VIDEO: वंदे भारत के आधे कोच खाली ! जयपुर से जाने में महज 48 फीसदी यात्रीभार, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: उत्तर-पश्चिम रेलवे द्वारा 24 दिन पहले शुरू की गई प्रदेश की पहली वंदे भारत ट्रेन उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पा रही है. अजमेर से दिल्ली कैंट के बीच चल रही वंदे भारत ट्रेन यात्रियों के बीच लोकप्रिय नहीं बन सकी है. इसके पीछे अधिक किराए के साथ ट्रेन का शेड्यूल एक बड़ा कारण है. क्या हैं कमियां और यात्रियों की पसंद में ट्रेन सबसे अव्वल कैसे हो सकती है, देखिए ये खास रिपोर्ट...अजमेर से दिल्ली कैंट के बीच चल रही प्रदेश की पहली वंदे भारत ट्रेन खाली तो नहीं दौड़ रही, लेकिन ट्रेन में लंबी वेटिंग के हालात भी नहीं हैं. जिन उम्मीदों के साथ रेलवे प्रशासन ने इसे शुरू किया था, वे पूरी नहीं हो पा रही हैं. ट्रेन पीक सीजन में तो खाली नहीं दौड़ेगी, क्योंकि दिल्ली या इसके आगे कनेक्टिंग ट्रेन पकड़ने के लिए ये एक वैकल्पिक ट्रेन है. क्योंकि करीब 55 फीसदी यात्री ट्रेन में टिकट बुकिंग तभी करते हैं, जब उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं होता. जयपुर-दिल्ली रूट पर ट्रेन दबाव बहुत अधिक है.

ऐसे में इस ट्रेन के शेड्यूल में भी बदलाव करना भी एक बड़ी चुनौती है. दरअसल ट्रेन को पहले 12 अप्रैल से जयपुर से नई दिल्ली के बीच चलाया जाना था. लेकिन संचालन से पूर्व पॉलिटिकल दबाव के चलते अजमेर से चलाया गया. ट्रेन को 160 किमी प्रति घंटे के बजाय अधिकतम 110 की स्पीड से ही दौड़ाया जा रहा है. इसके गंतव्य स्टेशन को नई दिल्ली से बदलकर दिल्ली कैंट कर दिया गया. ताकि ट्रेन को 5 घंटे में संचालित किया जा सके. जयपुर से सुबह 8 बजे ट्रेन दिल्ली जाती है, इससे ठीक पौने 2 घंटे पहले डबल डेकर ट्रेन भी उपलब्ध है. इन कारणों के चलते जयपुर से आने-जाने वाले यात्रियों को यह ट्रेन कम रास आ रही है. 

जब से वंदे भारत चली, ट्रेनों में कितनी है ऑक्युपेंसी:
- 12985 जयपुर-दिल्ली सराय डबल डेकर में जयपुर से दिल्ली के बीच ऑक्युपेंसी 104 %
- 12986 दिल्ली सराय-जयपुर डबल डेकर में दिल्ली से जयपुर के बीच 94 % ऑक्युपेंसी
- 12015 नई दिल्ली-अजमेर शताब्दी में नई दिल्ली से अजमेर के बीच 94.02 %
- 12016 अजमेर-नई दिल्ली शताब्दी में अजमेर से नई दिल्ली के बीच 55.09
- 20977 अजमेर-दिल्ली कैंट वंदे भारत में जयपुर से दिल्ली कैंट के बीच 48.58 %
- 20978 दिल्ली कैंट-अजमेर वंदे भारत में दिल्ली कैंट से अजमेर के बीच 67.21 % ऑक्युपेंसी
- इस तरह शताब्दी और डबल डेकर दोनों में वंदे भारत से ज्यादा है टिकट बुकिंग

ट्रेन में अब तक दोनों तरफ से करीब 4500 यात्रियों ने सफर किया है. कम यात्रीभार को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि रेलवे द्वारा ट्रेन को गांधीनगर में भी ठहराव देना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि डबल डेकर में भी जयपुर से दिल्ली जाने और आने में करीब 87 फीसदी यात्रीभार गांधीनगर ही उतरता है. वंदे भारत ट्रेन का किराया अधिक होने से लोग कैटरिंग सुविधा लेने से भी बच रहे हैं. दिल्ली से आते समय करीब 22 फीसदी यात्री खाना नहीं लेते हैं, इससे उन्हें 110 से 280 रुपए किराया कम देना पड़ता है. यात्रियों की मानें तो वंदे भारत ट्रेन में सीट डबल डेकर से तो अच्छी हैं, लेकिन शताब्दी में सीट अधिक आरामदायक हैं. 

रेलवे जोनों में समन्वय नहीं बैठा, इसलिए शेड्यूल सही नहीं:
- रेलवे प्रशासन ने ट्रेन को 6 घंटे से कम समय में दिल्ली पहुंचाना तय किया
- जो प्रस्तावित शेड्यूल नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे, जयपुर द्वारा बनाया गया
- उसे नॉर्दन रेलवे, दिल्ली ने नहीं माना
- क्योंकि ट्रेन के प्रस्तावित समय नई दिल्ली स्टेशन पर ट्रेनों का दबाव रहता है अधिक
- दिल्ली सराय रोहिल्ला में भी ट्रेनों का दबाव अधिक होने से इसे दिल्ली कैंट तक किया गया
- कम समय में दिल्ली पहुंचाने के लिए गांधीनगर स्टेशन पर ठहराव नहीं रखा
- जबकि दिल्ली के लिए करीब 75 फीसदी यात्रीभार गांधीनगर से जाता है
- वंदे भारत में अभी अजमेर से दिल्ली के बीच करीब 18 से 20 फीसदी ही यात्रीभार
- जयपुर-अजमेर-जयपुर के बीच भी औसतन 15-20 फीसदी यात्रीभार