ्तरों के कामकाज में आए बदलाव का करेगी हर पहलु पर अध्ययन
सबडिवीजन में ओएण्डएम,रेवन्यू व कॉमर्शियल वर्क पर भी रहेगा फोकस
कमेटी को 31 अगस्त तक देनी होगी स्टाफिंग पैटर्न में बदलाव की रिपोर्ट
इसके बाद वित्त विभाग को भेजा जाएगा स्टाफिंग पैटर्न में संशोधन का प्रस्ताव
काम के बोझ में यूं होगा बदलाव
"सहायक अभियंता" के बराबर "असिस्टेंट रेवन्यू ऑफिसर" होंगे जिम्मेदार
बिजली आपूर्ति,मेंटीनेंस की रहेगी AEN की जिम्मेदारी, तो राजस्व वसूली के लिए एआरओ होंगे अधिकृत
सूत्रों की माने तो एआरओ के कामकाज की अधिशासी अभियंता को दी जा सकती कमान
इसी तरह से SE के कामकाज में से कुछ मॉनिटरिंग का पार्ट जोनल चीफ इंजीनियर होगा ट्रांसफर
खुद जयपुर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक आर एन कुमावत मानते है कि ईआरपी, स्मार्ट मीटरिंग, आईटी के नवाचारों से दफ्तरों में कामकाज का स्वरूप काफी बदल गया है. ऐसे में जरूरी हो गया है कि वहां मौजूद स्टॉफ की कार्यक्षमताओं का अधिक से अधिक उपयोग हो, ताकि उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं मिल सके. कुमावत ने कहा कि हाईलेवल कमेटी के सुझाव के आधार पर दफ़्तरों के कामकाज में काफी कुछ बदलाव होगा.
बिजली 24 घंटे की सेवा है, जिसमें जरा सा भी व्यवधान उपभोक्ता को दिक्कतों में डाल देता है. ऐसे में उम्मीद है कि नई कवायद के बाद काफी हद तक समान रूप से कामकाज की फील्ड अभियंताओं को जिम्मेदारी मिलेगी ताकि उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिल सके.