VIDEO: लोकसभा चुनाव और आदिवासी पॉलिटिक्स ! वागड़ में जड़े जमाने में जुटी कांग्रेस, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: कांग्रेस को अलविदा फिर हाथो हाथ कमल का टिकट महेंद्रजीत मालवीय ने एक दम से कांग्रेस की जमीन को वागड़ में खिसका दिया. कांग्रेस की विधायकी छोड़कर बीजेपी  से बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा सीट का टिकट लाना आदिवासी इलाके में किसी सियासी चमत्कार नहीं था क्योंकि इस तरह की सियासत यहां के लोगों ने कभी देखी नही थी. यही है कारण कांग्रेस को यहां अपने सबसे चर्चित नेता राहुल गांधी का रोड शो कराना पड़ा. कांग्रेस भली भांति जानती है कि मालवीय के बीजेपी में आने के बाद लोकसभा सीट पर मुकाबला आसान नही है,फिर चिंता वागढ़ की दरकती सियासी जमीन की भी है.

राजस्थान की राजनीति के मिजाज में मेवाड़-वागड़ की अलग पहचान है. यहां से जिस पार्टी की चुनावी आंधी चलती है उसी को राजस्थान पर राज करने का अवसर मिलता है. सियासी दल यहां की तासीर को समझते है. लिहाजा बीजेपी ने कांग्रेस के मजबूत और इस इलाके के सबसे प्रभावशाली नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीय को तोड़ कर वागड़ की धरती पर सियासी तूफान ला दिया.मालवीय को हाथों हाथ लोकसभा का टिकट थमा कर बीजेपी ने आदिवासी अंचल में अपनी चुनावी कूटनीति की नई दिशा दे दी. बीजेपी के इसी तूफ़ान को थामने के लिए राजस्थान कांग्रेस कमेटी को बांसवाड़ा में राहुल गांधी का रोड शो कराना पड़ा. वही बांसवाड़ा जो कांग्रेस की उर्वर जमीन कहलाता रहा है, इसी आदिवासी इलाके से निकलकर सूबे के मुख्यमंत्री बनने का गौरव हासिल किया था हरीदेव जोशी ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने बांसवाड़ा में न्याय यात्रा के मंच से हुंकार भर कर जता दिया कि भले ही मालवीय कांग्रेस के साथ नही लेकिन हाथ की ताकत कमजोर नहीं पड़ी है, राहुल गांधी के रोड शो का एक ओर मकसद था स्थानीय कांग्रेसी नेताओं और  कार्यकर्ताओं के भीतर जोश भरना जो मालवीय के बीजेपी में जाने से अवसाद में आ गए थे. बीजेपी ने मालवीय को पार्टी में लाकर और टिकट देकर आक्रामक रुख अपनाया है, साथ ही कांग्रेस पर मनोवैज्ञानिक दबाव पैदा करने का काम किया है.

गोविन्द गुरु की धरती और मामा बालेश्वर दयाल की कर्मस्थली वागड़ की अपनी अलग पहचान है. राजस्थान की इस दक्षिण पट्टी में ना केवल राजस्थान बल्कि गुजरात और एमपी से आने वाली सियासी हवा का असर होता है. बेणेश्वर के किनारे बैठे मावजी महाराज का मंदिर संपूर्ण देश के आदिवासियो का तीर्थ स्थल है. राजनीतिक तौर पर इस इलाके में राजनीति बयार जब बहती है तो एक साथ और एक ही दिशा में बहती है. परम्परागत तौर पर इलाके में कांग्रेस की जड़े गहरी रही है. यहीं से निकले गूदडी के लाल  हरिदेव जोशी ने राजस्थान की मुख्यमंत्री की कुर्सी को संभाला था, भोगी लाल पांड्या, भीखा भाई जैसे नेताओ ने कांग्रेस की जमीन को सींचा वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मिशनरी प्रभाव को थामने के लिये आदिवासी अंचल में  सालों पहले काम शुरु कर दिया था. आगे चलकर वागड़ में बीजेपी को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई सुंदर सिंह भंडारी और गुलाब चंद कटारिया ने मेवाड़ और वागड़ में  कांग्रेस के ग्राफ को बीजेपी ने आर एस एस की मदद से ध्वस्त किया. अब बीजेपी ने अपनी कूटनीति को नई धार दी है. मालवीय को बीजेपी का लोकसभा टिकट मिलने के  कारण राजस्थान के दक्षिणी आदिवासी बहुल अंचल की एक दर्जन से अधिक आदिवासी बहुल सीटों पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है.

-- वागड़ का राजनीतिक मिजाज --

---डूंगरपुर जिले की 4 विधानसभा सीट ---
डूंगरपुर में बीते चुनाव में BTP ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को नुकसान पहुंचाया
 चौरासी में BAP के राजकुमार रोत बड़े अंतर से चुनाव जीते
आसपुर से भी BAP के उमेश मीना जीत दर्ज की
 सागवाड़ा में बीजेपी के शंकर लाल डेचा चुनाव जीते
वही डूंगरपुर से कांग्रेस के गणेश घोघरा लगातर विधायक बने
जिले डूंगरपुर जिले की चार विधानसभा सीटों में से दो पर BAP ने जीत दर्ज की 1-1 सीट बीजेपी और कांग्रेस के खाते में गई.

--- बांसवाड़ा जिले मेंं 5 विधान सभा क्षेत्र आते है ---
बांसवाड़ा जिले में कांग्रेस का बेहतरीन प्रदर्शन रहा
यहां पांच में से चार सीटों को कांग्रेस ने जीता
बागीदौरा, बांसवाड़ा,कुशलगढ़ और घाटोल से कांग्रेस विधायक बने
बागीदौरा विधायक महेंद्रजीत मालवीय जीते थे कांग्रेस टिकट पर
बांसवाड़ा से कांग्रेस टिकट पर फिर विधायक बने अर्जुन बामनिया
 कुशलगढ़ से कांग्रेस टिकट रमिला खड़िया जीती
घाटोल से कांग्रेस विधायक बने नाना लाल नीनामा
एकमात्र गढ़ी से बीजेपी के विधायक कैलाश मीना चुनाव जीते
अब अब बागीदौरा विधायक मालवीय ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया
लिहाजा बागीदौरा में विधानसभा का उपचुनाव होगा

---- प्रतापगढ़ जिले के 2 विधानसभा क्षेत्र --
यहां कांग्रेस को नुकसान हुआ
एक सीट बीजेपी ने जीती और एक सीट भारतीय आदिवासी पार्टी ने
BAP ने प्रतापगढ़ जिले में खाता खोला
प्रतापगढ़ से बीजेपी के विधायक बने हेमंत मीना
धरियावद से चुनाव जीते BAP के थावर चंद मीना

---उदयपुर ग्रामीण के आदिवासी बहुल विधानसभा क्षेत्र---
यहां चार विधानसभा क्षेत्र आते है
यहां कांग्रेस की लाज रखी केवल दयाराम परमार ने
खैरवाड़ा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दयाराम परमार फिर एमएलए बने
झाडोल से बीजेपी विधायक बने बाबू लाल खराड़ी
गोगुंदा से बीजेपी विधायक हैं प्रताप लाल भील गमेती
सलूंबर से बीजेपी विधायक बने अमृत लाल मीणा 
कांग्रेस के सामने चुनौती बीजेपी-मालवीय ही नही है बल्कि दूसरी चुनौती है भारतीय आदिवासी पार्टी. BAP ने कांग्रेस को बीते विधानसभा चुनाव में भी नुकसान पहुंचाया है. राहुल गांधी की सोच है कि वागड़ की धरती पर कांग्रेस की मजबूती बरकार रहे.