भीषण गर्मी और लू से बचाव के लिए हर स्तर पर पुख्ता प्रबंध किये जाएं : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने भीषण गर्मी और लू के कहर से बचाव के पुख्ता प्रबंध करने के लिए सोमवार को अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की. राज्‍य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अधिकारियों की एक उच्‍च-स्‍तरीय बैठक में लू की स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक दिशानिर्देश भी दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि भीषण गर्मी और लू का मौसम चल रहा है और ऐसे में गांव या शहर, कहीं भी अनावश्यक बिजली कटौती न हो. 

उन्होंने आवश्यकता होने पर अतिरिक्त बिजली खरीदने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया तथा कहा कि ट्रांसफॉर्मर जलने और तार गिरने जैसी समस्याओं का अविलंब निस्तारण किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर स्तर पर बचाव के पुख्ता प्रबंध किये जाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि कहीं भी पेयजल का अभाव न हो और बाजार में तथा मुख्‍य मार्गों पर जगह-जगह पेयजल की व्यवस्था की जाए. योगी ने सभी नगर निकायों, ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक स्‍थलों पर प्याऊ रखवाये जाने के निर्देश दिये और कहा कि इस कार्य में सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाए.

उन्होंने कहा कि शहरों में पेयजल की आपूर्ति निर्धारित रोस्टर के अनुरूप की जाए और सभी नल चालू किये जाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि लू के लक्षणों और उससे बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जाए तथा बीमारी की स्थिति में हर किसी को तत्काल चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाए. उन्‍होंने कहा कि प्राणी उद्यानों एवं अभयारण्यों में भीषण गर्मी एवं लू से बचाव संबंधी कार्य योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए. उन्होंने गौशालाओं में पशुओं के चारे-पानी की उचित व्यवस्था के भी निर्देश दिए. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सोमवार को उच्‍च-स्‍तरीय बैठक में मुख्‍य सचिव, प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य), प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा), अपर मुख्‍य सचिव (वन), प्रमुख सचिव (राजस्‍व) और राहत आयुक्‍त मौजूद रहे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालक किसानों को भी लू के कहर से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जाएं. योगी ने सार्वजनिक स्थलों पर प्याऊ की व्यवस्था को एक पुनीत कार्य बताते हुए कहा कि गोवंश, श्वान आदि के लिए सार्वजनिक स्थानों पर पानी एवं छाया की व्यवस्था की जानी चाहिए. उन्होंने पक्षियों के लिए छोटे बर्तनों में पानी एवं दाना रखने के वास्ते आम लोगों में जागरूकता पैदा करने की भी अधिकारियों को सलाह दी. सोर्स भाषा