राज्यसभा में गतिरोध जारी, कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित

नई दिल्ली: राज्यसभा में अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण उच्च सदन की कार्यवही सोमवार को एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर करीब पांच मिनट पर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे की वजह से आज भी उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया. अपराह्न दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही दोबारा आरंभ हुई, सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों को राज्यसभा दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि सदन चर्चा, बहस और विचार विमर्श के लिए है ना कि व्यवधान और हंगामे के लिए. 

उन्होंने सदस्यों से अपील की कि वे सदन की कार्यावाही सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करें और सदन की गरिमा सुनिश्चित करें. सभापति ने इसके बाद ‘प्रतिस्पर्धा संशोधन विधेयक, 2022’ पेश करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का नाम पुकारा. इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने अडाणी मुद्दे की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी. हंगामे के बीच ही इस विधेयक को बिना चर्चा के ध्वनिमत से मंजूरी दे गई. इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने करीब दो बजकर पांच बजे सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी. उच्च सदन की अगली बैठक अब बुधवार को होगी क्योंकि मंगलवार को महावीर जयंती के कारण अवकाश रहेगा. ‘प्रतिस्पर्धा संशोधन विधेयक, 2022’ गत सप्ताह लोकसभा से पारित हुआ था. पिछले वर्ष अगस्त में निचले सदन में इसे पेश किया गया था. इससे पहले, पूर्वाह्न 11 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाना शुरू किया. 

इस बीच विपक्षी सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे की जांच के लिए जेपीसी गठित करने की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी. सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे सहित कांग्रेस के कई सदस्य काले कपड़े पहन कर सदन में आए थे. कुछ सदस्यों ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से, कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर की गई उनकी टिप्पणी के लिए माफी की मांग को लेकर नारे लगाए. इस दौरान पुरी सदन में उपस्थित थे. हंगामे के बीच ही सभापति ने दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और बैठक को, शुरू होने के करीब तीन मिनट के भीतर ही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया. गौरतलब है कि 13 मार्च से शुरू हुए बजट सत्र के दूसरे चरण में विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण उच्च सदन में लगातार गतिरोध बना हुआ है. सोर्स- भाषा