Pratapgarh News: कर्ज से परेशान युवक ने रोते हुए पीया कीटनाशक, हालत गंभीर

प्रतापगढ़: प्रतापगढ़ शहर में एक युवक ने रोते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद ने कीटनाशक पी लिया.  जिसे उपचार के लिए जिला चिकित्सालय लाया गया जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद उदयपुर रैफर कर दिया. 

युवक ने कीटनाशक पिने से पहले एक वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वीडियो में युवक ने कहा कि  वह कर्ज से परेशान है, मकान का पट्टा बनवाकर कर्ज से मुक्त होना चाहता है, लेकिन नगर परिषद में पट्टा बनाने को लेकर चक्कर लगावा रहे हैं. पार्षद और सभापति 50 हजार रुपए रिश्वत मांग रहे हैं. मामला प्रतापगढ़ शहर के वार्ड नंबर 3 के बगवास एरिया का है. 

जानकारी के अनुसार युवक भरत सुथार ने घर से 200 मीटर दूर सड़क पर बैठकर वीडियो बनाया. जिसके बाद वीडियो फेसबुक पर पोस्ट किया. इसके बाद कीटनाशक पी लिया. बाइक लेकर निकला तो घर से कुछ दूरी पहले ही रास्ते में तबीयत खराब हो गई. जिसकी सूचना राहगीरों ने परिजनों को दी. परिजनों को घटना के बारे में पता चलने पर युवक को जिला अस्पताल लेकर आए और भर्ती कराया. हालत गंभीर होने पर युवक को उदयपुर के लिए रेफर किया गया.

भरत सुथार ने वीडियो में बताया कि अपने ही वार्ड के कांग्रेस पार्षद गोवर्धन और नगर परिषद सभापति राम कन्या गुर्जर और उनके पति प्रहलाद गुर्जर मकान का पट्टा बनवाने के मामले में रिश्वत की मांग कर रहे हैं. युवक ने पहले ही दो लोगों से दो लाख का कर्ज 4 से 5% ब्याज दर लेने का हवाला भी वीडियो में दिया. युवक ने यह भी बताया कि इस ब्याज को चुकता करने के लिए के मकान के पट्टे के भरोसे था, ताकि पट्टा बनते ही उनका कर्ज लोन लेकर उतार सके. 

जब पट्टा नहीं बना तो युवक कई बार नगर परिषद चक्कर लगाए और बार-बार पार्षद को बोला, लेकिन काम नहीं बना.  वीडियो में भरत  ने बताया कि 2 साल पहले कर्ज लेकर मकान बनाया था. 5 लाख रुपए से ज्यादा रिश्तेदारों और 2 लाख रुपए बाजार से मोटे ब्याज पर लिए थे. साल 2021 में नगर परिषद में वार्ड पार्षद गोवर्धन के माध्यम से एक हजार वर्ग फीट पट्टे के लिए आवेदन किया था. 

मौका रिपोर्ट के दौरान नगर परिषद में सिर्फ 800 वर्ग फीट में ही पट्टा बनाकर किया. बार-बार नगर परिषद के चक्कर लगवाए गए. पार्षद गोवर्धन ने पट्टे के लिए नगर परिषद के कर्मचारी विकास को तीन हजार रुपए भी दिलवाए थे. जानकारी के अनुसार भरत फर्नीचर बनाने का कार्य करता है. पूरे मामले में  नगर परिषद सभापति राम कन्या गुर्जर ने कहा कि पार्षद गोवर्धन अपने वार्ड वासियों के पट्टे के लिए आवेदन लेकर आता था. 

उन लोगों से पैसे भी यही वसूलता था. आवेदनकर्ता को यह नगर परिषद तक नहीं आने देता. पीड़ित व्यक्ति कई बार नगर परिषद का प्रयास करता, लेकिन इसे बहाने बनाकर घुमा दिया जाता. पीड़ित का कॉल एक बार मेरे पास आया था. मैंने ऑफिस में बुलाकर उसका पट्टा निकलवाकर दिलाया. मामले में वार्ड पार्षद की मिली भगत है, यह अधिकारियों के नाम से पैसे लेता है.

वहीं पार्षद ने कहा की पट्टा बनवाने में मेरा कोई रोल नहीं वार्ड नं. 3 पार्षद गोवर्धन मीणा ने बताया कि पट्टा बनवाने में मेरा कोई रोल नहीं है . सारी प्रक्रिया नगर परिषद से होती है. नगर परिषद में जो नियमानुसार रसीद कटती है, उसी के उस रुपए लिए गए हैं. मौका पर्चा के दौरान इसके खाते में 800 वर्ग फीट जमीन आ रही थी और यह ज्यादा जमीन का पट्टा बनवाने की मांग कर रहा था. मेरे ऊपर जो भी आरोप लगे हैं, वह गलत है.