भारतीय मीडिया काफी मजबूत, दुनियाभर में विमर्श तय करने की क्षमता रखता है- Anurag Thakur

भारतीय मीडिया काफी मजबूत, दुनियाभर में विमर्श तय करने की क्षमता रखता है- Anurag Thakur

नागपुर: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को कहा कि भारतीय मीडिया काफी मजबूत है और दुनियाभर में विमर्श तय करने की क्षमता रखता है. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ विदेशी मीडिया घरानों ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत के बारे में ‘‘झूठी’’ खबरें फैलाईं और देश की छवि खराब करने का यह एजेंडा न केवल देश के बाहर से चलाया जा रहा था, बल्कि कई भारतीय नेताओं ने उस अवसर का अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया.

क्या भारतीय मीडिया पूरी तरह से ध्रुवीकृत है? विषय पर लोकमत नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से, मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि भारतीय मीडिया पहले भी स्वतंत्र था, आज भी स्वतंत्र है और भविष्य में भी रहेगा.

खबरों में गंगा नदी में बहते हुए:
उन्होंने कहा कि लेकिन एक सवाल उठता है कुछ राजनीतिक दल अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा लोगों के विकास और कल्याण में लगाने के बजाय अपने स्वयं के कल्याण और गुणगान के लिए उपयोग करते हैं. इन सबका असर कई बार खबरों में भी देखने को मिलता है, जब आठ से नौ अखबारों के शीर्षक लगभग एक जैसे होते हैं और ऐसा एक बार नहीं, 50 बार होता है. ठाकुर ने कोविड-19 महामारी के दौरान कवरेज के लिए कुछ विदेशी मीडिया घरानों पर निशाना साधते हुए कहा कि खबरों में गंगा नदी में बहते हुए और उसके किनारे पड़े शवों को दिखाया गया था.

बिना तथ्यों की जांच किए उन खबरों को चलाया:
उन्होंने दावा किया कि ये खबरें सच नहीं थीं, लेकिन बड़ी संख्या में मीडिया घरानों ने बिना तथ्यों की जांच किए उन खबरों को चलाया. इससे सिर्फ एक व्यक्ति की छवि खराब नहीं होती बल्कि पूरे देश की छवि खराब होती है. और यह एजेंडा और दुष्प्रचार न केवल देश के बाहर से चलाया जा रहा है, बल्कि भारत के कई नेताओं ने भी इस अवसर का इस्तेमाल अपने स्वार्थ के लिए किया है. मंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान, कुछ राजनीतिक नेताओं ने कोविड-रोधी भारतीय टीकों पर सवालिया निशान खड़े किए.

आईना साफ रखने की जिम्मेदारी भी मीडिया की होनी चाहिए: 
उन्होंने कहा कि मैं उनकी सोच पर सवाल नहीं उठा रहा हूं, लेकिन सवाल उठता है कि क्या वे राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा कर रहे थे या किसी विदेशी कंपनी के लिए ‘मार्केटिंग’ कर रहे थे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर (दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा) उठाए गए सवालों को ‘गलत’ करार दिया. उन्होंने कहा कि मीडिया समाज और सरकार को आईना दिखाता है, लेकिन आईना साफ रखने की जिम्मेदारी भी मीडिया की होनी चाहिए. सोर्स-भाषा