जयपुर: राजस्थान में लोकसभा चुनाव में इस बार वोटिंग प्रतिशत कम होने का एक कारण यह भी रहा कि इस बार नए वोटर्स वोटिंग के लिए उमड़ नहीं पाए. साल 2019 से फर्स्ट टाइम वोटर्स में करीब 16 प्रतिशत की गिरावट से यह साफ संकेत मिलता है कि इस बार इस वर्ग ने दिलचस्पी नहीं दिखाई. शहरी वोटर सहित फर्स्ट टाइम वोटर्स की उदासीनता दूर करने के लिए इस बार निर्वाचन विभाग ने कुछ बूथों पर पहले पचास वोटर्स को स्क्रेच कार्ड और कई लुभावने ऑफर्स रखे गए थे, लेकिन वोटिंग प्रतिशत देखकर साफ है कि यह तरकीबें काम नहीं आईं.
फर्स्ट टाइम वोटर्स और वोटिंग प्रतिशत:
-2024 में 18-19 साल के 16 लाख 64 हजार 845 फर्स्ट टाइम वोटर्स में से 9 लाख 91 हजार 505 ने वोटिंग की है जो कि करीब 60 प्रतिशत है.
-2019 में 13 लाख 82 हजार 834 फर्स्ट टाइम वोटर्स में से 10 लाख 60 हजार 637 ने वोटिंग की थी जो कि 76.70 प्रतिशत है.
फर्स्ट टाइम वोटर्स को लेकर दिलचस्प तथ्य:
-लोकसभा चुनाव 2024 के वोटिंग प्रतिशत से यह साफ है कि जहां त्रिकोणीय संघर्ष या युवाओं के लिए अच्छा चेहरा है या दो प्रत्याशियों में ही अच्छा मुकाबला है, वहां युवाओं की वोटिंग अच्छी है.
-इस कड़ी में 5 ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं जहां 90 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है.
-बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र में 99.37 प्रतिशत, बांसवाड़ा में 95.81 प्रतिशत और घाटोल में 91.08 प्रतिशत मतदान हुआ.
-जोधपुर लोकसभा क्षेत्र के सूरसागर विधानसभा क्षेत्र में 97.62 प्रतिशत और बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र के जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र में 96.63 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है.
-बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में 77 प्रतिशत नए वोटर्स ने वोटिंग की जहां मुकाबला बेहद दिलचस्प है.
-बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र में दूसरा सबसे ज्यादा वोटिंग प्रतिशत 74.59 हुआ जहां त्रिकोणीय मुकाबला है.
-करौली-धौलपुर लोकसभा क्षेत्र में सबसे कम 47.44 फीसदी वोटिंग प्रतिशत है जो उदासीनता दर्शाता है. इस सबके चलते कुछ सीटों पर अप्रत्याशित परिणाम आ सकता है.