12 साल बाद वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे देवगुरु बृहस्पति, गुरु 1 मई को करेंगे वृषभ राशि में प्रवेश

12 साल बाद वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे देवगुरु बृहस्पति, गुरु 1 मई को करेंगे वृषभ राशि में प्रवेश

जयपुर: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार समय-समय पर ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं, जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर पड़ता है. सभी ग्रह एक निश्चित अंतराल पर गोचर करते हैं. ज्योतिष में गुरु ग्रह के राशि परिवर्तन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. जब भी गुरु ग्रह अपनी राशि बदलते हैं तो हर जातक के जीवन में इसका प्रभाव अवश्य ही पड़ता है. गुरु 13 महीनों तक किसी राशि में रहते हैं फिर इसके बाद राशि परिवर्तन करते हैं. देवताओं के गुरु बृहस्पति 1 मई को गोचर होगा. देवगुरु वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि देवगुरु बृहस्पति 01 मई 2024 को दोपहर 02:29 मिनट पर राशि बदलेंगे.

गुरु ग्रह को विस्तार, प्रगति और ज्ञान का ग्रह माना जाता है. गुरु ग्रह जातक के जीवन को अधिकांश क्षेत्रों को प्रभावित करता है. गुरु अभी मंगल की राशि में मेष में विराजमान हैं और इसके बाद शुक्र की राशि वृषभ में प्रवेश करेंगे. गुरु के वृषभ राशि में गोचर करने से कई राशियों के जातकों को लाभ मिल सकता है. सभी नौ ग्रहों में, बृहस्पति को सबसे शुभ माना जाता है और बृहस्पति की कृपा के बिना जातकों को कोई भी शुभ फल प्राप्त नहीं होता है. गुरू ग्रह धनु व मीन राशि के स्वामी है. देवगुरू बृहस्पति को ज्ञान, शिक्षक, संतान, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि का कारक ग्रह कहा जाता है. बृहस्पति 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी होते हैं.

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि सनातन धर्म में गुरुवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति देव को समर्पित होता है. इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु संग देवगुरु बृहस्पति की पूजा-उपासना की जाती है. कुंडली में गुरु मजबूत रहने से जातक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है. अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी हो जाती है. वहीं कुंडली में गुरु कमजोर होने पर जातक को जीवन में धन संबंधी परेशानी हमेशा बनी रहती है. 

गुरु गोचर
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष गणना के अनुसार, देवताओं के गुरु बृहस्पति वर्तमान समय में मेष राशि में विराजमान हैं और 1 मई को वृषभ राशि में गोचर करेंगे. देवगुरु बृहस्पति दोपहर 2:29 मिनट पर मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे. इस दौरान 12 जून को रोहिणी नक्षत्र में गोचर करेंगे. वहीं 9 अक्टूबर को देवगुरु बृहस्पति वक्री हो जाएंगे. इसके बाद गुरु 4 फरवरी, 2025 को मार्गी होंगे. वर्ष 2025 में 14 मई को देवगुरु वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे.

प्रभाव
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि बृहस्पति के राशि बदलने के कारण लंबे समय से प्रमोशन का इंतजार करने वाले लोगों को स्थान परिवर्तन के साथ सुखद संकेत भी मिल सकते हैं. राजनीति से जुड़े कुछ लोगों को जनता का सहयोग मिल सकता है. बुद्धि और ज्ञान बढ़ेगा. कुछ नया सीखने को मिलेगा. सेहत संबंधी परेशानियां भी कम हो सकती है. जॉब-बिजनेस और अन्य कई मामलों में निष्पक्ष फैसले भी होने के योग बन रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि के साथ शेयर बाजार फिर से बढ़ने की भी संभावना रहेगी. इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होने के योग बनेंगे. राजनीतिक उथल-पुथल एवं प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ेगी. लोगों को विशेष लाभ मिलेगा. शिक्षा प्रणाली में सुधार के भी योग बनेंगे. धरना जुलूस प्रदर्शन आंदोलन गिरफ्तारियां होगी. रेल दुर्घटना होने की संभावना. अचानक मौसमी बदलाव भी हो सकते हैं. बारिश और बर्फबारी होने की आशंका है. सेना की ताकत बढ़ेगी. देश की कानून व्यवस्था भी मजबूत होगी. 

गुरु के उपाय 
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि जल में हल्दी डालकर स्नान करें. मस्तक पर हल्दी और केसर का टीका लगाएं. गुरुवार के दिन पीली वस्तुओं का दान करें. पीले वस्त्र, फल, चना, गुड़ चने की दाल आदि का दान करें. साथ ही ही अपने से ज्येष्ठ और गुरुजनों का सम्मान करें. गाय का पूजन कर उसे आटा की लोई खिलाएं.  पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं. हर गुरुवार शाम एक दीपक जलाकर पीपल के पास रखने से लाभ होगा.

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास से जानते हैं गुरु के वृषभ राशि में गोचर का सभी 12 राशियों पर प्रभाव.

मेष राशि 
मेष राशि वालों के लिए शुभप्रद है, धन लाभ व उन्नति के अवसर, शुभ कार्यों पर खर्च, उच्च प्रतिष्ठित लोगों के साथ संपर्क बढ़ेगा जिससे नए लाभप्रद मार्ग एवं परियोजना सामने आएंगी.

वृष राशि 
आय कम, खर्च अधिक होंगे. धर्म का पालन करने से लाभ के अवसर बनेंगे. शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतें. पारिवारिक दायित्व के निर्वाह में संघर्ष रहेगा.

मिथुन राशि
स्वास्थ्य के प्रति विशेष सावधानी बरतें. अनावश्यक वाद- विवाद में न उलझें. धन व्यय की अधिकता रहेगी. बनते कामों में विघ्न न पैदा हों इसके लिए सोच-समझकर ही निर्णय लें.

कर्क राशि 
गुरू शुभ और सर्व सिद्धि कारक हैं. लाभ व उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे, धन, भूमि, सवारी आदि सुखों में वृद्धि होगी, कार्यों में सफलता प्राप्त होगी.

सिंह राशि 
कठोर श्रम से ही कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी. कार्य, व्यवसाय में कुछ उलझनों के बाद धन प्राप्ति होगी, अनावश्यक तनाव स्वास्थ्य कष्ट का कारण बन सकता है.

कन्या राशि
आपको श्रेष्ठ स्थिति की ओर आपकी योग्यता अनुसार ले जाने का प्रयास करेगा. नवम भाव का गुरु कार्यों में सफलता, लाभ व उन्नति के अवसर प्रदान करता है.

तुला राशि 
मानसिक अशांति, मतिभ्रम, स्थान परिवर्तन, घरेलु उलझनें बनी रहेंगी. नए प्रोजेक्ट की शुरुआत हो सकती है जो एक वर्ष के बाद सार्थक परिणाम दिलाऐंगे. यात्रा में सावधानी बरतें.

वृश्चिक राशि 
धन लाभ एवं सवारी आदि सुखों की प्राप्ति होगी. पद, प्रतिष्ठा में वृद्धि एवं सम्मान आदि का सुख प्राप्त होगा. विचारों में परोपकार की भावना उदय होगी.

धनु राशि 
अनावश्यक परेशानियां एवं खर्चे बढ़ सकते हैं, रोग एवं शत्रु आप पर हावी हो सकते हैं, अतः सावधानी पूर्वक कार्य व्यवहार करें. परिस्थिवश निकट बन्धुओं से व्यथा, तकरार पैदा होने की संभावनाएं हैं.

मकर राशि 
उच्च शिक्षा में सफलता, अविवाहितों को विवाह आदि सुखों की प्राप्ति होगी, श्रेष्ठजनों से सम्पर्क, लाभ व उन्नति के अवसर मिलेंगे, परन्तु अनुकूल परिणाम पाने के लिए विशेष प्रयास भी करना पड़ेगा.

कुम्भ राशि 
आपकी सूझ-बूझ एवं प्रयास और परिश्रम ही आपकी परेशानियों को कम करेगा जिससे वाद-विवाद से बचाव एवं सुख-साधनों में न्यूनता नहीं आएगी. आर्थिक लेन- देन के प्रति सचेत रहें.

मीन राशि 
विशेष प्रयास के बाद ही सफलता प्राप्त होगी, नौकरी, व्यवसाय में परिवर्तन, मानसिक अशांति प्रस्तुत कर सकता है. सही निर्णय ही सफलता दिलाएगा.