Jaipur News: प्रतिबंध के बावजूद भी किया जा रहा Single Use Plastic का उपयोग, करीब एक साल बाद भी स्थिति जस की तस

जयपुर: 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया लेकिन आज की तारीख में भी सिंगल यूज प्लास्टिक बिना किसी रोक टोक के बाजार से लेकर सब्जी मंडियों में आसानी से उपलब्ध है. हालांकि दोनों नगर निगमों की ओर से सिंगल यूज प्लास्लिटक को लेकर कार्यवाई भी की गई लेकिन इस कार्यवाई का शहर में किसी प्रकार का व्यापक असर देखने को नहीं मिला. कुछ दिनों बाद याना कि 1 जुलाई 2023 को इस अभियान को एक साल पूरे होने जा रहे है लेकिन आज भी स्थिति वो ही नजर आई जो एक साल पहले थी. 

- 1 जुलाई 2022 से प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक पर ग्रेटर की कार्यवाही
- प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर गठित की गई टास्क फोर्स
- ग्रेटर के सात जोनों में निरीक्षण के लिए गठित की गई टास्क फोर्स
- लगभग एक साल में ग्रेटर निगम ने जब्त की 498.25 किलों प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक
- दोषियों से 8 लाख 69 हजार रूपये से भी अधिक वसूल की गई जुर्माना राशि
- नगर निगम ग्रेटर की टास्क फोर्स द्वारा किया गया निरीक्षण
- अब तक 1 हजार 870 से भी अधिक प्रतिष्टानों का किया निरीक्षण

नगर निगम ग्रेटर द्वारा 01 जुलाई 2022 से प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करने वाले दोषियों के विरूद्ध ग्रेटर निगम क्षेत्र के सात जोनों में टास्क फोर्स टीम का गठन किया गया. इस टास्क फोर्स टीम की ओर से अब तक कुल 1 हजार 870 से भी अधिक चालान काटे गये हैं. तथा 498.25 किलों से भी अधिक प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक को जब्त किया गया हैं. इसके साथ ही  8 लाख 69 हजार रुपये से भी अधिक जुर्माना राशि भी वसूल की गई.

 

नगर निगम ग्रेटर महापौर सौम्या ने बताया की भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय द्वारा 01 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं के विनिर्माण, आयात, भण्डारण, वितरण, बिक्री और उपयोग को निषेध किया गया है. जिसको लेकर नगर निगम ग्रेटर जयपुर द्वारा 7 जोनों में  टास्क फोर्स का गठन किया गया हैं. जिसके अन्तर्गत जोन उपायुक्त राजस्व अधिकारी, मुख्य सफाई निरीक्षक, वार्ड सफाई निरीक्षक, कांस्टेबल की टीम गठित की गई हैं. जिनके द्वारा दिन प्रतिदिन सब्जी मण्डी, फल मण्डी, रेस्टोरेंट, होटल इत्यादि स्थानों पर निरीक्षण किये जाते हैं तथा दोषियाों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है. 

सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग न करने को लेकर समय समय पर निगमों की ओर से कई तरह के अभियान चलाएं गए जिसमें व्यापारियों संग परिचर्चा, विज्ञापन, सब्जी मंडियों में नुक्कड नाटक सहित अनेक कार्यक्रम शामिल है. प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक के संबंध में मैरिज गार्डन संचालकों, व्यापारिक मण्डल, स्कूल संचालक, स्ट्रीट वेण्डर, होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा संचालकों व धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ जन जागरूकता के लिए कार्यशालाएं भी आयोजित की गई. जिसमें प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने की समझाईश की गई.

गौरतलब हैं कि भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय द्वारा 01 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं के विनिर्माण, आयात, भण्डारण, वितरण, बिक्री और उपयोग को निषेध किया गया है. जिसमें प्लास्टिक युक्त ईयर बडस, गुब्बारों के लिये प्लास्टिक की डंडियाँ, प्लास्टिक के झण्डे, कैन्डी स्टीक, आईसक्रीम की डंडियाँ, पॉलीस्टाइरीन की सजावटी सामग्री, मिठाई के डिब्बों के इर्द-गिर्द लपेटने अथवा पैक करने वाली फिल्में, 100 माईक्रोन से कम मौटाई वाले पी.वी.सी. बैनर सम्मिलित हैं. यहां तक की दोनों ही नगर निगमों की ओर से सब्जी मंड सहित अन्य जगहों पर जूट के थैलों की मशीन लगाई गई जिसमें आमलोग को महज पांच रुपए मशीन में डालने पर थैला प्राप्त होगा लेकिन निगम के इन सब प्रयासों का आम जनता पर कोई फर्क नहीं दिखाई दिया. भले ही नगर निगमों की ओर से सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर चालान की कार्रवाई की जा रही है लेकिन जिस उद्देश्य से प्लास्टिक को बैन किया गया था वह उद्देश्य आज भी अधूरा है.