VIDEO: जयपुर डिस्कॉम के लिए खुली पौने 800 करोड़ की राह ! बिजली कंपनियों ने रेलवे से जीती 7 साल पुरानी लम्बी कानून जंग

जयपुर : प्रदेश में वित्तीय संकट से जूझती राजस्थान डिस्कॉम और बिजली उपभोक्ताओं को एपिलिएट ट्रिब्यूनल फोर इलेक्ट्रिसिटी यानी एप्टेल के एक आदेश से बड़ी संजीवनी मिली है. "एप्टेल" ने रेलवे के "डीम्ड लाइसेंसी" के सात साल पुराने दावे को न सिर्फ सिरे से खारिज किया है, बल्कि राजस्थान समेत आधा दर्जन से अधिक राज्यों की बिजली कम्पनियों को एडिशनल सरचार्ज-क्रास सब्सिडी की वसूली की छूट भी दी है.

दरअसल, ये पूरा मामला 2017 से विवादों में चल रहा है. तब रेलवे ने खुद को "डीम्ड लाइसेंसी" मानते हुए राजस्थान डिस्कॉम के सभी बिजली कनेक्शन कटवा लिए थे और "ओपन एक्सेस" के जरिए बाहर से बिजली  खरीदकर ट्रैक का संचालन शुरू किया था. इस दौरान रेलवे ने डिस्कॉम को "एडिशनल सरचार्ज-क्रास सब्सिडी" की राशि देने से भी इनकार कर दिया. पूरे मामले पर राजस्थान डिस्कॉम ने पहले RERC और फिर एप्टेल में पक्ष रखा. जयपुर डिस्कॉम के चीफ इंजीनियर उमेश गुप्ता ने बतौर केस इंचार्ज के रूप में हर पक्ष को मजबूती से रखा हाल ही में आए आदेश में रेलवे को एप्टेल ने "डीम्ड लाइसेंसी" नहीं माना है. क्योंकि, ओपन एक्सेस से खरीदी बिजली को रेलवे खुद के उपयोग ले रहा है, जबकि लाइसेंसी वो होता है जो दूसरे को बिजली का बेचान करे.

वित्तीय संकट से जुझती डिस्कॉम्स को एप्टेल की "संजीवनी" !
एपिलिएट ट्रिब्यूनल फोर इलेक्ट्रिसिटी के ताजा आदेश से जुड़ी खबर
7 साल से बन्द एडिशनल सरचार्ज-क्रास सब्सिडी की रेलवे से होगी वसूली
दरअसल, रेलवे ने 2017 में खुद को "डीम्ड लाइसेंसी" मानते हुए लिया फैसला
रेलवे ट्रैक के लिए जारी राजस्थान डिस्कॉम के कटवाए गए बिजली कनेक्शन
"ओपन एक्सेस" के जरिए बाहर से बिजली खरीदकर शुरू किया ट्रैक का संचालन
इस प्रक्रिया में "एडिशनल सरचार्ज-क्रास सब्सिडी" भी देने से रेलवे का इनकार
तर्क ये कि वो खुद ही "डीम्ड लाइसेंसी" है,तो उस पर लागू नहीं होते ये सरचार्ज
पूरे मामले पर राजस्थान डिस्कॉम ने पहले RERC और फिर एप्टेल में रखा पक्ष
जयपुर डिस्कॉम के चीफ इंजीनियर उमेश गुप्ता ने बतौर केस इंचार्ज रखा पक्ष
हाल ही में आए आदेश में रेलवे को एप्टेल ने नहीं माना "डीम्ड लाइसेंसी"
क्योंकि, ओपन एक्सेस से खरीदी बिजली को खुद के उपयोग ले ही रहा रेलवे
इस आदेश के बाद अब तीनों डिस्कॉम रेलवे से पुरानी वसूली के लिए सक्रिय
"एडिशनल सरचार्ज" में 89 पैसे-"क्रास सब्सिडी" में 1.65 पैसे प्रति यूनिट की होगी वसूली
रेलवे की तरफ 2017 के बाद से खरीदी गई बिजली पर लागू होगी ये वसूली

याचिकाकर्ता के रूप में इन बिजली कंपनियों को भी मिली राहत
महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी
पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण कंपनी
पश्चिम बंगाल राज्य प्रसारण कंपनी
गुजरात इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी
तमिलनाडू जनरेशन एण्ड डिस्ट्रीब्यूशन कार्पोरेशन
झाडखण्ड ऊर्जा संचारण निगम
रत्नागिरी गैस एण्ड पावर प्रा. लि.
उत्तरप्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लि.
ग्रिड कार्पोरेशन ऑफ ओडिशा लि.
मध्प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी
पंजाब राज्य ट्रांसमिशन कार्पोरेशन

राजस्थान डिस्कॉम प्रशासन ने एप्टेल के फैसले को बड़ी जीत बताया है. वित्तीय हालात को देखते हुए डिस्कॉम्स ने भी रेलवे से वसूली के डिमाण्ड नोट बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है. अब देखना ये होगा कि राजस्थान डिस्कॉम प्रशासन इस वसूली को कितने समय में ले पाता है.