VIDEO: अटके मामलों के निस्तारण के लिए जेडीए राज्य सरकार को भेजेगा मार्गदर्शन, ताकि आचार संहिता के दौरान कवायद हो सके पूरी, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान में लागू विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान अटके कार्यों के निस्तारण के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण राज्य सरकार से मार्गदर्शन लेगा. आपको बता दें कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता 9 अक्टूबर को लागू हो गई थी. इसके बाद जेडीए ने विभिन्न मामलों में मार्गदर्शन के लिए राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा था. तब जेडीए ने राज्य सरकार से विभिन्न बिंदुओं पर राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा था. इस पर नगरीय विकास विभाग ने जवाब दिया कि पहले इन बिंदुओं पर जेडीए अपने स्तर पर खुद विचार करे. इसके बाद भी जरूरी हो तो मार्गदर्शन के लिए विस्तृत प्रस्ताव बनाकर विभाग को भिजवाया जाए. इस प्रस्ताव पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित स्क्रीनिंग कमेटी में विचार किया जाएगा. इसके बाद जेडीए ने मंथन के बाद प्रमुख तौर पर दो बिंदुओं पर मार्गदर्शन मांगने का फैसला किया है. इसमें सबसे पहला बिंदु सीधे तौर पर आमजन से जुड़ा है.

JDA सरकार से मांगेगा मार्गदर्शन:
-जिस दिन आचार संहिता लागू हुई थी उसी दिन नगरीय विकास विभाग ने आदेश जारी किया था
-इस आदेश में विभाग ने रियायती या नि:शुल्क पट्टा देने पर पाबंदी लगा दी थी
-प्रशासन शहरों के संग अभियान में जयपुर जैसे बड़े शहर में 75 रुपए प्रति वर्गगज में पट्टा देने का प्रावधान था
-एक अनुमान के मुताबिक जेडीए में 15 से 20 हजार प्रकरण ऐसे बताए जा रहे हैं
-जिनमें भूखंडधारी की ओर से पट्टा लेने के लिए रियायती दर पर राशि जमा करा दी है
-यह राशि आचार संहिता लागू होने से पहले जमा कराई गई है
-ऐसे में नगरीय विकास विभाग को प्रस्ताव भेजकर जेडीए मामले में मार्गदर्शन लेगा
-जेडीए विभाग से पूछेगा कि जिन मामलों में राशि जमा कराई जा चुकी है
-क्या उनमें उसी रियायती दर पर पट्टा जारी किया जा सकता है
-अथवा इन मामलों में पट्टा जारी करने के लिए रियायत के बजाए पूरी राशि ली जाए

जेडीए जिस दूसरे मामले में राज्य सरकार से मागर्दशन लेने के लिए विस्तृत प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रहा है,वह मामला शहर के मास्टर प्लान में महत्वूपर्ण संशोधन से जुड़ा है. नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने संशोधन पर मुहर भी लगा दी थी, लेकिन पूरी प्रक्रिया में देर हो गई और इतने में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई. जेडीए चाहता है कि यह संशोधन लागू किया जाए. आपको बताते हैं कि यह मामला क्या है.

क्या है ये मामला?:
-मास्टर प्लान के वॉल्यूम 4 के बिंदु 10.14 के अनुसार 18 मीटर और
-इससे अधिक चौड़ी सड़कें जिनमें मास्टर प्लान के अनुसार मिश्रित व व्यावसायिक भू उपयोग प्रस्तावित किया है
-ऐसी सड़कों के जंक्शन पर व्यावसायिक और मिश्रित भू उपयोग की स्वीकृति नहीं दी जाएगी
-इसी तरह इन सड़कों पर निर्मित फ्लाई ओवर व रेलवे ओवरब्रिज के दोनाें तरफ भी यह स्वीकृति नहीं दी जाएगी
-मास्टर प्लान के वॉल्यूम 2 में भी यही प्रावधान किया गया गया है
-जेडीए ने इस महत्वपूर्ण प्रावधान में संशोधन प्रस्तावित किया है
-इस प्रस्तावित संशोधन के अनुसार 
-इन फ्लाईओवर या आरओबी के नीचे व सर्विस रोड की भूमि पर पार्किंग व सुविधा क्षेत्र विकसित किया गया हो
-साथ ही सर्विस रोड की चौड़ाई मौके पर न्यूनतम 9 मीटर होना जरूरी होगा
-जंक्शन पर स्थित भूखंड के कॉर्नर पर 9 मीटर की रेडियस में भूमि सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए और
- लेकिन सड़क अगर 30 मीटर या इससे अधिक चौड़ी हो तो 12 मीटर की रेडियस में भूमि उपलब्ध कराया जाना जरूरी है
-लेकिन जंक्शन और फ्लाईओवर या आरओबी के दोनों तरफ कोचिंग,सिनेमा हॉल,विद्यालय,महाविद्यालय सहित
-ऐसी गतिविधियां जिनमें में एक ही समय पर भारी यातायात की स्थिति उत्पन्न हो,उनकी स्वीकृति नहीं दी जाएगी
-इन शर्तों की पालना के बाद इन स्थानों पर व्यावसायिक व मिश्रित भू उपयोग की मंजूरी दी जा सकेगी
-इस संशोधन को लागू करने के लिए जेडीए को जेडीए एक्ट की धारा 25 के तहत अधिसूचना जारी करनी है
-अधिसूचना जारी कर आमजन से आपत्ति व सुझाव मांगे जाएंगे,फिर सरकार की स्वीकृति से संशोधन लागू होगा
-अधिसूचना जारी करने की मंजूरी लेने के संबंध में मार्गदर्शन के लिए जेडीए सरकार को प्रस्ताव भेजेगा