नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महंगाई के विषय को लेकर शनिवार को आरोप लगाया कि इस समस्या लिए मौजूदा सरकार जिम्मेदार है जो ‘इतिहास की सबसे नाकारा सरकार’ है.
उन्होंने यह दावा किया कि मौजूदा समय में विपक्ष और जनता से पूछे बिना मनमाने ढंग से फैसले हो रहे हैं जो ‘तानाशाही की किताब का पहला पन्ना है.’राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि महंगाई आज भारत की सबसे जटिल समस्याओं में से एक है. इसकी ज़िम्मेदार भारत के इतिहास की सबसे नाकारा सरकार है. दवाइयों की क़ीमतें इस साल फिर से चुप-चाप 11 प्रतिशत से ज़्यादा बढ़ा दी गईं हैं! स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा का खर्च आसमान छूता जा रहा है. उनका कहना है कि ये सारे ज़रूरी खर्चे हैं, आम लोगों के जीवन का अभिन्न अंग हैं. जहां सरकार को इन्हे धीरे धीरे निशुल्क करने की कोशिश करनी चहिए, वहीं वो उसे और महंगा करते जा रहे हैं. ऊपर से बेरोज़गारी, सुस्त अर्थव्यवस्था के कारण नौकरीपेशा लोगों की आमदनी न बढ़ना, और उसके उपर महंगाई की मार, किस्तें बढ़ती जा रही हैं, कर्ज लेकर चुकाना और अपने घर के खर्चे चलाने की जद्दोजहद में हर परिवार की ज़िंदगी फंसी हुई है.
यूपीआई ट्रांसफर पर भी सरचार्ज लगेगा:
उन्होंने दावा किया कि मैं यूं हीं इन्हें ‘जेबकतरी सरकार’ नहीं कहता. आपकी जेब काटी जा रही है, मगर कहीं इस बात की चर्चा नहीं है, न आपके पसंदीदा न्यूज़ चैनल पर, न ही किसी सरकारी घोषणा में. चर्चा हो रही होगी तो बस सांप्रदायिकता की, या फ़िर झूठी कहानियां गढ़ी जा रही होंगी. राहुल गांधी ने कहा कि यूपीआई ट्रांसफर पर भी सरचार्ज लगेगा, ये कभी आपने सोचा था, जब आपको डिजिटल भुगतान करने के लिए प्रेरित किया गया था? आप मेहनत कर के कमाएं, सरकार को टैक्स चुकाएं और अब पैसों के लेन देन में भी अलग से पैसे दें.
लोकतंत्र के मंदिर में भी इस पर सवाल जवाब नहीं होगा:
उनके मुताबिक पेट्रोल-डीज़ल तो महंगा था ही, अब गाड़ियां और टोल टैक्स भी महंगा होगा. संदेश साफ है - गाड़ी लेना चाहे आपकी ज़रूरत हो या ख्वाहिश, दोनों से आंखें मूंद लें. इस सरकार के रहते तो ये मुश्किल है. और ये मुश्किलें दिन प्रति दिन बढ़ती ही जाएंगी. राहुल गांधी ने कहा कि संसद बंद है तो जाहिर सी बात है कि लोकतंत्र के मंदिर में भी इस पर सवाल जवाब नहीं होगा. मनमाने फैसले ले कर, बिना विपक्ष या जनता से सलाह किए बस थोप देना, मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, ये तानाशाही की किताब का पहला पन्ना है.उधर, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भारतीय प्रतिभूति विनियम बोर्ड द्वारा अडाणी समूह से जुड़े कुछ लेनदेन की जांच किए जाने का दावा करने वाली एक खबर का हवाला देते हुए कहा कि सेबी को डरना हीं चाहिए. उन्होंने ट्वीट किया कि अगर (खबर) सच है तो सेबी डरो मत. सोर्स-भाषा