Grahan 2023: साल 2023 में लगेंगे कुल 4 ग्रहण, अभी से नोट कर लीजिए तारीख

जयपुर: नए साल में चार ग्रहण होंगे. इनमें पहला वाला सूर्य ग्रहण है, लेकिन वो भारत में नहीं दिखेगा. दूसरा, उपच्छाया चंद्र ग्रहण रहेगा. जो कि बुद्ध पूर्णिमा पर होगा और देश में दिखेगा भी. अगला वाला वलयाकार सूर्य ग्रहण रहेगा. जो भारत में नहीं होगा. आखिरी वाला ग्रहण आंशिक चंद्र ग्रहण रहेगा. जो कि शरद पूर्णिमा पर होगा और भारत में भी दिखेगा. इस तरह नए साल में सिर्फ दो चंद्र ग्रहण ही भारत में दिखेंगे. जिनका धार्मिक महत्व भी रहेगा. 

ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि साल 2023 में चार ग्रहण लगेंगे. हालांकि, चार में से सिर्फ एक ही ग्रहण भारत में दिखेगा और मान्य होगा. यह साल का आखिरी चंद्रग्रहण होगा, जो 28 अक्टूबर को लगेगा. नए साल 2023 में चार ग्रहण लगेंगे. हालांकि, चार में से सिर्फ 28 अक्टूबर को पड़ने वाले साल का आखिरी चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा. तो वहीं पहला ग्रहण 20 अप्रैल को रहेगा. नए वर्ष में पहला ग्रहण 20 अप्रैल को पड़ेगा. पंचांग के अनुसार यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 7:04 से दोपहर 12:29 बजे तक रहेगा. यह भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. 

वहीं दूसरा ग्रहण चंद्र ग्रहण होगा, जो शुक्रवार पांच मई को लगेगा. यह रात 8:45 से लेकर रात 1.00 बजे तक रहेगा. यह ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा और इसका भी सूतक काल मान्य नहीं होगा. इसी तरह तीसरा ग्रहण सूर्य ग्रहण होगा. वर्ष का आखिरी सूर्य ग्रहण शनिवार 14 अक्टूबर को लगेगा. यह भी भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. चौथा ग्रहण 28 अक्टूबर को वर्ष-2023 का चौथा ग्रहण चंद्र ग्रहण होगा. यह 28 अक्टूबर की रात 1:05 से रात 2:24 बजे तक रहेगा. दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा और इसका सूतक काल शाम पांच बजे से शुरू हो जाएगा.
ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2023 में चार ग्रहण लगेंगे लेकिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार संवत 2080 में 6 ग्रहण लगेंगे. यह 6 ग्रहण 20 अप्रैल, 5 मई, 14 अक्टूबर, 29 अक्टूबर 2023 और 25 मार्च 2024 एवं 8 अप्रैल 2024 को लगेंगे.

साल 2023 में ग्रहण:
ज्योतिषीय गणना के अनुसार साल 2023 में कुल मिलाकर 4 ग्रहण लगेंगे. दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे. 

20 अप्रैल को पहला सूर्य ग्रहण:
ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगेगा. ये कंकणाकृति सूर्य ग्रहण होगा. लेकिन भारत में नहीं दिखेगा. इसलिए इसका धार्मिक महत्व भी नहीं होगा. ये ग्रहण दक्षिण-पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत और हिंद महासागर में दिखेगा. पंचांग के अनुसार यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 7:04 से दोपहर 12:29 बजे तक रहेगा, जो भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा.

14 अक्टूबर को दूसरा सूर्य ग्रहण:
ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को होगा. ये वलयाकार होगा. जो कि भारत में नहीं दिखेगा. इसलिए देश में इसका धार्मिक महत्व भी नहीं होगा. ये सूर्य ग्रहण टेक्सास से शुरू होकर मेक्सिको के साथ ही मध्य अमेरिका, कोलंबिया और ब्राजील के कुछ हिस्सों से होकर गुजरता हुआ अलास्का और अर्जेंटीना तक दिखाई देगा. यह भी भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा.

5 मई को पहला चंद्र ग्रहण:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि 5 मई को उपछाया चंद्र ग्रहण‎ होगा. यानी चंद्रमा पर पड़ने वाली पृथ्वी की छाया की भी एक और छाया होने से ये ग्रहण नहीं दिखेगा. इसलिए इसका भी धार्मिक महत्व नहीं रहेगा. ये चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अंटार्कटिका, प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर पर रहेगा. नए साल का पहला चंद्र ग्रहण होगा, जो 5 मई शुक्रवार को लगेगा. यह रात 8:45 से लेकर रात 1 बजे तक रहेगा. यह ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा और इसका भी सूतक काल मान्य नहीं होगा.

28 अक्टूबर को आखिरी चंद्र ग्रहण:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर की रात में होगा. ये आंशिक चंद्र ग्रहण भारत के कई हिस्सों में दिखेगा. इस दिन शरद पूर्णिमा रहेगी. ये चंद्र ग्रहण रात 1.05 पर शुरू होगा और रात 02.24 पर खत्म होगा. इस तरह करीब 1 घंटे 19 मिनट तक ये ग्रहण रहेगा. ये चंद्र ग्रहण भारत के साथ ही एशिया के कई देशों सहित यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी-दक्षिणी अफ्रीका, आर्कटिक, अंटार्कटिका, प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर में दिखेगा. इसका सूतक काल शाम 5 बजे से शुरू हो जाएगा.

यह रहेगी ग्रहों की स्थिति:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि अंग्रेजी कैलेंडर के नववर्ष का शुभारंभ पौष माह के शुक्ल पक्ष दशमी तिथि, अश्विनी नक्षत्र, सिद्ध योग और रविवार के दिन होगा. नए साल 2023 में सूर्य का प्रभाव अधिक रहेगा. साल के पहले दिन सूर्य रवि तिथि में शनि देव एवं देव गुरु बृहस्पति अपनी राशि में रहेंगे. ग्रहों की यह स्थिति सर्वोत्तम एवं बेहद शुभकारी होगी. ज्योतिष शास्त्र बताता है कि जब भी कोई ग्रह अपने घर में निवास करता है तो सभी राशियों के लिए बेहतर परिणाम देता है.

प्राकृतिक आपदाओं की आशंका:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि चार ग्रहणों की वजह से प्राकृतिक आपदाओं का समय से ज्यादा प्रकोप देखने को मिलेगा. इसमें भूकंप, बाढ़, सुनामी, विमान दुर्घटनाएं, किसी बड़े गुनाहगार का देश में वापस आने का संकेत मिल रहे हैं. प्राकृतिक आपदा में जनहानि कम ही होने की संभावना है. फिल्म एवं राजनीति से दुखद समाचार. व्यापार में तेजी आएगी. बीमारियों में कमी आएगी. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. आय में इजाफा होगा. वायुयान दुर्घटना होने की संभावना. पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा होंगे. सत्ता संगठन में बदलाव होंगे. पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा. देश में आंदोलन, हिंसा, धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, वायुयान दुर्घटना, विमान में खराबी, उपद्रव और आगजनी की स्थितियां बन सकती है.