VIDEO: खनन राजस्व पर लगा राइडर, फील्ड में लगे नॉन परफॉर्मर अधिकारियों पर गिर सकती गाज, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुरः  खनन राजस्व में इस बार विशेष अभियान का रायडर लग गया है. ऐसे में चालू वित्त वर्ष में खनन राजस्व के तौर पर 9 हजार करोड़ रुपए अर्जित करना असंभव नजर आने लगा है. विभाग 15 जनवरी तक 5413 करोड़ रुपए अर्जित कर पाया है. ऐसे में शेष ढाई महीने में 3577 करोड़ रुपए अर्जित करने होंगे जोकि संभव दिखाई नहीं देते. ऐसे में फील्ड में लगे नॉन परफॉर्मर अधिकारियों पर गाज गिरना तय है. 

सर्किल      15 जन तक लक्ष्य          राजस्व           प्रतिशत
जयपुर            562                       588             104.70
उदयपुर          665.98                  618.61         92.89
जोधपुर           848                        765              90.17
अजमेर           519.01                   453.97         97.47
बीकानेर          375.59                   318.55         84.81
भरतपुर          224.36                   180.85         80.61
भीलवाड़ा        1777.84                 1423.51       80.07
राजसमंद        1162.27                  872.22        75.04
कोटा              240.69                   173.04         71.89

अवैध खनन को लेकर राज्य सरकार की सख्ती काबिले तारीफ है लेकिन एक पखवाडे़ का विशेष अभियान खान विभाग को तीन हजार करोड़ रुपए पीछे ले जा सकता है. दरअसल खान विभाग के फील्ड अधिकारी पहले तो आचार संहिता और चुनाव के नाम पर सुस्त बैठे रहे और अब अवैध खनन के खिलाफ अभियान के नाम पर राजस्व अर्जन में कोताही बरत रहे हैं. ऐसे में 31 मार्च को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में खान विभाग के लिए 9 हजार करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य हासिल करना किसी दिवास्वप्न से कम नहीं. विगत 15 जनवरी तक लक्ष्य 6390 करोड़ के विरुद्ध 5413 करोड़ रुपए अर्जित किए हैं जो कि लक्ष्य का 84.72 फीसदी है. अब विभाग को शेष ढाई महीने में 3577 करोड़ रुपए अर्जित करने हैं जो संभव नहीं लगता. 

राजस्व अर्जन के मामले में अतिरिक्त निदेशक बीएस सोढ़ा के नेतृत्व में जयपुर जोन 104.70 प्रतिशत के साथ अव्व्ल चल रहा है. अतिरिक्त निदेशक महेश माथुर के पास दो सर्किल उदयपुर और जोधपुर का दायित्व है. इन दोनों सर्किल में भी राजस्व अर्जन लगभग बराबरी है. सबसे खराब प्रदर्शन राजसमंद और कोटा सर्किल का है. सबसे खराब हालत कार्यालय के हिसाब से देखें तो बूंदी प्रथम, झालावाड़, राजसमंद, सलूंबर, जैसलमेर, कोटा, जालौर, सिराही, भरतपुर और बिजौलिया कार्यालय की है. यहां के खनिज अभियंताओं पर नॉन परफॉर्मर का अैग लग चुका है और इनका फील्ड से हटना तय माना जा रहा है. 

दरअसल खान विभाग के मुख्यमंत्री के पास है ऐसे में वो विभाग की बैठक में साफ  कर चुके हैं कि राजस्व अर्जन में शत प्रतिशत लक्ष्य अर्जित करने हैं और अवैध खनन को खतम करना है. जो इन दोनों पैरामीटर्स में फिट नहीं है उस पर गाज गिरना तय है. सूत्रों की माने तो अवैध खनन के खिलाफ अभियान में जिन जगहों की ज्यादा वाट्सएप शिकायत मिली हैं वहां के अधिकारियों की सर्विस शीट खंगाली जा रही है. माना जा रहा है कि खान विभाग को लेकर सरकार किसी भी तरह ी लापरवाही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है. इसलिए नॉन परफॉर्मर की फील्ड से विदाई तय मानी जा रही है.