केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर बोले- पढ़ी-लिखी लड़कियों को ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ में नहीं पड़ना चाहिए

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘लिव-इन-रिलेशनशिप’ (शादी के बिना साथ रहने) से “अपराध बढ़ रहे हैं” और पढ़ी-लिखी लड़कियों को ऐसे संबंधों में नहीं पड़ना चाहिए. मेहरौली में, ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ में रह रही युवती श्रद्धा वालकर की बर्बर हत्या की पृष्ठभूमि में मंत्री की तरफ से यह बयान आया है. हालांकि शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री के इस्तीफे की मांग की है. चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से “महिलाओं को दोष देने” के लिए केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री किशोर को तत्काल पद से हटाने का आग्रह किया है.

किशोर ने श्रद्धा वालकर हत्या मामले का जिक्र करते हुए कहा कि लिव-इन-रिलेशनशिप के चलते अपराध होता है और इसके लिए पढ़ी-लिखी लड़कियां खुद जिम्मेदार हैं क्योंकि वे ऐसे रिश्ते की खातिर अपने माता-पिता को छोड़ देती हैं. किशोर ने कहा कि इसके बजाय उन्हें अदालत में जाकर शादी कर लेनी चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने वालकर हत्या मामले का जिक्र करते हुए एक समाचार चैनल से कहा कि लड़कियां जिम्मेदार होती हैं, क्योंकि वे अपने माता-पिता को छोड़ देती हैं, जिन्होंने उन्हें वर्षों तक पाला-पोसा. लिव-इन रिलेशनशिप में क्यों रह रहे हो. अगर उन्हें ऐसा करना ही है तो लिव-इन रिलेशनशिप के लिए उचित रजिस्ट्रेशन होना चाहिए. यदि माता-पिता ऐसे संबंधों के लिए सार्वजनिक रूप से तैयार नहीं होते हैं, तो आपको कोर्ट मैरिज करनी चाहिए और फिर साथ रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं उन सभी लड़कियों के साथ हो रही हैं जो पढ़ी-लिखी हैं और सोचती हैं कि वे बहुत स्पष्टवादी हैं और अपने भविष्य के बारे में निर्णय लेने की क्षमता रखती हैं. ऐसी लड़कियां इसमें फंस जाती हैं. 

लड़कियों को ध्यान रखना चाहिए कि वे ऐसा क्यों कर रही हैं. इसके लिए पढ़ी-लिखी लड़कियां जिम्मेदार होती हैं क्योंकि मां-बाप दोनों ऐसे रिश्ते को नहीं मानते. पढ़ी-लिखी लड़कियों को ऐसे रिश्ते नहीं बनाने चाहिए. मंत्री ने यह भी कहा कि यह लिव-इन रिलेशनशिप क्या है, यह अपराध को जन्म दे रहा है. यह गलत बात है और लोग इसके परिणाम भुगत रहे हैं. शिवसेना की सांसद चतुर्वेदी ने ट्वीट किया कि अगर प्रधानमंत्री कार्यालय वास्तव में महिला शक्ति के बारे में जो कहता, उसका कुछ मतलब है तो उन्हें इस केंद्रीय मंत्री को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए. हम महिलाएं इस पुरुषवादी समाज की इस बकवास को बहुत झेल चुकी हैं. उन्होंने कहा, “हैरान हूं कि उन्होंने यह नहीं कहा कि इस देश में पैदा होने के लिए भी लड़कियां खुद जिम्मेदार हैं. महिलाओं को हर समस्या के लिए जिम्मेदार ठहराने की मानसिकता लगातार फल-फूल रही है. सोर्स- भाषा