PM Modi In Rajasthan: कुछ लोग इतनी नकारात्मकता से भरे हैं क‍ि वह देश में कुछ भी अच्‍छा होता देखना नहीं चाहते- PM मोदी

राजसमंद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा क‍ि देश में कुछ लोग इतनी नकारात्मकता से भरे हैं क‍ि वह कुछ भी अच्‍छा होता देखना नहीं चाहते और जो लोग कदम कदम पर हर चीज वोट के तराजू से तोलते हैं वे कभी देश के भविष्‍य को ध्‍यान में रखकर योजना नहीं बना पाते.

साथ ही उन्‍होंने कहा कि भारत सरकार, राज्‍य के विकास से देश के विकास के मंत्र पर विश्वास करती है. धानमंत्री राजसमंद के नाथद्वारा में विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. मोदी ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि हमारे देश में कुछ लोग ऐसी विकृत विचारधारा के शिकार हो चुके हैं, इतनी नकारात्मकता से भरे हुए हैं क‍ि देश में कुछ भी अच्‍छा होता हुआ वह देखना ही नहीं चाहते और उन्‍हें सिर्फ विवाद खड़ा करना ही अच्‍छा लगता है.

मोदी ने कहा कि आपने कुछ सुना होगा, जैसे कुछ लोग उपदेश देते हैं क‍ि आटा पहले या डाटा पहले, सड़क पहले या सैटेलाइट पहले... . लेक‍िन इतिहास गवाह है क‍ि स्‍थाई विकास के लिए, तेज विकास के लिए मूल व्‍यवस्‍थाओं के साथ ही आधुनिक अवसंरचना बनाना भी जरूरी होता है. उन्‍होंने कहा क‍ि जो लोग कदम कदम पर हर चीज वोट के तराजू से तोलते हैं वे कभी देश के भविष्‍य को ध्‍यान में रखकर योजना नहीं बना पाते. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे देश में इसी सोच की वजह से अवसंरचना के निर्माण को प्राथमिकता नहीं दी गई. इसका बहुत नुकसान देश ने उठाया है. अगर पहले ही पर्याप्‍त संख्‍या में मेड‍िकल कॉलेज बन गए होते तो देश में डॉक्‍टरों की इतनी कमी नहीं होती.

राजस्थान जितना विकसित होगा, भारत के विकास को उतनी ही गति मिलेगी:
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार राज्य के विकास से, देश के विकास के मंत्र पर विश्वास करती है. उन्‍होंने कहा कि राजस्थान, देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक है, राजस्थान भारत के शौर्य, भारत की धरोहर, भारत की संस्कृति का वाहक है. राजस्थान जितना विकसित होगा, भारत के विकास को उतनी ही गति मिलेगी. उन्‍होंने कहा कि भारत सरकार आज गांवों तक सड़क पहुंचाने के साथ ही, शहरों को भी आधुनिक राजमार्गों से जोड़ने में जुटी है. कार्यक्रम में राज्‍यपाल कजराज मिश्र, मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्‍यक्ष सीपी जोशी सहित अनेक गणमान्य अतिथि मौजूद थे. सोर्स- भाषा