VIDEO: यमुना जल समझौता मामले में ACS जल संसाधन ने हरियाणा सरकार को लिखा पत्र, राजस्थान और हरियाणा के सहयोग से तैयार हो रही संयुक्त DPR

जयपुर: शेखावाटी को यमुना जल देने के लिए तैयार होने वाली डीपीआर की कवायद तेज हो गई है. जल संसाधन विभाग की टीम फील्ड सर्वे कर जलाशयों में पेयजल की स्थिति और रिवर्ज वायर बनाने की संभावनाएं तलाश रही है. उधर, समझौते के अनुसार चार माह के भीतर संयुक्त डीपीआर तैयार होनी है. इसके चलते एसीएस जल संसाधन अभय कुमार ने हरियाणा को पत्र लिखकर टास्क फोर्स गठन की बात की है ताकि संयुक्त डीपीआर की दिशा में तेजी से काम किया जा सके. 

यमुना जल समझौते से जुड़ी बड़ी अपडेट
शेखावाटी में एक नहीं तीन रिजर्व वायर बनाए जा सकते हैं
WRD की टीम ने फिर आज से झुंझुनूं की कई तहसीलों का किया सर्वे
टीम ने झुझुनूं, चिड़ावा, उदयपुरवाटी, अल्सीसर का किया सर्वे
चूरू के हासियावास में बनना है 235 एमसीएम क्षमता का रिजर्व वायर
वहीं, झुंझुनूं की पांच में से दो तहसीलों में बनाया जा सकता है रिजर्व वायर
ताजेवाला में अच्छा पानी आता है तो शेखावाटी में स्टोर किया जा सकेगा पानी
उधर, ज्यादा दिन तक पानी मिलेगा तो उस स्थिति में भी स्टोर किया जाएगा पानी 
अतिरिक्त मुख्य अभियंता अजय त्यागी के निर्देशन में किया जा रहा है सर्वे
पाइप लाइन अलाइंमेंट के लिए रेलवे की जमीन के पास संभावना तलाशी जाएगी

पिछले दिनों अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार ने रेलवे अधिकारियों के साथ बैठक की थी. जिसमें ताजेवाला का पानी शेखावाटी तक लाने के लिए रेलवे लाइन के पास की जमीन में पाइप डालने की बात हुई. इससे पहले पिछले माह हिसार-सीवानी, बरवाला-हिसार और कुरुक्षेत्र-नरवाना रेलवे क्षेत्र के अधिकारियों के साथ जल संसाधन विभाग संयुक्त निरीक्षण कर चुका है. जल संसाधन विभाग की माने तो ताजेवाला से चूरू तक 253 किमी. तक पेयजल लाइन डालने का प्रस्ताव है. लेकिन रेलवे लाइन के पास की जमीन ली जाती है तो यह लंबाई 300 किलोमीटर से अधिक हो जाएगी. उधर, रेलवे अंडरपास और ओलवरहैड लाइनों से पास करने के लिए भूमि अवाप्ति करनी पड़ेगी. इन सब बातों का ध्यान रखते हुए सर्वे किया जाएगा. 

जल संसाधन विभाग की टीम ने आज झुंझुनूं में पांच तहसीलों की जमीन देखकर रिजर्व वायर बनाने का सर्वे किया. अतिरिक्त मुख्य अभियंता अजय त्यागी का कहना है कि सरकार की सोच है कि ज्यादा रिजर्व वायर बनाए जाएंगे तो शेखावाटी के लिए पानी का स्टोर ज्यादा हो सकेगा. इसी के चलते अब कई जगह सर्वे कर जमीन चिन्हित करने के लिए सर्वे किया जा रहा है. यह देखा जाएगा कि ताजेवाला से शेखावाटी तक क्या लेवल है. जिन क्षेत्रों को लाभांवित किया जाना है, उनका लेवल क्या है. बड़ी बात यह है कि सर्वे की हर छोटी बड़ी चीज को राजस्थान की डीपीआर में शामिल किया जाएगा ताकि बेहतर डीपीआर बनाकर उसे हरियाणा के साथ जोड़कर संयुक्त डीपीआर बनाई जा सके.