Bhadrapada Month 2023: 29 सितंबर तक रहेगा भाद्रपद महीना, जानिए इस माह का महत्व और व्रत-त्योहार तिथि

जयपुर: हिन्दी पंचांग का छठा महीना भाद्रपद 31 अगस्त से शुरू हो गया है. ये महीना 29 सितंबर तक रहेगा. इस महीने के कृष्ण पक्ष में 6 और शुक्ल पक्ष में 12 दिन व्रत-पर्व रहेंगे. ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि हिंदू कैलेंडर का छठा महीना भाद्रपद है.इसे आम बोलचाल की भाषा में भादो कहते भाद्रपद माह में भगवान श्रीकृष्ण, भगवान विष्णु, भगवान गणेश, भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा अवश्य करनी चाहिए. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जन्माष्टमी मनाते हैं, उस दिन भगवान विष्णु ने कृष्णावतार लिया था, वहीं भाद्रपद शुक्ल तृतीया को अखंड सौभाग्य की हरतालिका तीज मनाते हैं, उस दिन माता पार्वती और शिव जी की पूजा करते हैं.गणपति बप्पा के लिए 10 दिनों का उत्सव गणेश चतुर्थी भी भाद्रपद माह में ही होता है. इसके अलावा राधा अष्टमी, हल षष्ठी, ऋषि पंचमी जैसे व्रत और पर्व भी इस माह में पड़ते हैं. भाद्रपद पूर्णिमा को पितृ पक्ष का प्रारंभ होता है, उस दिन पितरों के लिए पूर्णिमा का श्राद्ध किया जाता है.

ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि इस तरह भादौ में 18 बड़े व्रत-त्योहार आएंगे. इस महीने में धर्म-कर्म के साथ ही सेहत पर भी खास ध्यान देना चाहिए. क्योंकि इस हिंदी महीने में ऋतु परिवर्तन भी होता है. भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष में व्रत-पर्व वाले 6 दिन रहेंगे. इनमें कजरी तीज, बहुला चौथ, हलछठ, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, अजा एकादशी और अमावस्या होगी. शुक्ल पक्ष में 12 दिन तीज-त्योहार रहेंगे. वराह जयंती, कन्या संक्रांति, हरतालिका तीज, गणेश चतुर्थी, ऋषि पंचमी, ललिता सप्तमी, दूर्वाष्टमी, परिवर्तिनी एकादशी, वामन जयंती, बुध प्रदोष, अनंत चतुर्दशी और भाद्रपद पूर्णिमा रहेगी. इस महीने में ही दस दिनों का गणेश उत्सव रहेगा.

कब तक भाद्रपद महीना:
ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि हिन्दु कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद माह को छठा महीना कहा जाता है. यह लगभग सावन के बाद शुरू होता है. इस साल भाद्रपद 29 सितंबर तक चलेगा. भाद्रपद को भादो , भाद्र या भाद्रव के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक दृष्टिकोण से इस महीने को महत्वपूर्ण माना जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद अगस्त और सितंबर के महीने में पड़ता है. भाद्रपद मास पूजा-पाठ और व्रत के लिए खास माना जाता है. धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि भाद्रपद के महीने में पवित्र नदियों में स्नान करने, गरीबों को दान करने और व्रत रखने से बहुत लाभ होता है. इस पूरे महीने भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

भाद्रपद मास में कई बड़े त्योहार:
कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि इस महीने को इतना शुभ इसलिए माना जाता है क्योंकि इस महीने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के साथ राधा जन्मोत्सव, कजरी तीज, श्री गणेश चतुर्थी, अनंत चतुर्दशी, कुश की अमावस्या, विश्वकर्मा पूजा जैसे महत्वपूर्ण त्योहार भी पड़ते हैं. भाद्रपद में घर पर लड्डू गोपाल की स्थापना करने, शंख की स्थापना करने और श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने से धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है. साथ ही भाद्रपद में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर संतान गोपाल मंत्र का जाप करने और हरिवंश पुराण का पाठ करने या सुनने से संतान सुख की प्राप्ति होती है.

भगवान गणेश, श्रीकृष्ण और विष्णु जी की पूजा का महीना:
भविष्यवक्ता डॉ अनीष व्यास ने बताया कि इस महीने में गणेश चतुर्थी पर दस दिनों का गणेशोत्सव शुरू होगा. जो कि 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी पर खत्म होगा. इन दिनों में भगवान गणेश की विशेष आराधना करने की परंपरा है. भाद्रपद में श्रीकृष्ण की पूजा से पाप खत्म होते हैं और परेशानियां दूर होती हैं. इन दिनों शंख में दूध और जल भरकर श्रीकृष्ण का अभिषेक करना चाहिए. फिर भगवान को नैवेद्य लगाएं. भगवान विष्णु की भी पूजाा करनी चाहिए. इस पवित्र महीने में भगवान विष्णु और उनके अवतारों की विशेष पूजा करने की बात ग्रंथों में बताई गई है. इस महीन रोज सुबह जल्दी उठकर उगते हुए सूरज को जल चढ़ाने का विधान ग्रंथों में बताया है. सूर्य को जल चढ़ाने में तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें. आयुर्वेद के जानकारों का कहना है कि भाद्रपद, चातुर्मास के चार महीनों में दूसरा है. इस महीने में ऋतु परिवर्तन होता है. जिससे शरीर में बदलाव भी होते हैं और डायजेशन गड़बड़ा जाता है. इस महीने में ज्यादा तला हुआ और मसालेदार खाना खाने से बचना चाहिए. ऐसे चीजे न खाएं जिनको पचने में ज्यादा समय लगता हो. सेहतमंद चीजों को खाने में शामिल करें. भाद्रपद में जानकार योग, प्राणायाम और कसरत करने की सलाह भी देते हैं.

 

भाद्रपद का महत्व:
कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि शास्त्र में भाद्रपद महीने का बहुत महत्व बताया गया है. ये पूजा-पाठ के लिए उत्तम होता है. इस महीने में श्री कृष्ण की भक्ति कटने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. जो भी साधक इस महीने में श्री कृष्ण की सच्चे मन से भक्ति करता है उसकी सारी मनोकामना पूरी होती है. इस महीने में पवित्र नदियों में स्नान या गंगा नदी में स्नान का अत्यधिक महत्व है. इस महीने में दान पुण्य करने से भी साधक को शुभ फल प्राप्त होता है. भाद्रपद महीने में भगवान कृष्ण को हर रोज तुलसी दल और माखन का भोग लगाएं. ऐसा करना बेहद ही शुभ माना जाता है.

क्या करें:
भविष्यवक्ता डॉ अनीष व्यास ने बताया कि शास्त्र के अनुसार भाद्रपद महीने में भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करनी चाहिए. इस महीने में गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया गया है. अगर गंगा स्नान ना कर सकते हो तो इस महीने में किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान कर सकते हैं. जिसका बहुत ही ज्यादा फल मिलता है. भाद्रपद महीने में मनुष्य को सात्विक भोजन ही करना चाहिए. भाद्रपद माह शुरू होते भगवान श्री कृष्ण को तुलसी अर्पित करनी चाहिए और साथ ही साधक को खुद भी तुलसी के जल का सेवन करना चाहिए.

ना करें ये काम:
कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि शास्त्रों में बताया गया है कि भाद्रपद के महीने में कुछ काम करने की मनाही होती है. भाद्रपद में कच्ची चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. इस महीने में मनुष्य को भूलकर भी दही और गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए. सावन महीने की तरह भाद्रपद महीने में भी मांस, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. शास्त्रों में कहा गया है कि जो भी मनुष्य इस महीने में मांस और मदिरा का सेवन करता है. उसे सभी देवता रुष्ट हो जाते हैं. धार्मिक मान्यता है कि भाद्रपद के महीने में रविवार के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए, ना ही रविवार के दिन इस महीने में नमक का प्रयोग करना चाहिए.

व्रत और त्योहार:- 
02 सितंबर - कजरी तीज 
03 सितंबर - हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी 
05 सितंबर -शिक्षक दिवस और हल षष्ठी 
06 सितंबर - श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 
08 सितंबर - गोगा नवमी 
3 सितंबर - मासिक शिवरात्रि 
17 सितंबर - विश्वकर्मा जयंती और वाराह जयंती 
18 सितंबर - हरतालिका तीज 
19 सितंबर - गणेशोत्सव और गणेश चतुर्थी
20 सितंबर - ऋषि पंचमी 
25 सितंबर - लोक देवता बाबा रामदेव जयंती
27 सितंबर - प्रदोष व्रत 
28 सितंबर - गणेश विसर्जन 
29 सितंबर - भाद्रपद पूर्णिमा और महालय श्राद्ध पक्ष प्रारंभ