पदों से छेड़छाड़, माननीय नाराज ! एससी-एसटी के बैकलॉग से छेड़छाड़ का आरोप, भर्ती स्थगित कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग

बीकानेर: बीकानेर की राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर भर्ती को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. इस भर्ती के 2 रोस्टर सामने आए हैं, जिसमें एससी-एसटी की बैकलॉग की सीटों को कम करने के भी आरोप हैं. इसे लेकर आधा दर्जन विधायकों ने राज्य सरकार से भर्ती की जांच और कार्यवाही की मांग की है. 

राजुवास यूनिवर्सिटी में 72 पदों पर की जा रही सहायक प्रोफेसर की भर्ती पूरी होने के आसार नहीं हैं. जिस तरह से विश्वविद्यालय प्रशासन पर गड़बड़ियों के आरोप सामने आ रहे हैं, उससे लगता है कि भर्ती के जरिए युवाओं की नियुक्ति का सपना पूरा होना मुश्किल है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने 23 जून 2022 को सहायक प्रोफेसर के 72 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी. इसके लिए 18 जुलाई तक योग्य अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए थे. 

आरोप है कि विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसरों के पदों की इस भर्ती में गड़बड़ियां की गई. भर्ती में चहेते लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए रोस्टर से छेड़छाड़ की गई. मौजूदा रोस्टर के साथ ही भर्ती से जुड़ा एक और रोस्टर सामने आया है, जिसमें पदों की संख्या अलग है. मौजूदा रोस्टर में एससी-एसटी की बैकलॉग की सीटें कम करने के भी आरोप लग रहे हैं. इसे लेकर सरकार के ही आधा दर्जन विधायकों ने विरोध जताया है. गंगापुर सिटी विधायक रामकेश मीणा, जयपुर के जमवारामगढ़ विधायक गोपाल मीणा, टोडाभीम विधायक घनश्याम महर, जैसलमेर विधायक रूपाराम और अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखकर इस पूरी भर्ती को रोकने और जांच कर सख्त कार्रवाई की मांग की है. 

1 भर्ती, 2 रोस्टर, विधायकों का विरोध !
- भर्ती के लिए 2 रोस्टर होने और दोनों में पदों का वर्गीकरण अलग होने के आरोप
- एक रोस्टर पंजिका में 208 पदों का कैडर स्ट्रैंथ, दूसरी में 331 पदों का कैडर स्ट्रैंथ
- दोनों रोस्टर पंजिका में एससी-एसटी के बैकलॉग के पदों की गणना अलग-अलग 
- पूर्व में रोस्टर पंजिका में बैकलॉग की सीटें एससी-एसटी में क्रमश: 5 और 4 थी
- जबकि भर्ती विज्ञप्ति में इनकी सीटें 2 और 1 कर दी गई
- रोस्टर पंजिका में यह भी भारी गड़बड़ी कि सहायक प्रोफेसर के पदों के बीच में...
- सहायक निदेशक के विभिन्न विषयों को शामिल कर दिया गया
- वेटरनरी एवं नॉन वेटरनरी कैडर को एक साथ मिलाकर रोस्टर बना दिया गया

विधायक रूपाराम, घनश्याम मेहर, खिलाड़ी लाल बैरवा, गोपाल मीणा और रामकेश मीणा ने पत्र में लिखा है कि विश्वविद्यालय की भर्ती में रोस्टर से छेड़छाड़ कर बैकलॉग के पदों में कमी की गई है. विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. पत्र में आरोप लगाया है कि बैकलॉग पदों में कमी करने से अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के बेरोजगार पशु चिकित्सक प्रभावित हो रहे हैं. विधायकों ने भर्ती प्रक्रिया को रोकने और उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठन किए जाने की मांग की है. हालांकि इस पूरे घटनाक्रम पर राज्य सरकार ने 21 दिसंबर को एक आदेश जारी कर उच्च स्तरीय अंतर विभागीय जांच कमेटी के गठन की बात कही है. लेकिन रोचक बात यह है कि अभी तक इस कमेटी ने जांच शुरू नहीं की है.

कमेटी गठन को 1 माह बीता, कमेटी में कौन, पता नहीं ?
- विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायतें मिली
- पशुपालन विभाग ने 25 नवंबर को भर्ती के लिए जांच कमेटी का गठन किया
- कमेटी द्वारा जांच में प्रथम दृष्टया भर्ती प्रक्रिया में कुछ गड़बड़ियां पाई गई
- अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जांच के लिए 21 दिसंबर को अंतर विभागीय कमेटी बनाई
- पशुपालन उप सचिव के आदेश के बावजूद यह कमेटी अभी जांच शुरू नहीं कर सकी
- कमेटी में कौन-कौन शामिल, इस पर भी असमंजस बना हुआ ?