उदयपुर : झीलों का शहर उदयपुर यूं तो अपनी नैसर्गिक खूबसूरती से दुनिया भर के सैलानियों की पहली पसंद बना हुआ है, लेकिन यहां की प्राकृतिक आबो हवा पानी में रहने वाले घड़ियालों के परिवारों के लिए भी खासी रास आ रही है. यही वजह है कि उदयपुर अब घड़ियालों के ब्रीडिंग केंद्र के रूप में भी उभर रहा है. सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में करीब 10 वर्ष पूर्व लाए गए घड़ियाल परिवार से बड़ी खुशखबरी सामने आई है.
उदयपुर का सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क घड़ियाल की नई पीढ़ी से आबाद हुआ है. यहां पार्क में पहली बार 2 मादा घड़ियाल ने अंडे दिए और अब उनसे क़रीब 2 दर्जन बच्चे निकल आये हैं. दरअसल सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के निर्माण के बाद यह पहला अवसर है, जब घड़ियाल परिवार से खुश खबरी आई है. यहां दस वर्ष से घड़ियाल की आबादी नहीं बढ़ रही थी. ऐसे में वन विभाग की ओर से ब्रीडिंग का अनुकूल वातावरण तैयार किया जिसमें वन विभाग को सफलता मिली है और इनका प्रजनन शुरू हो पाया है.
प्रदेश में 2015 में उदयपुर में सबसे पहले बायोलॉजिकल पार्क की शुरुआत हुई थी. 10 साल पूर्व जयपुर चिड़ियाघर से यहां घडियाल लाए गए. इनमें से दो मादा और एक नर घड़ियाल लम्बे समय से बायोलॉजिकल पार्क के पोण्ड में मौजूद हैं , लेकिन इतने लम्बे समय के बावजूद इनकी आबादी नहीं बढ़ रही थी चूंकि घड़ियाल का प्राकृतिक रहवास नदियों में होता है. ऐसे मै यहाँ भी कुछ वैसा ही अनुकूल वातावरण तैयार किया गया. इसके बाद पहली बार यहां घड़ियाल का प्रजनन शुरू हो पाया.
अंडे देने के बाद 60 से 90 दिन की अवधि में इनसे बच्चे निकलते हैं. जिसकी शुरुआत हो चुकी है. उपवन संरक्षक देवेंद्र तिवारी ने बताया की खास देखभाल घड़ियाल के अंडों से करीब सप्ताहभर पहले बच्चे निकलना शुरू हुए हैं. अभी उन्हें मांओं के साथ पोण्ड में ही रखा गया है. जब ये बच्चे तीन सप्ताह के हो जाएंगे तो इन्हें पूरी तरह चिकित्सकीय निगरानी के लिए नर्सरी में छोडा जाएगा. घड़ियाल परिवार से आई खुशखबरी ने बायोलॉजिकल पार्क आने वाले सैलानियों के चेहरों पर खुशी की रौनक और बढ़ा दी है. पार्क घूमने आने वाले पर्यटक पौंड में घड़ियाल के इतनी संख्या में बच्चे देख खुश हो रहे है.
...रवि कुमार शर्मा,फर्स्ट इंडिया न्यूज़, उदयपुर