जयपुर: सीजन में बदलाव के साथ ही प्रदेश में मंप्स वायरस भी एक्टिव मोड में है. प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में वायरस के मरीज आने शुरू हो गए है. चिंता की बात ये है कि बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी इस वायरस का स्प्रेड देखा जा रहा है, जिसके कारण कुछ मरीज सुनाई देना बन्द होने जैसी शिकायतें भी कर रहे है.
प्रदेश में गर्मी की दस्तक के साथ ही मौसमी बीमारियों ने पैर पसारना शुरू कर दिया है. घर घर में खांसी, बुखार के मरीज देखे जा रहे है, लेकिन इन सबके बीच मंप्स वायरस के केस भी तेजी से बढने देखे जा रहे है. प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में इस वायरस के मरीज पहुंच रहे हैं. चिकित्सकों के मुताबिक बुखार,कान के पास सूजन-दर्द की शिकायत को लेकर मरीज डॉक्टर्स के पास पहुंच रहे हैं. जेके लोन अस्पताल की बात की जाए तो यहां रोजाना कुछ बच्चे इस वायरस से संक्रमित होकर पहुंच रहे है, जबकि एसएमएस में भी मंप्स वायरस के मरीज रिपोर्ट हो रहे है.
चिकित्सकों के मुताबिक ये कोई नई बीमारी नहीं है, बस पहले ये बच्चों में ही ज्यादा होती थी, लेकिन अब कुछ मामलों में बड़ों में भी केस दर्ज किए जा रहे है.
संक्रमण के एक से दो सप्ताह बाद लक्षण
प्रदेशभर में सामने आ रहे मंप्स वायरस से जुड़ी खबर
चिकित्सकों के मुताबिक मंप्स है एक वायरल बीमारी
लेकिन अधिकांश मरीजों में सात से 15 दिन बाद दिखते है लक्षण
ऐसे में चिकित्सकों की माने तो किसी को तेज बुखार,
कान के आस-पास सूजन और तेज दर्द की हो शिकायत
तो इसे सामान्य मानकर नजरअंदाज करने के बजाय ले परामर्श
यह बरतें सावधानी
मंप्स संक्रामक बीमारी, ऐसे में सावधानी जरूरी
ऐसे मरीजों को उपचार के दौरान रखा जाए आइसोलेट
बच्चों पर दे विशेष फोकस,क्योंकि इनमें ज्यादा फैलती है बीमारी
कोई बच्चा संक्रमित हो तो मीजल्स, मंप्स, रूबेला का लगवाएं टीका
मंप्स वायरस के भले की केस सामने आ रहे हो, लेकिन चिकित्सा विभाग के पास इसका कोई अधिकृत डेटा नहीं है. चिकित्सक भी अनुमान के हिसाब से ही बता रहे है कि एक माह से मंप्स के केस आने लगे है. ये वायरस हवा में भी फैलता है, जिसके चलते बच्चों में सर्वाधिक स्प्रेड देखा जाता है.
चिकित्सकों की माने तो आमतौर पर मंप्स वायरस खतरनाक नहीं है. मंप्स वायरस का टीका बाजार में मौजूद है,लेकिन राष्ट्रीय टीकाकरण में इसे नहीं लगाया जाता है. ऐसे में केस बढ़ने के साथ ही अब ये मांग पुरजोर तरीके से उठने लगी है कि इस टीके को भी राष्ट्रीय टीकाकरण में शामिल किया जाए.