21 अप्रैल को मेष राशि में वक्री होंगे बुध, जानिए प्रभाव और उपाय; पढ़े अपनी राशि का हाल

जयपुर: वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह बुद्धि, तर्क क्षमता और अच्छे संचार कौशल का कारक माना जाता है. बुध ग्रह मिथुन राशि और कन्या राशि के स्वामीग्रह माने जाते हैं. 31 मार्च, 2023 को दोपहर 02 :44 पर बुध मेष राशि में गोचर कर चुके हैं और ये 7 जून तक मेष राशि में ही रहेंगे और उसके बाद वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि बुधदेव 21 अप्रैल को दोपहर 2:05 मिनट पर वक्री होंगे और पुनः 15 मई की सुबह 8 :45 मिनट पर मार्गी होंगे. 

ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को तर्क और बुद्धि का प्रतीक माना गया है. सूर्य का काफी नजदीक होने के कारण बुध ग्रह को राजकुमार की भी संज्ञा दी गई है. बुध ग्रह मेष राशि के तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार बुध ग्रह 21 अप्रैल को मेष राशि पहले भाव में वक्री होने वाले हैं. ऐसे में कुछ राशियों के जातकों को इसका भरपूर फायदा होने वाला है. ग्रह दशा के मुताबिक जातकों को इस अवधि में सट्टेबाजी, व्यापार और करियर के क्षेत्र में उन्नति हो सकती है.

ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि बुध के खराब परिणामों में  फैसला लेने की क्षमता न होना, सिर दर्द, त्वचा आदि के रोग हो सकते हैं. अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह अच्छा है तो आपको वाणी, शिक्षा, शिक्षण, गणित, तर्क में लाभ मिलता है. वक्री बुध से जीवन पर कई प्रभाव पड़ता है. जातक अकस्मात होने वाले परिवर्तन में कुछ अनचाहे फैसला ले सकता है. यह परिस्थितियों के हिसाब से लिए जाने वाले निर्णय बाद में परेशानी कर सकते हैं. बुध का वक्री होना जातक की बुद्धि, वाणी, अभिव्यक्ति, शिक्षा और साहित्य के प्रति लगाव को प्रभावित करता है. बुध अपनी दशा व अन्तरदशा में मौलिक चिंतन और सृजनात्मकता में वृद्धि करता है. बुध का वक्री चाल कुछ राशियों के लिए लाभदायक रहेगा. उन्हें इस दौरान अपार सफलता मिलेगी.

कुण्डली विश्ल़ेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि बुध ग्रह हमारी जन्म कुंडली में स्थित 12 भावों पर अलग-अलग तरह से प्रभाव डालता है. इन प्रभावों का असर हमारे प्रत्यक्ष जीवन पर पड़ता है. वहीं सप्ताह में इसका दिन बुधवार माना गया है साथ ही इस दिन के और इस ग्रह के कारक देव श्री गणेश जी माने जाते हैं. बुध ग्रह शुभ ग्रहों (गुरु शुक्र और बली चंद्रमा) के साथ होता है तो यह शुभ फल देता है और क्रूर ग्रहों (मंगल केतु शनि राहु सूर्य) की संगति में अशुभ फल देता है. बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है. कन्या इसकी उच्च राशि भी है जबकि मीन इसकी नीच राशि मानी जाती है. 27 नक्षत्रों में बुध को अश्लेषा ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है. हिन्दू ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि तर्क संवाद गणित चतुरता और मित्र का कारक माना जाता है. सूर्य और शुक्र बुध के मित्र हैं जबकि चंद्रमा और मंगल इसके शुत्र ग्रह हैं. 

क्या होगा प्रभाव:
भविष्यवक्ता डॉ अनीष व्यास ने बताया कि बुध वक्री होने से मिसकम्युनिकेशन होगा. लोगों के बीच समन्वय का अभाव रहेगा. व्यापार में उतार चढ़ाव होगा. कीमतों में वृद्धि होगी. नर्वस सिस्टम, नसों में दर्द और इंफेक्शन रोग होने की संभावना.छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखना. रास्ता भूल जाना या भटक जाना जैसी घटनाएं होगी. बैंक से संबंधित कार्य पर सावधानी रखें. नुकसान होने की संभावना. सोच समझकर अपनी वाणी का प्रयोग करें. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहेगा. सिर पर चोट, दिमागी बुखार, मस्तिक से संबंधित बीमारियां, ब्लड प्रेशर, वाहन दुर्घटना, प्राकृतिक आपदा होने के योग हैं.

बुध के उपाय:
कुण्डली विश्ल़ेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि बुध से पीड़ित व्यक्ति को मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए. बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए और साबूत हरे मूंग का दान करना चाहिए. बुधवार के दिन गणपति को सिंदुर चढ़ाएं. बुधवार के दिन गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं. दूर्वा की 11 या 21 गांठ चढ़ाने से फल जल्दी मिलता है. पालक का दान करे. बुधवार को कन्या पूजा करके हरी वस्तुओं का दान करे.

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डॉ अनीष व्यास से जानते हैं कि बुध के वक्री होने से राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा...

मेष राशि- आपके खर्चे काफी बढ़ेंगे. इस कारण आय और व्यय के बीच बढ़ते असंतुलन के कारण आप तनाव में आ सकते हैं. आपको अनिद्रा की समस्या हो सकती है और मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है. 

वृष राशि- आपके जीवन में काफी उथल-पुथल हो सकती है. आपको आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित रहेंगे और इस कारण संपत्ति पर भी अधिक खर्च होगा.  

मिथुन राशि- अत्यधिक भागदौड़ और खर्चों का सामना करेगा. लड़ाई-झगड़े, विवाद और कोर्ट-कचहरी के मामलों से परहेज करें तो बेहतर होगा. मित्रों और रिश्तेदारों से अप्रिय सूचना मिलने की संभावना है.  

कर्क राशि- कई अप्रत्याशित परिणाम आएंगे, कार्यों में कुछ बाधाएं आ सकती हैं, लेकिन अंतत: परिणाम आपके पक्ष में ही रहेगा. उच्चाधिकारियों से संबंध खराब न होने दें. 

सिंह राशि- अगर आप व्यापार करते हैं तो इस दौरान आपके लाभ में काफी कमी आ सकती है. आपका स्वास्थ्य भी नाजुक रहेगा.  अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें. आपको कोई गंभीर बीमारी हो सकती है. 

कन्या राशि- कार्य पूर्ण करने में बाधाएं आ सकती हैं, लेकिन इससे निराश न हों. आप अपनी रणनीतियों और योजनाओं को गोपनीय रखने पर काम करते हैं, तो आप अधिक सफल होंगे.

तुला राशि- सेहत को लेकर बहुत सावधान रहने की जरूरत है, खासकर दवा के रिएक्शन और पेट के विकार. कार्यक्षेत्र में भी साजिश का शिकार होने से बचें. महंगी वस्तुओं पर व्यय होगा.

वृश्चिक राशि- संतान के कारण आपको कष्ट हो सकता है. पेशेवर जीवन में इस समय आप काफी निराश रहेंगे. सेहत की बात करें तो आपको अपनी आंखों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. 

धनु राशि- गुप्त शत्रु परास्त होंगे. कोर्ट कचहरी के मामलों में अधिक धन खर्च होगा, लेकिन फैसला आपके पक्ष में आने की संभावना है. सेहत के प्रति सचेत रहें. भागदौड़ की अधिकता रहेगी. 

मकर राशि- सहकर्मियों और दोस्तों के साथ आपका बहुत विवाद हो सकता है. व्यापार में भी मनचाहा लाभ नहीं मिलने से आप निराश रहेंगे. पार्टनर से विवाद हो सकता है. 

कुंभ राशि- पारिवारिक कलह और मानसिक अशांति. स्वजनों से भी अप्रिय समाचार मिलने के योग हैं. वाहन दुर्घटना से बचने के लिए सावधानी से यात्रा करें.  

मीन राशि- अपने अदम्य साहस और पराक्रम के बल पर आप कठिन परिस्थितियों को आसानी से पार कर लेंगे. कार्य व्यवसाय में प्रगति होगी.