VIDEO: लक्ष्मी मंदिर तिराहा प्रोजेक्ट सुविधा के बजाए बना दुविधा, तिराह ट्रैफिक सिग्नल हुआ फ्री, लेकिन जाम से नहीं मिली राहत, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: लक्ष्मी मंदिर तिराहा ट्रैफिक सिग्नल प्रोजेक्ट वाहन चालकों के लिए सुविधा की जगह बड़ी दुविधा बन गया है. इस दुविधा से मुक्ति दिलाने के लिए शहर वासियों को प्रदेश में गठित होने वाली नई सरकार काफी उम्मीदें हैं. 

जयपुर विकास प्राधिकरण ने लालकोठी सब्जी मंडी से टोंक रोड की तरफ 65.50 करोड़ रुपए की लागत से अंडरपास बनाया है. जिसे लक्ष्मी मंदिर तिराहा अंडरपास या नेहरू बालोद्यान अंडरपास कहा गया है. इस अंडरपास का लोकार्पण 21 सितंबर को किया गया था. अंडरपास निर्माण का उद्देश्य था कि लक्ष्मी मंदिर तिराहे को ट्रैफिक सिग्नल फ्री किया जाए. तिराहा तो ट्रैफिक सिग्नल फ्री हो गया है. वाहन चालकों को ट्रैफिक सिग्नल के लिए रूकना तो नहीं पड़ता लेकिन अब अन्य स्थानों पर जाम के चलते रेंग-रेंग कर चलना मजबूरी बन गया है. इस समस्या के समाधान के लिए जेडीए ने प्रयास भी किए लेकिन ये प्रयास नाकाफी रहे. आपको सबसे पहले अजमेरी गेट से आने हुए सहकार मार्ग पर जाने वाले वाहन चालकों की पीड़ा बताते हैं.

- इस ट्रैफिक सिग्नल फ्री प्रोजेक्ट के तहत टोंक रोड पर जो वाहन अजमेरी गेट की तरफ से आते हैं

- उन वाहनों को टोंक रेलवे ओवरब्रिज के समानांतर चलते हुए उसके नीचे से बरकत नगर की तरफ जाना पड़ता है

- बरकत नगर से होते हुए वापस टोंक रोड हाेते हुए ये वाहन चालक सहकार मार्ग की तरफ मुड़ते हैं

- टोंक फाटक आरओबी के अंडरपास से बरकत नगर फाटक तक की सड़क काफी कम चौड़ी है

- इसी सड़क से बरकत नगर फाटक से बजाज नगर की तरफ वाहन जाते हैं

- बॉटल नेक बनी इस संकरी सड़क के कारण अक्सर यहां जाम की स्थिति रहती है

- जेडीए चाहता है कि आरओबी से लगती रेलवे की कब्जे की करीब 13 सौ वर्गमीटर भूमि ली जाए

- सड़क चौड़ी करने के लिए जेडीए यहां 10 मीटर चौड़ाई में यह भूमि लेना चाहता है

- इसके लिए जेडीए ने रेलवे को पत्र भी लिखे,लेकिन रेलवे ने यह भूमि देने से साफ इंकार कर दिया

- रेलवे का कहना है कि यह भूमि जंक्शन से जुड़े उसके प्रोजेक्ट का भाग है

- हांलाकि भूमि जिन दो खसरों में शामिल है उसमें एक खसरा यूआईटी जयपुर के नाम और

- दूसरा खसरा महकमा इंजीनियरिंग के नाम से राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है

- महकमा इंजीनियरिंग के नाम से दर्ज होने के कारण जेडीए ने सार्वजनिक निर्माण विभाग को पत्र भेजा

- विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर जेडीए ने रेलवे से यह भूमि दिलाने की मांग की है

लक्ष्मी मंदिर तिराहा ट्रैफिक सिग्नल प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए अंडरपास के प्रवेश पर भी वाहन चालकों का आवागमन सुगम नहीं हैं. खासकर शाम के समय तो यहां अक्सर जाम रहता है. आपको बताते हैं कि जाम के कारण क्या हैं और इसे हटाने की कोशिशें नाकाफी हैं.

-सहकार मार्ग से सांगानेर की तरफ जाने वाले वाहन चालक अंडरपास का उपयोग करते हैं

-सहकार मार्ग से लेकर अंडरपास तक की इस सड़क को जेडीए ने चौड़ा किया है

-इस सड़क के दोनों तरफ लाल कोठी सब्जी मंडी है

-अंडरपास के इस प्रवेश के रास्ते पर दिन भर थड़ी-ठेले वाले खड़े रहते हैं

-लालकोठी सब्जी मंडी में आने वाले वाहन चालक इसी सड़क पर बेतरतीब पार्किंग करते हैं

-अतिक्रमण और बेतरतीब पार्किंग के कारण यहां वाहनों को रेंग-रेंग कर चलना पड़ता है

-अतिक्रमण हटाने की जेडीए के प्रवर्तन दस्ते ने कार्रवाई और

-बेतरतीब पार्किंग के खिलाफ यातायात पुलिस ने भी कार्रवाई की

-लेकिन पुख्ता एनफॉरसमेंट नहीं होने से यह समस्या जस की तस बनी हुई है

इसके बाद जयपुर विकास प्राधिकरण ने इस तिराहे को ट्रैफिक सिग्नल फ्री करने के लिए ट्रैफिक पुलिस को प्रस्ताव भी भेज दिया. हांलाकि आज जेडीए ने अस्थायी तौर पर सहकार मार्ग पर बेरिकेडिंग कर दी है. ताकि वाहन अंडरपास का इस्तेमाल करें. आपको बताते हैं कि अंडरपास बनने के बाद इस तिराहे को किस तरह ट्रैफिक सिग्नल फ्री किया जाएगा.