चुनाव परिणाम तय करेंगे भविष्य की दशा दिशा, लोकसभा सीटों के प्रभारी मंत्रियों का रिजल्ट से तय होगा रिपोर्ट कार्ड

जयपुरः राजस्थान की सभी 25 सीटों पर मतदान हो चुका है इंतजार है चुनाव परिणाम. चुनाव परिणाम आएगा सिर्फ  प्रत्याशियों का ही भविष्य तय नहीं करेगा इस परिणाम से भजनलाल सरकार के मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड भी तय होगा. 

प्रदेश की 25 सीटों पर हुए मतदान के बाद अब ना सिर्फ प्रत्याशियों चुनाव परिणाम का इंतजार है बल्कि भजनलाल सरकार के मंत्रियों को भी चुनाव परिणाम को लेकर उतनी ही बेचैनी के साथ इंतजार है. लोकसभा चुनाव परिणाम से ही मंत्रियों  का संगठन के लिहाजे से रिपोर्ट कार्ड तय होगा. दरअसल मंत्रियों को सभी 25 लोकसभा सीटों पर अलग-अलग प्रभाव की जिम्मेदारी दी गई थी ऐसे में चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान मंत्रियों ने अपने प्रभार वाली लोकसभा सीट पर जमकर पसीना बहाया. जिन्होंने ऐसा नहीं किया और केवल सीएम को शक्ल दिखाने के काम किया उनकी परफॉर्मेंस रिपोर्ट जांची जायेगी. मंत्री इस बात को बखूबी समझते हैं कि लोकसभा चुनाव का परिणाम  का प्रभाव आगामी दिनों में होने वाले मंत्रिमंडल के फेरबदल में देखा जा सकता है. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के आधार पर मंत्रियों की परफॉर्मेंस के आधार पर प्रमोशन और डिमोशन तय होगा.

---लोकसभा सीट पर मंत्रियों को जिम्मेदारी---
अजमेर लोकसभा सीट-  उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी
कोटा लोकसभा क्षेत्र- उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा
श्रीगंगानगर हनुमानगढ़ लोकसभा क्षेत्र- सुमित गोदारा 
बीकानेर लोकसभा क्षेत्र-गजेंद्र सिंह खींवसर
चूरू -मंत्री अविनाश गहलोत
सीकर -मंत्री गौतम कुमार  दक
जयपुर ग्रामीण-मंत्री किरोड़ी लाल मीणा
बीकानेर - मंत्री सुमित गोदारा
जयपुर शहर-मंत्री जोगाराम पटेल
अलवर - मंत्री सुरेश रावत 
भरतपुर - मंत्री संजय शर्मा 
करौली धौलपुर - मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म 
दौसा - मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ 
टोंक सवाईमाधोपुर-मंत्री मदन दिलावर
नागौर मंत्री कन्हैयालाल चौधरी 
पाली -मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग
 जोधपुर-मंत्री विजय सिंह चौधरी 
बाड़मेर - मंत्री जोराराम कुमावत 
जालौर सिरोही - मंत्री के के बिश्नोई
 उदयपुर -  मंत्री हेमंत मीना 
बांसवाड़ा डूंगरपुर - मंत्री बाबूलाल खराड़ी
चित्तौड़गढ़ - मंत्री झाबर सिंह खर्रा
राजसमंद- मंत्री मंजू बाघमार
भीलवाड़ा -- मंत्री हीरालाल नागर 
झालावाड़ बारां - ओटाराम देवासी 

संगठन की और से लोकसभा प्रभारी लगाए गए  मंत्री चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के साथ सारथी के तौर पर नजर आए. मंत्री प्रत्याशी के साथ नामांकन से लेकर प्रचार तक और कार्यकर्ताओं की नाराजगी उनके मान मनोवल में भी जुटे रहे. लोकसभा चुनाव का परिणाम मंत्रियों के लिए कितना अहम है. हालांकि मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड सरकारी कामकाज की परफॉर्मेंस के आधार पर तय किया जाता है. लेकिन चुनाव की समीक्षा संगठन  स्तर पर की जाएगी और उसका असर आगामी दिनों में बीजेपी की सियासत में देखने को मिल सकता है. कई मंत्रियों की प्रभार को छोड़कर दूसरी सीटों  पर सांख दाव पर लगी हुई है. कद्दावर मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की प्रभार वाली जयपुर ग्रामीण सीट के साथ-साथ दौसा और टोंक सवाई माधोपुर के कारण भी सांख दाव पर है. तो वहीं गजेंद्र सिंह खींवसर की बीकानेर के साथ नागौर और जोधपुर का प्रभार दिया गया. उप मुख्यमत्री दीया कुमारी ने अजमेर के साथ अपने पुराने क्षेत्र राजसमंद का भी प्रभार देखा. इतना ही नहीं प्रदेश की कई अन्य सीटों पर भी बतौर स्टार प्रचारक पहुंची. भजनलाल कैबिनेट में जगह नहीं बना सके बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और तिजारा से विधायक बाबा बालक नाथ को झुंझुनू सीट पर मिली प्रभार की जिम्मेदारी भी बड़ी चुनौती रही. बीजेपी संगठन के पदाधिकारियों का भी अलग अलग लोकसभा सीटों का जिम्मा दिया था. इनमें प्रमुख थे प्रभु लाल सैनी ,सीआर चौधरी,जितेंद्र गोठवाल,संतोष अहलावत ,श्रवण सिंह बगड़ी,मुकेश दाधीच,भूपेंद्र सैनी,अजीत मंडन, ओपी भड़ाना, मोती लाल मीणा,वासुदेव चावला, नाहर सिंह जोधा,पिंकेश पोरवाल,विजेंद्र पूनिया समेत प्रमुख पदाधिकारी. बीजेपी के प्रदेश पदाधिकारियों में ज्योति मिर्धा की भाग्य नागौर,दामोदर अग्रवाल की किस्मत भीलवाड़ा से जुड़ी है.