VIDEO: 8 पशुपालन डिप्लोमा संस्थानों के मामले में बड़ा खेल ! देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: बीकानेर के शिक्षा के एक मंदिर यानी वेटरनरी विश्वविद्यालय ने करीब 500 विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने की ओछी हरकत की है. जिन कॉलेजों को मान्यता मिल ही नहीं सकती थी, उन्हें वेटरनरी विश्वविद्यालय ने न केवल आनन-फानन में मान्यता दे दी, बल्कि खुद की काउंसलिंग में विद्यार्थी भी अलॉट कर दिए. हद तो यह है कि विश्वविद्यालय को किसी भी कॉलेज को राज्य सरकार की एनओसी के बिना मान्यता देने का अधिकार ही नहीं है. अब विश्वविद्यालय की इस गड़बड़ कार्यप्रणाली के चलते हाईकोर्ट ने काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.  

बीकानेर के राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सतीश कुमार गर्ग के खिलाफ आपराधिक प्रकरण लंबित होने के आरोप हैं. एक तरफ उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण होते हुए भी कुलपति बनने के मामले की जांच नहीं हो सकी है. उनके द्वारा की जा रही असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में गड़बड़ी मानते हुए राज्य सरकार रोक लगा चुकी है. अब पशुपालन डिप्लोमा संस्थानों को मान्यता देने के मामले में उनका एक और कारनामा सामने आया है. वेटरनरी विश्वविद्यालय ने पशुपालन डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में 3 ऐसे संस्थानों को मान्यता दे दी, जिनके लिए राज्य सरकार ने एनओसी जारी ही नहीं की थी. जबकि 5 कॉलेजों में पशुपालन डिप्लोमा की सीट 50 से बढ़ाकर 100 कर दी गई. इसके लिए भी राज्य सरकार ने इन संस्थानों को अनुमति नहीं दी थी. फरवरी माह में आनन-फानन में मात्र 5 दिन में इन संस्थानों को मान्यता जारी कर दी गई और इसके बाद अगले 2 दिन में काउंसलिंग कर इन्हें विद्यार्थी भी अलॉट कर दिए. हद तो यह है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने राज्य सरकार को इसकी कॉपी भी नहीं भेजी. 

इन संस्थानों पर दिखाई गई मेहरबानी:
- 5 संस्थानाें की पशुपालन डिप्लोमा पाठ्यक्रम की सीट 50 से बढ़ाकर 100 की गई
- गोवन्दम लाइवस्टॉक असिस्टेंट डिप्लोमा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट फागी, जयपुर
- अमृतम लाइवस्टॉक असिस्टेंट डिप्लोमा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बाटावडी, बारां
- गौरव लाइवस्टॉक असिस्टेंट डिप्लोमा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट सवाईमाधोपुर
- गुरुकुल कॉलेज ऑफ वेटरनरी साइंस लाखेरी, बूंदी
- सौरभ कॉलेज ऑफ वेटरनरी साइंस खेड़ा हिंडौनसिटी, करौली
- वहीं 3 नए कॉलेज इसी साल खोले और 100 सीट की मान्यता दे दी
- शिवज्ञान लाइवस्टॉक डिप्लोमा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट रुंडल, आमेर जयपुर
- महात्मा गांधी लाइवस्टॉक असिस्टेंट डिप्लोमा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट मेघराजसिंहपुरा जमवारामगढ़
- स्वामी विवेकानंद लाइवस्टॉक डिप्लोमा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट हिंडौनसिटी, करौली

अब आपको बताते हैं कि इन डिप्लोमा संस्थानों पर मेहरबानी किस तरह दिखाई गई. पशुपालन विभाग ने पिछले साल पशुपालन डिप्लोमा संस्थानों को मान्यता देने के लिए पशुपालन डिप्लोमा संस्थान की स्थापना/संचालन नीति 2022 जारी की थी. नीति में यह निर्धारित किया गया था कि नए पशुपालन डिप्लोमा संस्थान शुरू करने के लिए सम्बंधित संस्थान को राज्य सरकार से एनओसी प्राप्त करनी होगी. यहां तक कि सरकारी या निजी विश्वविद्यालयों को भी इस तरह के संस्थान चलाने के लिए राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरूरी होगा.

नए संस्थान के लिए यह है नियम:
- डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालन हेतु राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरूरी
- संस्थाओं के आवेदन पर राज्य सरकार द्वारा गठित संवीक्षा समिति समीक्षा करेगी
- राज्य सरकार का निरीक्षण दल संस्थान में विजिट कर हर तरह की जांच करेगा
- दल की रिपोर्ट पर राज्य सरकार संस्था को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करेगी
- यह प्रमाण पत्र अधिकतम 50 सीट के लिए 2 वर्ष के लिए जारी किया जाएगा 
- सरकार की NOC के बाद संस्था को वेटरनरी विश्वविद्यालय बीकानेर से मान्यता लेनी होगी
- 3 कॉलेजों को विश्वविद्यालय ने अपनी मान्यता पहले दे दी, सरकार की NOC देखी ही नहीं

सीट बढ़ाने के लिए यह हैं नियम:
- संस्था को 1 लाख रुपए फीस जमा कराते हुए सरकार को आवेदन करना होगा
- राज्य सरकार के सक्षम स्तर से गठित कमेटी संस्था का निरीक्षण करेगी
- निरीक्षण कमेटी में वेटरनरी विश्वविद्यालय का भी एक सदस्य शामिल होगा
- कमेटी की रिपोर्ट पर संस्था की सीटें 50 से बढ़ाकर 100 की जा सकेंगी
- 5 कॉलेजों की सीटें बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय ने अपनी कमेटी बना निरीक्षण कराया 
- इस कमेटी में राज्य सरकार का एक भी व्यक्ति शामिल नहीं था

इस तरह यह साफ है कि इन 5 संस्थानों की सीट बढ़ाने और 3 नए संस्थानों को मान्यता देने में राज्य सरकार की नीति को पूरी तरह दरकिनार किया गया है. दरअसल विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन सभी संस्थानों का मात्र 5 दिन में निरीक्षण करवाते हुए न केवल मान्यता दे दी, साथ ही काउंसलिंग के जरिए सभी संस्थानों को 100-100 छात्र भी अलॉट कर दिए. 3 नए कॉलेजों को नियमानुसार 50 सीट ही आवंटित हो सकती थी, जबकि इन्हें भी 100 सीट की मान्यता दे दी गई है.

जेट की स्पीड से विश्वविद्यालय प्रशासन ने दी मान्यता !
- 15 फरवरी को वेटरनरी विश्वविद्यालय ने 2 आदेश जारी किए
- 5 संस्थानों को सीट बढ़ाने के सम्बंध में एक आदेश जारी किया
- इसमें कहा गया कि 14 फरवरी को राज्यपाल के प्रमुख सचिव का पत्र आया है
- इसमें 5 पशुपालन डिप्लोमा संस्थानों की सीट 50 से बढ़ाकर 100 की जानी है
- इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन एक कमेटी बनाकर 3 दिन में रिपोर्ट दे
- इसी तरह 3 नए संस्थानों को मान्यता देने के लिए भी कमेटी बनाने के आदेश हुए
- 15 फरवरी के इन दोनों आदेशों में 3 लोगों की एक कमेटी बनाई गई
- कमेटी ने मात्र 3 दिन में 5 जिलों के 8 कॉलेजों का निरीक्षण कर रिपोर्ट भी दे दी
- विश्वविद्यालय ने तुरंत ही इन कॉलेजों को मान्यता देते हुए काउंसलिंग में शामिल किया
- 22 फरवरी को छात्रों को कॉलेज अलॉट हो गए, 1 मार्च को एडमिशन कर दिए