VIDEO: लोकसभा चुनाव और कांग्रेस के मुद्दे, राष्ट्रीय और स्थानीय मुद्दों पर वोट मांग रही है कांग्रेस, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: लोकसभा चुनाव को लेकर सियासत उफान पर है. नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी तेज हो चुका है. कांग्रेस ने इस बार भाजपा को घेरने के लिए कईं चुनावी मुद्दें तैयार किए है,जिनके दम पर वह वोट बटोरने के लिए मतदाताओं को लुभाएगी. कांग्रेस इस बार इलेक्टोरल बॉन्ड, गहलोत सरकार की योजनाओं को बंद करने, महंगाई,बेरोजगारी,भ्रष्टाचार औऱ विपक्ष के नेताओं को परेशान करने जैसे मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रही है.

2024 के लोकसभा चुनाव की जंग जारी है. सियासी दलों के एक दूसरे के खिलाफ शब्दों के बाण भी जारी है. राजस्थान में इस बार कांग्रेस ने अपना खाता खोलने के लिए पूरा जोर लगा रखा है. कांग्रेस कोई भी रणनीतिक चूक इस बार नहीं चाहती. लिहाजा मुद्दों के बलबूते कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन करने की रणनीति अपनाई है. कांग्रेस के रणनीतिकारों ने चुनावी जंग जीतने के लिए कईं मुद्दों की एक फेहरिस्त तैयार की है. कांग्रेस प्रत्याशी इन मुद्दों को जनता के बीच रखते हुए कांग्रेस को वोट देने की अपील कर रहे हैं.

---कांग्रेस के चुनावी मुद्दे---
इलेक्टोरोल बॉन्ड घोटाला
विपक्ष के नेताओं को प्रताड़ित करना
विपक्षी नेताओं को जेल में डालना
कांग्रेस सरकार की योजनाओं को बंद करना
भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करना
राजस्थान में बढ़ते अपराध का ग्राफ
महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार
किसानों-मजदूरों की बदहाली
कमजोर अर्थव्यवस्था
सड़क औऱ पानी जैसे स्थानीय बड़े मुद्दे

तो ये वो मुद्दें है जिन्हें कांग्रेस औऱ उनके प्रत्याशी मतदाताओं के बीच रख रहे हैं. अपने भाषणों और सोशल मीडिया के जरिए प्रत्याशी इनको जनता तक पहुंचा रहे हैं. यानि राष्ट्रीय और स्थानीय मुद्दों के जरिए प्रत्याशी माहौल बनाने में जुटे हुए है. हालांकि ज्यादातर प्रत्याशी गहलोत सरकार की चिरंजीवी हैल्थ स्कीम को कमजोर करने औऱ राजीव गांधी युवा मित्रों को बेरजोगार करने जैसे मुद्दों को ही ज्यादा तूल दे रहे हैं.

वहीं एक औऱ खास बात है कि जनता के बीच इन मुद्दों को रखने के दौरान प्रत्याशी दो चीजों का बेहद ख्याल रख रहे हैं. एक तो सीधे पीएम को कोई टारगेट नहीं कर रहा है,दूसरा धर्म औऱ राममंदिर के मसले के खिलाफ बिल्कुल नहीं बोलते अब देखना है कि जो मुद्दें कांग्रेस औऱ उम्मीदवार उठा रहे है उन्हें वोटर्स कितना गंभीर लेते हैं.

...फर्स्ट इंडिया न्यूज के लिए दिनेश डांगी की रिपोर्ट