Rajasthan Vidhansabha: डार्क जोन में पानी के अतिदोहन का मुद्दा, सदन में सवाल पर घिरे जलदाय मंत्री महेश जोशी; बोले- फिलहाल जानकारी नहीं है बाद में बता दूंगा

जयपुर: प्रदेश के डार्क जोन में पानी के अतिदोहन के सवाल पर  जलदाय मंत्री महेश जोशी सदन में घिरते नजर आए. विपक्ष की ओर से राजेंद्र राठौड़ ने जब डार्क जोन में व्यवसायिक एवं उद्योगों को पानी की अनुमति के बावजूद कोई जुर्माना नहीं वसूलने   का मुद्दा उठाया, तो जवाब में  मंत्री जोशी ने कहा कि मेरे पास इस तरह की जानकारी नहीं है, बाद में बता दूंगा.

प्रश्नकाल में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश के डार्क  जोन क्षेत्र का सर्वे से संबंधित प्रश्न पूछते हुए कहा कि केंद्रीय भूजल दोहन नियंत्रण आयोग के निर्देशों के बावजूद प्रतिबंधित क्षेत्रों में पानी के दोहन की अनुमति दी जा रही है. राठौड़ ने कहा कि  उद्योगों एवं व्यवसायिक संस्थानों के लिए केंद्रीय जल बोर्ड ने जुर्माने का भी प्रावधान कर रखा है, लेकिन सरकार ने पिछले 4 साल में कितने उद्योगों को नोटिस दिया और कितने जुर्माने के तौर पर राशि वसूली इसकी जानकारी सदन में रखें ? 

जवाब में जलदाय मंत्री जोशी ने कहा कि यह जानकारी फिलहाल मेरे पास उपलब्ध नहीं है, बाद में लेकर बता दूंगा. जोशी ने कहा कि नीतिगत निर्णय की पालना में राज्य भू जल विभाग प्रतिवर्ष नियमित रूप से सर्वे करता है तथा एक नियमित अंतराल के पश्चात राज्य के भू जल संसाधनों का आंकलन किया जाता है. इसी क्रम में केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड व भू जल विभाग द्वारा संयुक्त स्तर पर राज्य के भू जल संसाधन की नवीनतम आंकलन रिपोर्ट 2022 तैयार कर अन्तरविभागीय राज्य स्तरीय कमेटी से अनुमोदन कराकर जारी कर दी गई है.

भूजल लवणीय होने के कारण रिपोर्ट में इनका भूजल आंकलन नही किया गया:
वर्तमान में भूजल आंकलन की नवीनतम रिपोर्ट 31 मार्च 2022 के अनुसार राज्य के 295 ब्लॉक एवं सात शहरी क्षेत्रों में से 219 ब्लॉक को अतिदोहित श्रेणी, 22 संवेदनशील, 20 अर्द्धसंवेदनशील, 38 सुरक्षित में वर्गीकृत किया गया है. शेष 3 ब्लॉक में भूजल लवणीय होने के कारण रिपोर्ट में इनका भूजल आंकलन नही किया गया है. इसमें सात शहरी क्षेत्र अजमेर, जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, कोटा, उदयपुर एवं बीकानेर शामिल है. इस बीच जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि भूजल संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण के गठन की बजट घोषणा की पालना में विभाग द्वारा ड्राफ्ट बिल का प्रारूप तैयार किया जा चुका है. विधि विभाग से प्राप्त सुझावों का समावेश कर ड्राफ्ट बिल वित्त विभाग को अनुमोदन के लिए भेज दिया गया है.