Magh Gupt Navratri 2024: रवि और सर्वार्थसिद्धि योग में आज से शुरू हुए माघ गुप्त नवरात्रि, इन 10 महाविद्याओं की होती है साधना

जयपुर: हिंदू धर्म का विशेष महत्व है. नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में शक्ति की साधना की जाती है. हिंदू धर्म के कैलेंडर के अनुसार साल में चार बार नवरात्रि का पर्व होता है. चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि पड़ती है. पंचांग के अनुसार पहली गुप्त नवरात्रि माघ मास में और दूसरी आषाढ़ मास में पड़ती है.  गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के अलावा मां भगवती दुर्गा के दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है. पंचाग के अनुसार इस साल माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत शनिवार 10 फरवरी 2024 से हुई.

वहीं इसका समापन रविवार 18 फरवरी 2024 को होगा. गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी से 18 फरवरी तक पूरे 9 दिन रहेगी. इस बार गुप्त नवरात्रि पर रवियोग और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं. जिससे मां दुर्गा की पूजा-उपासना करने वालों को कई गुना अधिक फल प्राप्त होगा. गुप्त नवरात्रि माघ महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तक चलती है. मां दुर्गा को उपासक 9 दिन तक गुप्त तरीके से शक्ति साधना व तंत्र सिद्धि करते हैं. गुप्त नवरात्रि को गुप्त साधना और विद्याओं की सिद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. पूरे वर्ष में चार नवरात्रि होती हैं, जिसमें दो गुप्त नवरात्रि और दो प्रकट नवरात्रि होती हैं. माघ और आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्रि होती हैं और प्रकट नवरात्रि में चैत्र नवरात्रि तथा आश्विन माह की शारदीय नवरात्रि होती है. देवी भागवत महापुराण में मां दुर्गा की पूजा के लिए इन चार नवरात्रियों का उल्लेख है.

माघ गुप्त नवरात्रि प्रारंभ
ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है. पंचाग के अनुसार इस साल माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत शनिवार 10 फरवरी 2024 से हो रही है. वहीं इसका समापन रविवार 18 फरवरी 2024 को होगा. गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी से 18 फरवरी तक पूरे 9 दिन रहेगी. गुप्त नवरात्रि माघ महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तक चलती है. 

माघ गुप्त नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त
माघ गुप्त नवरात्रि प्रतिपदा तिथि- 10 फरवरी 2024 की सुबह 04:28 मिनट से 11 फरवरी की रात्रि 12:47 मिनट तक. 
घटस्थापना शुभ मुहूर्त- 
पहला घटस्थापना का शुभ मुहूर्त: प्रातः 8 : 45 मिनट से लेकर 10:10 मिनट तक 
कुल अवधि: 1 घंटा 25 मिनट रहेगी
अभिजीत मुहूर्त: 
दूसरा घटस्थापना का शुभ महूर्त:  दोपहर 12: 13 मिनट से लेकर 12:58 मिनट तक 
कुल अवधि: 44 मिनट

गुप्त नवरात्रि में साधना
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि प्रत्यक्ष नवरात्रि में मां भगवती की पूजा जहां माता के ममत्व के रूप में की जाती है तो वहीं गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा शक्ति रूप में की जाती है. मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में देवी साधना किसी को बता कर नहीं की जाती है. इसलिए इन दिनों को नाम ही गुप्त दिया गया है. गुप्त नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक गुप्त अनुष्ठान किये जाते हैं. इन दिनों देवी दुर्गा के दस रूपों की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इन नवरात्रि में देवी साधना से शीघ्र प्रसन्न् होती हैं और मनोवांछित फल प्रदान करती हैं. जितनी अधिक गोपनीयता इस साधना की होगी उसका फल भी उतनी ही जल्दी मिलेगा. देवी के मां कालिके, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी देवी, भुनेश्वरी देवी, मां धूम्रावती, बगलामुखी माता, मातंगी माता और देवी कमला की गुप्त नवरात्रि में पूजा की जाती है. मंत्र जाप, श्री दुर्गा सप्तशती, हवन के द्वारा इन दिनों देवी साधना करते हैं. यदि आप हवन आदि कर्मकांड करने में असहज हों तो नौ दिन का किसी भी तरह का संकल्प जैसे सवा लाख मंत्रों का जाप कर अनुष्ठान कर सकते हैं. या फिर राम रक्षा स्त्रोत, देवी भागवत आदि का नौ दिन का संकल्प लेकर पाठ कर सकते हैं. अखंड जोत जलाकर साधना करने से माता प्रसन्न होती हैं.

सामग्री
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र, सिंदूर, केसर, कपूर, जौ, धूप,वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सुगंधित तेल, बंदनवार आम के पत्तों का, लाल पुष्प, दूर्वा, मेंहदी, बिंदी, सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, आसन, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, कमलगट्टा, जौ, बंदनवार, दीपक, दीपबत्ती, नैवेद्य, मधु, शक्कर, पंचमेवा, जायफल, जावित्री, नारियल, आसन, रेत, मिट्टी, पान, लौंग, इलायची, कलश मिट्टी या पीतल का, हवन सामग्री, पूजन के लिए थाली, श्वेत वस्त्र, दूध, दही, ऋतुफल, सरसों सफेद और पीली, गंगाजल आदि.

मां दुर्गा की ऐसे करें पूजा
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि गुप्त नवरात्रि के दौरान तांत्रिक और अघोरी मां दुर्गा की आधी रात में पूजा करते हैं. मां दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित कर लाल रंग का सिंदूर और सुनहरे गोटे वाली चुनरी अर्पित की जाती है. इसके बाद मां के चरणों में पूजा सामग्री को अर्पित किया जाता है. मां दुर्गा को लाल पुष्प चढ़ाना शुभ माना जाता है. सरसों के तेल से दीपक जलाकर 'ॐ दुं दुर्गायै नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए.

गुप्त नवरात्रि में इन 10 महाविद्याओं की होती है साधना
•    मां काली
•    मां तारा
•    मां त्रिपुर सुंदरी
•    मां भुवनेश्वरी
•    मां छिन्नमस्ता
•    मां त्रिपुर भैरवी
•    मां धूमावती
•    मां बगलामुखी
•    मां मातंगी
•    मां कमला