VIDEO: पढ़ने की उम्र में कचरा बीन रहे बच्चे, डोर टू डोर कचरा संग्रहण फर्म करवा रही बाल मजदूरी, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: लाख सरकारी दावे के बावजूद जयपुर में बच्चे पढ़ने की उम्र में कचरे बीन रहे हैं, सरकार बच्चों के भविष्य के लिए चिंतित होने का दावा  करती है, लेकिन जयपुर में नगर निगम प्रशासन और डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली कम्पनी की लापरवाही से जयपुर के नौनिहाल का सपना इस कूड़े के ढेर के नीचे दबता हुआ नजर आ रहा हैं. मानसरोवर में रोज सुबह घर से कचरा उठाने आ रही गाड़ी पर नोनिहाल को कचरे की गाड़ी पर बिठा दिया जाता है.

डोर टू डोर कचरा संग्रहण फर्म करवा रही बाल मजदूरी

कचरा संग्रहण हूपरों पर बच्चों से उठवाया जा रहा कचरा

लापरवाह होते निगम के जिम्मेदार अधिकारी

संबधित फर्म के खिलाफ कई बार आई शिकायत

लेकिन अधिकारियों की मेहरबानी के चलते फर्म को अभयदान

जिस उम्र में बच्चों को शिक्षा लेनी चाहिए उस उम्र में बच्चे कचरा  बीनने का काम कर रहे है मानसरोवर जोन में डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली फर्म अपने हूपरो पर बच्चों पर ‌विठाकर कचरा बिनवा रही है कई बार शिकायत करने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने संबधित फर्म के खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाई नहीं की अब आलम  ये है कि रोज गाडी आती है और नोनिहाल कचरे की गाड़ी के उपर बैठक कचरे में से प्लास्टिक के सामान अलग करते हुए दिखाई देते है.

सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू किया, ताकि गरीबों के बच्चों को भी बेहतर तालीम मिल सके, लेकिन यहां बच्चे कूड़े के ढेर पर अपना भविष्य तलाश रहे हैं. उनकी रोजी-रोटी इसी कचरे की ढेर पर टिकी हुई है. यानी कूड़े के ढेर में कबाड़ चुनकर ही वे अपनी रोजी-रोटी चला रहे हैं, कूड़े के ढेर में कबाड़ चुनने के चलते बच्चे गंभीर बीमारियों की चपेट में भी आ रहे हैं, लेकिन वह करें तो क्या करें,कचरा उठाने के लिए जब घर-घर गाड़ी जाती है उस गाड़ी पर मासूम सच्चे होते है जो कचरा उठाने का काम करते है। जिसके एवज मे कम्पनी की और से चंद पैसे दिए जाते है.

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