Rajasthan Political Crisis: क्या राजस्थान बढ़ रहा संवैधानिक संकट की ओर ? इस स्टेज पर उठ रहा एक यक्ष प्रश्न ?

जयपुर: राजस्थान में चल रहे सियासी घटनाक्रम (Rajasthan Political Crisis) के बीच एक बार फिर बड़ा अपडेट सामने आया है. क्या राजस्थान संवैधानिक संकट की ओर बढ़ रहा है? स्पीकर डॉ. सीपी जोशी (Speaker CP Joshi) के पास 92 बागी विधायकों के इस्तीफे पड़े हैं. ऐसे में यदि स्पीकर ने सचमुच सामूहिक इस्तीफे स्वीकार कर लिए तो गहलोत के पास केवल 20 से 21 विधायक ही बचेंगे ! वहीं 13 निर्दलीयों को मिलाकर 33 से 34 विधायक ही बचेंगे ! 

अर्थात गहलोत सरकार अल्पमत में आ जाएगी ! ऐसे में भाजपा अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है, और राजस्थान राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ सकता है ! या फिर भाजपा जोड़तोड़ करके अपनी सरकार बना सकती है? लेकिन सूत्रों  के अनुसार भाजपा 2023 में कांग्रेस की पक्की हार मान रही है...तो ऐसे में क्या भाजपा ऐसा विवादास्पद कदम उठाएगी?  उधर अभी तक अशोक गहलोत और आलाकमान के बीच का मुद्दा नहीं सुलटा ! वहीं कांग्रेस में गहलोत के कम से कम बजट तक बने रहने की संभावना है ! ... और दूसरी संभावना अगले 10-15 दिनों में ही राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन होने की जताई जा रही है ! 

लेकिन इस स्टेज पर एक यक्ष प्रश्न उठ रहा ?
लेकिन इस सारे घटनाक्रम के बीच यदि अंतत: गहलोत और आलाकमान के बीच का मुद्दा नहीं सुलझा और बागी विधायक स्पीकर के सामने अपना इस्तीफा मंजूर करवाने पर अड़े रहे तो फिर राजस्थान में कांग्रेस सरकार का पतन निश्चित है ! लेकिन इस स्टेज पर एक यक्ष प्रश्न उठ रहा है ? सूत्रों के अनुसार 92 में से कई विधायक अपना स्टैंड बदल चुके हैं. अब आलाकमान के एक लाइन के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे सकते हैं. कई विधायकों ने बाकायदा दिल्ली में फोन करके अजय माकन को इसकी सूचना दी है. 

पायलट कैंप राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा:
उधर पायलट कैंप राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा है. उन्हें पायलट के अभी भी सीएम बनने का भरोसा है. लेकिन अंतत: गहलोत और पायलट की जन्मपत्री और भाग्य रेखा से ही शायद अंतिम फैसला होगा. कल ही वरिष्ठ भाजपा नेताओं का शिष्टमंडर स्पीकर से मिला था और उनसे 92 बागी विधायकों के इस्तीफे तत्काल स्वीकार करने की मांग की थी. 

उधर सीपी जोशी ने भी इस्तीफे स्वीकार करने के संकेत दिए थे:
भाजपा नेताओं ने स्पीकर के सामने एक बड़ा मुद्दा उठाया था कि आखिर 92 विधायकों के इस्तीफे के बाद अशोक गहलोत एक अल्पमत सरकार कैसे चला रहे हैं?  उधर सीपी जोशी ने भी इन विधायकों से बातचीत में इस्तीफे स्वीकार करने के संकेत दिए थे. भाजपा नेताओं से सीपी ने कहा था कि ऐसा फैसला लूंगा जो संसदीय इतिहास में मिसाल होगा. इस प्रकार अब राजस्थान सरकार का मामला पूरी तरह उलझ गया है. अब केवल आने वाला वक्त ही इन सारे सवालों का जवाब देगा.