जयपुर: प्रदेश के शहरों में व्यावसायिक भूखंड पर ही पूरा बाजार विकसित करने के नए कॉन्सेप्ट के प्रावधान लागू कर दिए गए हैं. इस प्रावधान से एक भूखंड पर ही मॉल, ऑफिस, आवासीय इकाई व छाेटी दुकानें बनाई जा सकेंगी. शहरों में व्यावसायिक भूखंडों पर इस नए शॉप कम रेजीडेंस (एससीआर) या शॉप कम ऑफिस (एससीओ) कॉन्सेप्ट को लागू करने के लिए यूडीएच सलाहकार जीएस संधु की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंथन किया गया था. इसके बाद इसका फाइनल प्रारूप तैयार हुआ. नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग ने हाल ही आदेश जारी कर इस कॉन्सेप्ट के प्रावधानों को भवन विनियमों में शामिल कर दिया है. यही कॉन्सेप्ट चंडीगढ़ में भी लागू है. आपको बताते हैं कि किन प्रावधानों के अनुसार एक ही भूखंड पर मॉल के साथ छोटी दुकानें और ऑफिस व आवासीय इकाईयां बनाई जा सकेंगी.
- अनुमोदित ले आउट प्लान के भूखंड या एकल व्यावसायिक भूखंड पर यह स्कीम लाई जा सकेगी
- इसके लिए भूखंड का साइज कम से कम 5 हजार वर्गमीटर होना जरूरी है
- भूखंड के कुल क्षेत्रफल का 40% हिस्से को ही बेचा जा सकेगा
-इसका मतलब साफ है कि केवल 40% पर ही मॉल,दुकानें,ऑफिस व मकान बनाए जा सकेंगे
- कम से कम 10% हिस्सा छोटी दुकानों के लिए रखना जरूरी होगा
-इस हिस्से में दुकानों के भूखंड का आकार 40 वर्गमीटर से कम होगा
-इस भूखंड पर 12 मीटर ऊंचाई तक तीन मंजिला इमारत बनाई जा सकेगी
-40 से 120 वर्गमीटर तक के भूखंडों पर मॉल बनाए जा सकेंगे
-इन मॉल में दुकानें,आवासीय इकाई व ऑफिस बनाए जा सकेंगे
-इन बड़े भूखंडों पर 15 मीटर ऊंचाई तक चार मंजिला इमारत बनाई जा सकेगी
-खास यह भी है कि छोटे व बड़े सभी भूखंडों पर जीरो सेटबैक पर निर्माण अनुज्ञेय होगा
-मतलब एक भूखंड के 100 प्रतिशत हिस्से में निर्माण किया जा सकेगा
-विकासकर्ता को स्कीम के खाली भूखंडों को बेचने का अधिकार होगा
प्रदेश के शहरों में लाई जाने वाली इस तरह की नई स्कीम के प्रावधानों में जन सुविधाओं, सड़क व पार्किंग की सुविधा का भी ध्यान रखा गया है. इस बाजार में आने वाले ग्राहकों के लिए विकासकर्ता को हर जरूरी सुविधा उपलब्ध करानी होगी. आपको बताते हैं कि इन सबके लिए किस तरह के प्रावधान लागू किए गए हैं.
-भूखंड के कुल क्षेत्रफल का 30 फीसदी हिस्से पर पार्किंग विकसित करनी होगी
-2 फीसदी भूमि जन सुविधाओं के लिए आरक्षित रखनी होगी
-अगर स्कीम में वाहनों का आवागमन रखा जाता है तो
-न्यूनतम 60 फीट चौड़ी आंतरिक सड़कें बनानी होगी
-लेकिन केवल पैदल आवागमन ही रखा जाता है तो
-न्यूनतम 6 मीटर चौड़ा पक्का फुटपाथ का निर्माण करना होगा
-इसके अलावा स्कीम के सभी अन्य प्रावधान भवन विनियमों के अनुसार होंगे