VIDEO: सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में एक और बड़ा खुलासा, संदिग्ध बस 20, 22 और 23 को भी गोगुंदा टोल से गुजरी

उदयपुर: सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. संदिग्ध बस 20, 22 और 23 को भी गोगुंदा टोल से गुजरी. बस के गोगुंदा टोल से गुजरने के CCTV फुटेज सामने आए. 21 दिसंबर को शिक्षक ग्रुप A का GK का पेपर था. 23 दिसंबर को उर्दू व अंग्रेजी का पेपर हुआ. परीक्षा से पहले लोक परिवहन की संदिग्ध बस गोगुंदा टोल से गुजरी. मास्टरमाइंड आरोपियों से इस बारे में पुलिस पूछताछ कर रही है.

पूछताछ में बड़ा खुलासा हो सकता है. इससे पहले राजस्थान में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में अब तक सात महिलाओं सहित 55 लोगों को गिरफ्तार किया गया. यह जानकारी पुलिस ने रविवार को दी.शनिवार को होने वाली परीक्षा स्थगित कर दी गई. उदयपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विकास शर्मा ने कहा कि उदयपुर में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं-एक सुखेर पुलिस थाने में और दूसरा बेकरिया पुलिस थाने में. उन्होंने बताया कि 55 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि आरोपियों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से महिलाओं को दो दिन और बाकी आरोपियों को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.एसपी ने कहा कि पेपर लीक के मुख्य आरोपी की पहचान सुरेश ढाका के रूप में हुई है, जो फरार है.

पुलिस ने बताया कि उदयपुर जिले में शनिवार सुबह परीक्षा शुरू होने से कुछ घंटे पहले पेपर लीक होने के मामले में 37 छात्रों और सात विशेषज्ञों को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में सुरेश बिश्नोई भी शामिल है, जिसने उम्मीदवारों को लीक पेपर उपलब्ध कराया था. पुलिस ने कहा कि पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई कि बिश्नोई ने सुरेश ढाका से परीक्षा का पेपर लिया था. उन्होंने कहा कि परीक्षार्थी विशेषज्ञों की मदद से एक बस में पेपर हल कर रहे थे जो उन्हें परीक्षा केंद्रों तक ले जा रही थी.

पुलिस ने शनिवार को बताया था कि पेपर लीक होने की गुप्त सूचना के आधार पर और उम्मीदवारों को लेकर एक निजी बस उदयपुर आ रही थी. उन्होंने कहा था कि बस में सवार उम्मीदवारों के पास परीक्षा का पेपर था. जब परीक्षार्थियों के पास मौजूद प्रश्न पत्र का मिलान मूल प्रश्न पत्र से हो गया तो राजस्थान लोक सेवा आयोग ने परीक्षा रद्द कर दी. डीजीपी उमेश मिश्रा ने कहा कि धोखाधड़ी में शामिल आरोपियों के खिलाफ कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार को धोखाधड़ी में शामिल अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान करने के लिए एक संशोधन का सुझाव दिया जा रहा है.