मुंबई: वैश्विक बाजारों के कमजोर संकेतों के बीच घरेलू शेयर बाजारों के दोनों प्रमुख सूचकांक सोमवार को लगातार सातवें कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए. पिछले पांच माह में यह लगातार गिरावट का सबसे लंबा दौर है. सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), वाहन और पेट्रोलियम कंपनियों के शेयरों में बिकवाली और विदेशी पूंजी की निकासी से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई.
बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 175.58 अंक यानी 0.30 प्रतिशत नुकसान के साथ 59,288.35 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 526.29 अंक तक गिरकर 58,937.64 अंक पर भी आ गया था. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 73.10 अंक यानी 0.42 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. निफ्टी कारोबार के अंत में 17,392.70 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट का यह लगातार सातवां दिन रहा. इस तरह दोनों प्रमुख सूचकांकों में लगातार सात दिन की गिरावट के सितंबर, 2022 के दौर की बराबरी हो गई. बीते सात कारोबारी दिन में सेंसेक्स 2,031 अंक यानी 3.4 प्रतिशत गिर चुका है जबकि निफ्टी में 643 अंक यानी 4.1 प्रतिशत की गिरावट आई है. सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से 17 के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. टाटा स्टील, इन्फोसिस, टीसीएस, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचसीएल टेक, एल एंड टी, भारती एयरटेल, विप्रो और बजाज फाइनेंस के शेयरों में प्रमुख रूप से गिरावट रही.
दूसरी तरफ पावरग्रिड, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और एसबीआई में बढ़त दर्ज की गई. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अमेरिका में आए निजी उपभोग व्यय के आंकड़ों से ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि का सिलसिला जारी रहने की आशंका बढ़ी है. इसका असर घरेलू बाजारों में भी मंदड़ियों के सक्रिय होने से पड़ा. एशिया के अन्य बाजार भी गिरावट के साथ बंद हुए. दक्षिण कोरिया के कॉस्पी, जापान के निक्की, चीन के शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग के हैंगसेंग में गिरावट रही. हालांकि, यूरोप के बाजार दोपहर के कारोबार में बढ़त में थे. अमेरिकी बाजार शुक्रवार को बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए थे. अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.35 प्रतिशत चढ़कर 83.41 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजार से निकासी जारी रखी है. शेयर बाजार से मिले आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने शुक्रवार को 1,470.34 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की थी. सोर्स- भाषा