रविंद्र संगीत की प्रख्यात गायिका सुमित्रा सेन का निधन

कोलकाता: रविंद्र संगीत की प्रख्यात गायिका सुमित्रा सेन का मंगलवार सुबह यहां स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. वह 89 वर्ष की थीं. सुमित्रा सेन ब्रोंको-निमोनिया से पीड़ित थीं और उन्हें 21 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि तीन दिन बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी. 

सोमवार को उन्हें घर वापस लाया गया था, जहां तड़के करीब साढ़े चार बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. उनकी बेटी श्रावणी सेन ने फेसबुक पर लिखा कि मां आज सुबह हमें छोड़कर चली गयीं.

सोमवार शाम तक वह लोगों को पहचान पा रही थीं:
सुमित्रा सेन की दोनों बेटियां श्रावणी और इंद्राणी भी रविंद्र संगीत की प्रसिद्ध गायिका हैं. श्रावणी ने बाद में पत्रकारों को बताया कि ब्रोंको निमोनिया के कारण उनके अन्य अंग प्रभावित हो गए थे. उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध गायिका दिसंबर के मध्य में सर्दी की चपेट में आ गई थीं और बढ़ती उम्र के कारण उनकी हालत गंभीर हो गई थी. इंद्राणी ने कहा कि उनकी मां ने पिछले कुछ दिन से बोलना बंद कर दिया था, लेकिन सोमवार शाम तक वह लोगों को पहचान पा रही थीं.

संगीत महासम्मान’ से सम्मानित किया था:
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुमित्रा सेन के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने कहा कि मैं सुमित्रा सेन के आकस्मिक निधन से बहुत दुखी हूं जिन्होंने दशकों तक दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया. मेरे उनके साथ करीबी संबंध थे. पश्चिम बंगाल सरकार ने 2012 में उन्हें ‘संगीत महासम्मान’ से सम्मानित किया था. बनर्जी ने कहा कि उनके निधन से संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है. सुमित्रा दी की बेटियों इंद्राणी और श्रावणी तथा उनके प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. उनके द्वारा गाये ‘मेघ बोलेछे जाबो जाबो’, ‘तोमारी झारनतालार निर्जन’, ‘सखी भबोना कहारे बोले’, ‘अच्छे दुखो अच्छे मृत्यु’ उन सैकड़ों गीतों में से एक हैं जिन्होंने चार दशक से अधिक समय तक रविंद्र संगीत प्रेमियों का मनोरंजन किया. सोर्स-भाषा