Rajasthan Budget: गहलोत सरकार ने अलग-अलग वर्गों से शुरू किया बजट पूर्व संवाद, NGO और समाजसेवियों से मिले ये अहम सुझाव

जयपुर: प्रदेश की गहलोत सरकार का बजट जल्द आने की रूपरेखा के रूप में सीएम गहलोत ने अलग-अलग वर्गों से संवाद का सिलसिला शुरू कर दिया है. इस सिलसिले में गुरुवार शाम को सचिवालय कॉन्फ्रेंस हॉल में हुई बैठक में NGO, सिविल सोसाइटी और उपभोक्ता फोरम के प्रतिनिधियों से सीएम ने करीब 3 घंटे तक संवाद करके अहम सुझाव लेते हुए उनके व्यावहारिक बिंदुओं को बजट में शामिल करने की मंशा जताई गई. 

सचिवालय में गुरुवार को सीएम गहलोत ने NGO, सिविल सोसाइटी और उपभोक्ता फोरम के प्रतिनिधियों से करीब 3 घंटे तक चर्चा करके सार्थक चर्चा की और सियासी स्थिरता का संदेश देते हुए उनके हर अहम सुझाव को बजट में समेटने का आश्वासन दिया.

क्या रहे अहम सुझाव:-

- उपभोक्ता मंचों से जुड़े प्रतिनिधियों की यह रही राय

- कंज्यूमर इंट्रेस्ट एंड फेयर बिजनेस एंक्रेजमेंट बोर्ड का हो गठन.

- बोर्ड के गठन के साथ युवाओं को रोजगार देने के लिए उपभोक्ता मित्र के रूप में वर्क फोर्स तैयार की जाए.

- बिजनेस करने वाले लोगों को रैंकिंग और अन्य जरिए से दिया जाए प्रोत्साहन.

- बोर्ड के गठन के जरिए बनाया जाए अतिरिक्त विवाद निपटारे का  मेकैनिज्म.

- बोर्ड के गठन से नकली मल और स्मगलिंग से जुड़े कारोबार पर रोक के जरिए सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा लोगों के स्वास्थ्य और आर्थिक हित बढ़ेंगे और अपराधों में आएगी कमी.

- बजट में कंज्यूमर प्रोटेक्शन यूनिवर्सिटी, कंज्यूमर एजुकेशन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, कंज्यूमर अकादमी, कंज्यूमर रिसोर्स सेंटर जागरूक ग्राहक केंद्र शुरू करने का हो प्रावधान.

इसके साथ अरसे से लटका हुआ जवाबदेही बिल को अगले विधानसभा सत्र में लाकर पारित करने की मांग भी सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों की ओर से पुरजोर शब्दों में की गई. साथ ही स्वास्थ्य का अधिकार कानून को लागू करने की अड़चनों को दूर करने और चिरंजीवी योजना को सही मंशा के साथ लागू करने में आ रही समस्याओं को दूर करने की मांग की गई.

सरकार की मंशा हर वर्ग के अच्छे सुझावों को बजट में शामिल करने की:
पंचायती राज मंत्री रमेश मीना ने कहा की यह लो सरकार की मंशा हर वर्ग के अच्छे सुझावों को बजट में शामिल करने की है और बजट जल्दी आएगा तो विधानसभा चुनाव से पहले सरकार को उसे लागू करने में भी आसानी रहेगी. बजट पूर्व संवाद के इस सिलसिले में कृषि संघों, महिला हितों के लिए काम करने वाली संस्थाओं, विश्वविद्यालय और कॉलेज के युवाओं, डेयरी संघों के प्रतिनिधियों से बैठक करके सुझाव लिए जाएंगे.