जयपुर: दशकों के इंतजार के बाद महिला आरक्षण विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है.विधेयक के कानून बनने के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित हो जाएगी,लेकिन अभी पहले जनगणना होगी और फिर सीटों के परिसीमन का काम होगा. आखिर में राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून की शक्ल लेगा.ऐसे में अगले लोकसभा चुनाव 2029 में यह कानून लागू होगा,लेकिन सियासी दल चाहें तो 2024 लोकसभा चुनाव में महिलाओं को ज्यादा टिकटें अपने स्तर पर देकर सही मायने में महिला प्रतिनिधित्व की जिम्मेदारी निभा सकते हैं.
जानिए, राजस्थान में लोकसभा चुनाव में कितनी महिलाओं की रही भागीदारी:
सियासत में आधी आबादी को ज्यादा मौका देने के खूब दावे और वादे किए.भाजपा और कांग्रेस ने महिला वोट बैंक के चलते खूब महिलाओं को सियासत में आरक्षण देने के मुद्दे को उछाला.लेकिन बात जब महिलाओं को टिकट देने की आती है तो तमाम दावे और वादे धराशायी हो जाते हैं.खैर,अब तो दोनों सदनों में विधेयक पारित हो चुका है और 2029 लोकसभा चुनाव से यह लागू भी हो जाएगा, लेकिन हकीकत में अगर सियासी दल महिलाओं को प्रतिनिधत्व देने को लेकर गंभीर है तो 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने स्तर पर ज्यादा टिकटें देकर नजीर पेश कर सकते हैं.अब बात राजस्थान के संदर्भ में करें तो लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण के दौरान दोनों ही दलों ने महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने में कंजूसरी बरती.यही वजह है कि पहले आमचुनाव 1952 लेकर अब तक महज 19 महिलाएं ही लोकसभा सांसद चुनी गई है.
जानिए किस सीट से कौन महिला अब तक चुनी गई सांसद:
नाम सीट
गायत्री देवी----------------- जयपुर
कृष्णा कुमारी---------------जोधपुर
इंदु बाल सुखाड़िया--------उदयपुर
चंद्रेश कुमारी------------- जोधपुर
ज्योति मिर्धा----------------नागौर
संतोष अहलावत-----------झुंझुनूं
वसुंधरा राजे---------------झालावाड़
रमा पायलट-----------------दौसा
उषा मीणा----------------सवाई माधोपुर
जसकौर सीणा---------सवाई माधोपुर और दौसा
महेंद्र कुमारी----------------अलवर
कृष्णेंद्र कौर----------------भरतपुर
दिव्या सिंह------------------भरतपुर
रंजीता कोली-------------- भरतपुर
गिरिजा व्यास-------------उदयपुर और चित्तौड़गढ़
किरण माहेश्नरी---------------उदयपुर
प्रभा ठाकुर------------------अजमेर
दिया कुमारी----------------राजसमंद
सुशीला बंगारु----------------जालोर
भाजपा और कांग्रेस अब तक हर लोकसभा चुनाव में 25 सीटों पर सिर्फ दो या तीन-तीन महिलाओं को ही टिकट देते आए हैं.ऐसे में हर चुनाव में महज गिनती की सांसद चुनकर लोकसभा पहुंची.शुरुआती तीन लोकसभा चुनाव 1952,1957 और 1962 में राजस्थान से कोई भी महिला सांसद नहीं चुनी गई थी.1967 के लोकसभा चुनाव में जयपुर राजघराने की पूर्व सदस्य गायत्री देवी स्वतंत्र पार्टी के बैनर तले पहली बार सांसद चुनी गई थी.पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सबसे ज्यादा पांच बार सांसद चुनी गई.पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास तीन बार और जसकौर मीणा दो बार लोकसभा सांसद चुनी गई हैं। वहीं बीकानेर, बाड़मेर, चूरू, सीकर, कोटा, डूंगरपुर-बांसवाड़ा और पाली लोकसभा क्षेत्र से अभी तक महिला सांसद चुनने का खाता तक नहीं खुला है. खैर, अब जल्द कानून बनने के बाद अगले लोकसभा चुनाव में महिला प्रतिनिधित्व बढना तय है.लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव में बिना महिला आरक्षण के ही होंगे.अब देखना है कि महिला प्रतिनिधत्व की दुहाई देने वाले सियासी दल इस बार कितनी महिलाओं को टिकट देते हैं.
दिनेश डांगी,फर्स्ट इंडिया न्यूज,जयपुर