VIDEO: जयपुर एयरपोर्ट की बड़ी उपलब्धि ! अब 33 विमान पार्क हो सकेंगे एयरपोर्ट पर, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: जयपुर एयरपोर्ट से जुड़ी अच्छी खबर है. एयरपोर्ट प्रशासन को 19 नए पार्किंग वे के उपयोग की मंजूरी मिल गई है. ये पार्किंग वे 3 साल से ज्यादा समय पहले ही बनकर तैयार हो गए थे, लेकिन तकनीकी कारणों से इनकी कमीशनिंग नहीं हो सकी थी. अब डीजीसीए ने एयरपोर्ट प्रशासन को इनके उपयोग की मंजूरी दे दी है. जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर विमानों की पार्किंग क्षमता में बढ़ोतरी हुई है. 19 नए पार्किंग वे की कमीशनिंग को नागर विमानन महानिदेशालय यानी डीजीसीए ने मंजूरी दे दी है. इस तरह जयपुर एयरपोर्ट पर एप्रन की क्षमता अब बढ़कर 33 विमानों की हो गई हैं. 

एयरपोर्ट का एप्रन एरिया यानी कि वह क्षेत्र जहां पर विमान पार्क किए जाते हैं, वहां अभी तक केवल 14 विमानों की ही पार्किंग क्षमता उपलब्ध थी. इसे देखते हुए अक्टूबर 2018 से एयरपोर्ट अथॉरिटी ने नए पार्किंग वे विकसित करने का काम शुरू किया था. 19 नए पार्किंग वे दिसंबर 2019 में ही बनकर तैयार हो गए थे, लेकिन तकनीकी और प्रशासनिक ढिलाई से इनके उपयोग की मंजूरी नहीं मिल पा रही थी. ये पार्किंग वे टैंगो टैक्सी पर बनाए गए हैं. दरअसल टैंगो टैक्सी मुख्य रनवे से राज्य सरकार के स्वामित्व वाले स्टेट हैंगर को जोड़ने वाला टैक्सी वे है. टैंगो टैक्सी के दोनों तरफ ये 19 नए पार्किंग वे बनाए गए हैं.

क्या सुविधा बढ़ेगी एयरपोर्ट पर ?:
- जयपुर एयरपोर्ट पर अभी तक थी 14 विमानों की पार्किंग क्षमता
- इसमें कैटेगरी C और E तक के विमान खड़े हो सकते हैं
- कैटेगरी C यानी एयरबस 320 या बाेइंग 737 विमान
- जिनमें 165 से लेकर 220 तक यात्री सफर कर सकते हैं
- अब जयपुर एयरपोर्ट पर 19 नए पार्किंग वे कैटेगरी C के बनाए गए
- इस तरह एयरबस 320 या बोइंग 737 विमानों की पार्किंग क्षमता बढ़ेगी
- 7 और नए पार्किंग वे बनाया जाना भी है प्रस्तावित, जो कैटेगरी E के होंगे
- कैटेगरी E में 250 से लेकर 420 तक यात्री क्षमता वाले विमान शामिल
- बोइंग 777, एयरबस 330, एयरबस 340 जैसे विमान कैटेगरी E में शामिल
- 7 पार्किंग वे में से कुछ बन चुके, कुछ का निर्माण कार्य बाकी
- 7 और पार्किंग वे बनने पर अगले साल तक 40 पार्किंग वे होंगे जयपुर एयरपोर्ट पर

19 पार्किंग वे का निर्माण तो करीब 3 साल पहले ही पूरा कर लिया गया था. कोविड के दौरान से एयरपोर्ट प्रशासन ने इनका उपयोग करना भी शुरू कर दिया था. शुरुआत में केवल दिल्ली से डायवर्ट होकर आने वाली फ्लाइट्स के लिए ही इन पार्किंग वे का उपयोग किया जा रहा था. अगस्त 2022 में जब डीजीसीए की टीम ने एयरपोर्ट पर विजिट किया था तो इन 19 पार्किंग वे की कमीशनिंग पूरी नहीं मानकर इनके उपयोग पर रोक लगा दी थी. 

धीमी गति और सुरक्षा थे कारण !:
- 19 पार्किंग वे का अप्रूवल लेने में प्रशासनिक ढिलाई आई सामने
- इनका निर्माण तो एयरपोर्ट अथॉरिटी के समय ही पूरा कर लिया गया
- लेकिन कुछ इंजीनियरिंग की छोटी-छोटी कमियां थी बकाया
- साथ ही कमीशनिंग के लिए प्रपोजल में खामियां रहने से मंजूरी नहीं मिली
- डीजीसीए ने यहां सुरक्षा कारणों को भी माना था कमीशनिंग अप्रूवल में बाधा
- पार्किंग वे के ठीक पीछे टोंक रोड की तरफ एयरपोर्ट दीवार से सटकर मकान बने हुए
- इसके बाद एयरपोर्ट की दीवार की ऊंचाई बढ़ाकर सुरक्षा दायरा बढ़ाया गया
- प्रशासनिक व इंजीनियरिंग कमियों को दूर किया गया तो अप्रूवल मिल सका