जयपुर: राजस्थान में दो चरणों में 25 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव संपन्न हो गए है. इस बार कांग्रेस की तरफ से प्रदेश में राष्ट्रीय नेताओं की बजाय प्रदेश के नेताओं ने ही प्रचार की कमान संभाली. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में ताबड़तोड़ दौर करके सबसे ज्यादा चुनावी सभाएं व रोड शो किए. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी गहलोत की नजदीक ही थे, लेकिन दूसरे नंबर पर रहे. पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी कुछ कांग्रेसी प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया. प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने सबसे कम दौरे किए. चलिए आपको इस रिपोर्ट के माध्यम से बताते है राजस्थान के प्रमुख कांग्रेसी नेताओं के चुनावी प्रचार के लेखे जोखे.
राजस्थान में पिछले दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने खाता भी नहीं खोला था, लेकिन इस बार पार्टी ने खाता खोलने के लिए अलग रणनीति के तहत ताकत झोंकी. इस बार राष्ट्रीय नेताओं की बजाय प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं ने ही प्रचार की कमान संभाले रखी. राहुल गांधी तो महज एक दिन ही राजस्थान में प्रचार करने आए थे और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी सिर्फ जयपुर आ सकी. प्रियंका गांधी व मल्लिकार्जुन खड़गे के दौरों की संख्या राहुल से ज्यादा रही. प्रदेश के नेताओं की बात करें, तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रचार की कमान संभाली. गहलोत कैंपेन कमेटी के चेयरमैन भी थे, ऐसे में उन्होंने प्रदेश में सबसे ज्यादा चुनावी सभाएं व रोड शो किए. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा दूसरे, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट तीसरे व प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा चौथे नंबर पर रहे. अशोक गहलोत ने प्रदेश की 25 में से 22 लोकसभा सीटों पर 53 दौरे किए. गहलोत ने 26 मार्च को सीकर से प्रचार अभियान की शुरुआत की थी, जब वे गठबंधन के उम्मीदवार अमराराम के नामांकन रैली में शामिल हुए. गहलोत की आखिरी चुनावी सभा अपने गृह जिले जोधपुर में रही. आइये सबसे पहले अशोक गहलोत के कैंपेन का एकाउंट जान लेते हैं.
राजस्थान में प्रचार अभियान में अव्वल रहे अशोक गहलोत:
-पूर्व मुख्यमंत्री ने गहलोत ने प्रदेश में 53 सभाएं व रोड शो किए
-22 लोकसभा सीटों पर चुनावी प्रचार किया अशोक गहलोत ने
-सबसे ज्यादा सभाएं और रोड शो जालौर-सिरोही सीट पर किए
-अपने पुत्र वैभव गहलोत के लिए 21 सभाएं व रोड शो किए
-गृह जिले जोधपुर की सीट पर छह सभाएं की गहलोत ने
-जयपुर शहर व बाड़मेर में तीन-तीन सभाएं की गहलोत ने
-सीकर, बीकानेर, उदयपुर, पाली में दो-दो बार प्रचार किया
-तीन लोकसभा सीट पर प्रचार करने नहीं गए अशोक गहलोत
-कोटा, डूंगरपुर-बांसवाड़ा व जयपुर ग्रामीण सीट पर नहीं गए गहलोत
चुनाव प्रचार में अपने फटकारे व तेजल सुपर डुपर डांस के लिए प्रसिद्ध रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने भी प्रदेश में जमकर प्रचार किया. उनकी कई सभाएं अशोक गहलोत के साथ भी रही. डोटासरा ने 20 लोकसभा सीटों पर 45 सभाएं व रोड शो किए. डोटासरा ने अपने गृह जिले सीकर से इसकी शुरुआत की और आखिर बार बाड़मेर में ताल ठोंकी. डोटासरा ने सबसे ज्यादा चुनावी कार्यक्रम अपने गृह जिले सीकर में किए. उन्होंने 14 सभाएं व रोड शो किए. इनमें से भी चार कार्यक्रम उनके विधानसभा क्षेत्र लक्ष्मणगढ़ में आयोजित हुए. टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट पर डोटासरा ने चार चुनावी सभाएं की, जबकि जोधपुर में तीन बार प्रचार करने गए. डोटासरा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के प्रचार के लिए भी गए, लेकिन नागौर से गठबंधन के प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल के लिए प्रचार नहीं किया. आईये एक बार डोटासरा के पूरे प्रचारी लेखेजोखे को देख लेते हैं.
PCC चीफ गोविंद डोटासरा ने प्रदेश में किया जमकर प्रचार:
-अपने फटकारे व तेजल सुपर डुपर डांस के लिए चर्चा में रहे डोटासरा
-डोटासरा ने 20 लोकसभा सीटों पर 45 सभाएं व रोड शो किए
-अपने गृह जिले सीकर में सबसे ज्यादा 14 सभाएं व रोड शो किए डोटासरा ने
-टोंक सवाई माधोपुर में चार व जोधपुर में तीन बार प्रचार करने गए डोटासरा
बीकानेर, चुरू, जालौर, बाड़मेर, चित्तौड़ व श्रीगंगानगर में दो-दो बार प्रचार किया
-कोटा लोकसभा सीट पर भी दो बार चुनावी सभा व रोड शो किए
-उदयपुर, नागौर, भरतपुर, राजसमंद व जयपुर सीट पर नहीं किया प्रचार
अब बात करते हैं पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की. सचिन पायलट ने अशोक गहलोत की तरह अन्य राज्यों में भी प्रचार किया, लेकिन राजस्थान में उनकी चुनावी सभाए गहलोत व डोटासरा से कम थी. सचिन ने 25 में से 14 लोकसभा सीट पर ही प्रचार किया. उन्होंने सबसे ज्यादा चुनावी सभाएं टोंक-सवाई माधोपुर, दौसा व जयपुर ग्रामीण सीट पर की. टोंक पर हरीश मीणा के लिए छह, दौसा में मुरारी मीना के लिए पांच व जयपुर ग्रामीण में अनिल चौपड़ा के लिए चार सभाएं की. ये तीनों ही टिकट पायलट की मानी जाती है. पायलट दो बार बाड़मेर भी गए और दो बार जयपुर शहर में प्रताप सिंह के लिए भी वोट मांगे. लेकिन चुरू व नागौर सीट पर पायलट के चुनावी कार्यक्रम नहीं हुए. सबसे ज्यादा चर्चा वैभव गहलोत की सीट की रही, जहां पर भी पायलट का कार्यक्रम नहीं बना. अपनी पुराने संसदीय क्षेत्र अजमेर में भी पायलट का दौरा नहीं हो सका. पायलट ने कुल मिलाकर 28 सभाएं व रोड शो ही किए.
सचिन पायलट ने 25 में से 14 लोकसभा सीट पर प्रचार किया:
-सबसे ज्यादा चुनावी सभाएं टोंक-सवाई माधोपुर, दौसा व जयपुर ग्रामीण सीट पर की
-टोंक पर हरीश मीणा के लिए छह, दौसा में मुरारी मीना के लिए पांच सभाएं की
-जयपुर ग्रामीण में अनिल चौपड़ा के लिए चार सभाएं की पायलट ने
-ये तीनों ही टिकट सचिन पायलट की मानी जाती है
-चुरू व नागौर सीट पर पायलट के चुनावी कार्यक्रम नहीं हुए
-वैभव गहलोत के लिए भी प्रचार करने नहीं जा सके पायलट
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा लोकसभा चुनावों में ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आए. आंकड़ों के अनुसार तो उन्होंने प्रदेश में 15 चुनावी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, लेकिन अधिकांश कार्यक्रम सोनिया, राहुल व प्रियंका के साथ ही रहे. कुछ जगह वे गहलोत व डोटासरा के साथ प्रचार करने गए. रंधावा कई बार जयपुर आए, लेकिन जयपुर के कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह के लिए सभा करने का समय नहीं निकाल सके. उन्होंने 25 में से सिर्फ 13 सीटों का दौरा किया.